भक्ति चालक
"मनुष्य का कर्तव्य है कि वह धर्म का पालन करे... धर्म के बारे में भले ही अलग-अलग राय हो, लेकिन मानवता सभी धर्मों से ऊपर है..." पुणे में एक मुस्लिम दंपत्ति समाज के कमजोर वर्गों की मदद के लिए आगे आ रहा है.2019 से 'मिस फराह चैरिटेबल फाउंडेशन' के माध्यम से डॉ. फराह अनवर हुसैन शेख और उनके पति अनवर शेख ने सामाजिक कार्य शुरू किया है. इस संगठन के माध्यम से वे महिला सशक्तिकरण, बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और आपदा राहत के क्षेत्र में काम करके समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं.
पुणे में लगातार भारी बारिश के कारण मौजूदा आपातकालीन स्थिति में मिस फराह चैरिटेबल फाउंडेशन ने तत्काल मदद का हाथ बढ़ाया है. फाउंडेशन ने बाढ़ प्रभावित नागरिकों के लिए 24 घंटे की हेल्पलाइन शुरू की है. जिसके माध्यम से खासकर वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को तत्काल मदद मिल रही है.
इस कार्य के बारे में बात करते हुए अनवर शेख कहते हैं, "आपदा के समय एक-दूसरे की मदद करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है. इस्लाम सिखाता है कि संकट में फंसे लोगों की मदद करना हमारा धार्मिक और मानवीय कर्तव्य है. ऐसे समय में हम मदद के लिए हाथ बढ़ाने वालों की जान बचा सकते हैं.
इस समय बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को तत्काल मदद पहुंचाना बहुत जरूरी है. हम सभी को एक साथ मिलकर ऐसे राहत कार्यों में एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए."आज तक भारत आने वाले संकटों का एकजुट होकर धैर्यपूर्वक सामना करता आया है. ऐसी ही स्थितियों में 'मनुसाकी' नामक धर्म प्रमुखता से देखा जाता है. फराह फाउंडेशन के माध्यम से पुणे के लोगों को समय-समय पर इसकी पुष्टि मिलती रहती है.
भारी बारिश जैसी आपातकालीन स्थितियों में नागरिकों को तुरंत प्राथमिक उपचार की आवश्यकता होती है. तब उस स्थिति में, संगठन बाढ़ पीड़ितों को तत्काल मदद प्रदान करता है.
ऐसी मदद...
- आपातकालीन स्थिति में 500 मिली. तक मुफ्त पेट्रोल
- बाढ़ पीड़ितों के लिए मुफ्त दूध, ब्रेड और बिस्किट की व्यवस्था
- संपर्क में रहने के लिए मुफ्त पावर बैंक और चार्जर.
- तत्काल चिकित्सा सहायता और प्राथमिक उपचार
नागरिकों के लिए तत्काल सहायता के लिए 24 घंटे उपलब्ध हेल्पलाइन नंबर - 8459867838
यह सामाजिक संगठन दापोडी में स्थायी है. फराह अनवर हुसैन शेख के नेतृत्व में पूरे देश में काम करती हैं. आपातकाल के बारे में बात करते हुए फराह ने कहा, "इस संकट के दौरान जरूरतमंद पुणे के लोगों की मदद करना हमारा कर्तव्य है. हम पुणे के लोगों के पीछे अपनी सेवाएं देने जा रहे हैं.
हमारा संगठन हमेशा आपदा के समय पुणे के लोगों के साथ है और आपदा राहत में उनकी मदद करने का प्रयास करता रहेगा."
डॉ. फराह अनवर हुसैन शेख इस संगठन के माध्यम से कई लोगों के लिए मसीहा बन गई हैं. सामाजिक कार्य और महिला सशक्तिकरण में उनके योगदान के लिए उन्हें दिल्ली के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है.
उनके नेतृत्व में, मिस फराह चैरिटेबल फाउंडेशन स्वास्थ्य, शिक्षा और आपदा राहत के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर रहा है.फराह ने विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं के प्रार्थना करने के अधिकार के लिए लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
मुस्लिम महिलाओं को मस्जिदों में नमाज पढ़ने की अनुमति दिलाने की लड़ाई में वे काफी सक्रिय रही हैं. उनके काम को "इकोस ऑफ इक्वालिटी: फरहा शेख की यात्रा" नामक पुस्तक में उल्लेखित किया गया है.
संस्था द्वारा किए जाने वाले सामाजिक कार्यों को धर्म द्वारा दी गई शिक्षा बताते हुए अनवर आगे कहते हैं, "सभी धर्मों की शिक्षा मानवता और धर्म को बढ़ावा देना है तथा प्रेम, सद्भाव और भाईचारे के बंधन को मजबूत करने के लिए काम करते रहना चाहिए.
इस्लाम में हर मुसलमान को मानवता का सेवक माना जाता है.अल्लाह के आदेश का पालन करते हुए जरूरतमंदों की मदद करना न केवल धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि मानवीय जिम्मेदारी भी है."शेख पति-पत्नी समाज के गैर-मुख्यधारा तत्वों को सामाजिक जीवन में मुख्यधारा में लाने के लिए काम कर रहे हैं.
मिस फरहा चैरिटेबल फाउंडेशन की सेवा निश्चित रूप से सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण है. संस्था अपनी सेवा की प्रकृति को इस बात को ध्यान में रखते हुए तय करती है कि समाज के नागरिक वास्तव में क्या चाहते हैं.