Exclusive interview : फिल्म वीर जारा के गायक मोहम्मद वकील ने क्यों कहा,हिंदू भाई साथ नहीं देते तो इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाता
Story by ओनिका माहेश्वरी | Published by onikamaheshwari | Date 17-03-2023
द प्राइड ऑफ इंडिया अवार्ड से सम्मानित प्रसिद्ध भारतीय गजल और पार्श्व गायक मोहम्मद वकील
ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
भारत के प्रसिद्ध गजल और पार्श्व गायक मोहम्मद वकील को मस्कट (ओमान) में द प्राइड ऑफ इंडिया अवार्ड से सम्मानित किया गया है. 24 फरवरी को आयोजित ‘द डेजर्ट स्टोरीज अवार्ड समारोह’ में उन्होंने यह पुरस्कार मुख्य अतिथि भारतीय राजदूत एचई अमित नारंग और सैय्यद मोहम्मद बिन सलीम बिन अली सैय्यद से प्राप्त किया.
फिल्म वीर जारा में आया तेरे दर पर दीवाना… जैसे गीतों को अपनी आवाज से यादगार बनाने वाले मोहम्मद वकील सारेगामा के पहले सीजन के मेगा फाइनल के विजेता भी हैं. पुरस्कार मिलने के बाद वकील ने इस पल को यादगार बताया. उन्होंने कहा- मैं भारत की ओर से यह पुरस्कार प्राप्त कर रहा हूं. मुझे भारतीय होने पर गर्व है. मैं बहुत ही खुशनसीब हूं कि मेरी पैदाइश भारत में हुई और मुझे संगीत विरासत में मिला है और मेरा पूरा वातावरण जयपुर घराने में संगीत की तालीम से भरा पूरा रहा है.
— Awaz -The Voice हिन्दी (@AwazTheVoiceHin) March 10, 2023
बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान और प्रीति जिंटा की रोमांटिक ड्रामा फिल्म 'वीर जारा' में भारत के प्रसिद्ध गजल और पार्श्व गायक मोहम्मद वकील ने प्लेबैक सिंगिंग भी की है. द प्राइड ऑफ इंडिया अवार्ड के बाद उनसे विस्तार में बात की तो पता चला कि मो. वकील ज्यादातर सूफीयाना गायकी भी करते हैं. भारत के प्रसिद्ध गजल और पार्श्व गायक मोहम्मद वकील के गुरु पद्मश्री उस्ताद अहमद हुसैन, उस्ताद मोहम्मद हुसैन साहब हैं. गजल गायकी मोहम्मद वकील दिन में सुबह और शाम गायकी का एक एक घंटे रियाज़ करते हैं.
मोहम्मद वकील का गजल गायकी का गुलदस्ता
गजल गायकी का गुलदस्ता पेश करते हुए मोहम्मद वकील को अत्यधिक प्रसिद्ध गजलें जैसे ‘ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पर रोना आया‘ (बेगम अख्तर), ‘रंजिश ही सही‘ (मेहदी हसन), ‘आज जाने की जिद ना करो‘ (फरीदा खानम), सरकती जाए है रूख से नकाब आहिस्ता आहिस्ता (जगजीत सिंह), हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरहा (गुलाम अली) और स्वयं द्वारा गायी गई गजल ‘ये कसक दिल की दिल में चुभी रह गई‘ बेहद पसंद हैं. गजल गायकी मोहम्मद वकील जयपुरवासियों ही नहीं पुरे विश्व में सभी के दिलों में ऐसी मिठास घोलते हैं कि सभी मंत्र मुग्ध हो उठते हैं.
बातचीत के दौरान गायक मोहम्मद वकील ने मोमिन ख़ाँ मोमिन का एक शेर पढ़ा और कहा कि गायकी उपरवाले से आपको जोड़ने का एकमात्र माध्यम है
तुम मेरे पास होते हो गोया
जब कोई दूसरा नहीं होता
हाल-ए-दिल यार को लिखूं क्यूंकर
हाथ दिल से जुदा नहीं होता
चारा-ए-दिल सिवाए सब्र नहीं
सो तुम्हारे सिवा नहीं होता
क्यूं सुने अर्ज़-ए-मुज़्तर ऐ 'मोमिन'
सनम आख़िर ख़ुदा नहीं होता
मोहम्मद वकील ने संस्कृत भजन और वन्दनाएं गाईं
हमारे रचयिता तक पहुंचने के माध्यम अलग हो सकते हैं मगर मंजिल एक ही है. 1997 में मेने सारेगामा का फाइनल जीता था और 1998 में मेगाफाईनल जीता था और उस समय भी में बहुत सारे संस्कृत भजन और वन्दनाएं गाईं थीं और आज भी गणेश वंदना से ही हमारी हर कार्यक्रम की शुरुवात होतीं है तो बड़ी ही सौभाग्य की बात है कि वो बड़ा ही अच्छा शेर मुझे लगता है कि
जिक्र ए काबा लैब पे आए
जिक्र ए काशी साथ साथ
साथ तो तब है
जब नमाज और आरती हो साथ साथ
मोहम्मद वकील 25 साल से एक ब्राह्मण परिवार के साथ मुंबई में रहेत हैं
मेरे हिन्दू भाई हैं जिन्होनें मुझे और मेरे हुनर को आगे बढ़ाया है और मुझे इस बात कि बहूत खुशी है कि 25 साल से एक ब्राह्मण परिवार है मुंबई में जिनके साथ मैं रह रहा हुँ और जिन्होनें मुझे बेटे जैसा प्यार दिया है. और हमारे भारत की खास बात ही यही है कि यहां सब लोग साथ साथ मिलकर रहते आए हैं और साथ में ही रहते रहेंगें.
सारेगामापा के विजेता
सारेगामापा में पंडित हरीप्रसाद चौरसिया जी, अनिल बिसवास साहब, नौशाद साहब, ओपी नयर जी, कल्याण जी आनंद जी और कितने ही नामी गायक पंडितों के सामने जब मेने गायकी कि तो वो मेरे लिए बहुत ही खास पल था. और उनके हाथों सम्मान मिलना अपने आप में एक अलग बात जस्बात थी.
लता मंगेशकर और दीलिप कुमार के सामने किया परफॉर्म
19 मार्च 2001 को लता मंगेशकर और दीलिप कुमार के सामने भी मेने दो घंटे परफॉर्म किया था और जब खुद सरस्वती माता के साक्षात अवतार ने मेरी गायकी की तारीफ की थी. लता जी के पैर भी मेने छुए थें और उन्होनें कहा कि इस बच्चें को मेने सुना है जिसने मोहोम्मद रफ़ी के गाने और केसरिया बालम भी गया था.
म्यूजिक क्षेत्र में भी सरकार का सहयोग जरूरी
सरकार वैसे तो संगीतकारों के लिए बहुत कुछ कर रहीं है लेकिन म्यूजिक क्षेत्र के लिए भी मैं चाहुंगा कि कुछ ऐसे गीतकार हैं जिनको आर्थिक मदद की आवश्यकता है तो सरकार से और मोदी जी से यही गुजारिश है कि वे सिंगर्स के लिए भी कुछ पेंशन का प्रावधान लाएं ताकि वे भी अपने हुनर को और आगे मुकाम तक पहुंचाएं और अपने परिवार का पालन पोषण भी खूब कर सकें.
जनता का प्यार ही मेरा असली अवार्ड
और मेरा सबसे बड़ा अवार्ड तो यही है कि जब मैं अपने श्रोताओं के लिए अपने फेन्स के लिए कुछ अच्छा कंटेंट रीलीज़ करता हुँ तो उनका प्यार और आशीर्वाद ही मेरे लिए सब कुछ है.
अंत में उन्होनें इन पंक्तियों के साथ अपने शब्दों को विराम दिया