कौन हैं जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के वाइस प्रेसिडेंट उमर अब्दुल्ला

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 09-10-2024
Who is Omar Abdullah, Vice President of Jammu and Kashmir National Conference Party
Who is Omar Abdullah, Vice President of Jammu and Kashmir National Conference Party

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के वाइस प्रेसिडेंट हैं. 10 मार्च 1970 को जन्मे उमर अब्दुल्ला साल 2009 में जम्मू-कश्मीर के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने थे. उमर अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के बेटे हैं. इस वजह से राजनीति से उनका रिश्ता पुराना रहा है और कहीं-न-कहीं उन्हें राजनीति विरासत में मिली है. 
 
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

उमर अब्दुल्ला का जन्म 10 मार्च, 1970 को रोचफोर्ड, एसेक्स, इंग्लैंड में हुआ. वे एक राजनीतिक रूप से प्रतिष्ठित कश्मीरी मुस्लिम परिवार से हैं. उनकी माँ ब्रिटिश थीं और उनके दादा, शेख मुहम्मद अब्दुल्ला, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के संस्थापक थे. उमर ने बॉम्बे विश्वविद्यालय से व्यवसाय में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और स्कॉटलैंड में व्यवसाय प्रशासन में कुछ पाठ्यक्रम किए.
 
राजनीतिक करियर की शुरुआत

उमर ने 1998 में 28 वर्ष की आयु में जेकेएनसी के सदस्य के रूप में लोकसभा के लिए चुने जाने के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. उन्होंने 1999 में फिर से चुनाव जीते और एनडीए सरकार में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के मंत्री बने. 2001 में उन्हें विदेश मंत्री नामित किया गया, जिससे वे इस पद पर सबसे कम उम्र के व्यक्ति बने.
 
मुख्यमंत्री का कार्यकाल

उमर ने 2008 के राज्य विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की और 2009 में जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री बने. उनके कार्यकाल में विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे कि मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप और अलगाववादी उग्रवाद. उन्होंने सेना की शक्तियों पर अंकुश लगाने की वकालत की और AFSPA के निरस्त होने का समर्थन किया.
 
विवाद और इस्तीफा

उमर को 2006 के सेक्स स्कैंडल से जोड़ने के बाद विपक्षी पीडीपी ने उन पर हमले किए. हालांकि उन्होंने इस्तीफा दिया, लेकिन राज्यपाल ने इसे स्वीकार नहीं किया. 2014 के विधानसभा चुनावों में जेकेएनसी ने पीडीपी के हाथों अपनी बहुलता खो दी, जिसके बाद उमर ने दिसंबर 2015 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की.
 
2019 में राजनीतिक गतिविधियाँ

अगस्त 2019 में, जब भारतीय संघ सरकार ने जम्मू और कश्मीर की स्वायत्तता को समाप्त किया, उमर को नजरबंद कर दिया गया. वे उन नेताओं में से एक थे जिन्होंने राजनीतिक गतिविधि से दूर रहने से इनकार किया. उन्हें फरवरी 2020 में सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी करने के आरोप में नजरबंद किया गया, लेकिन मार्च के अंत में रिहा कर दिया गया.
 
 
उमर अब्दुल्ला ने जम्मू और कश्मीर के राजनीतिक सफर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उनकी राजनीतिक यात्रा विभिन्न चुनौतियों और विवादों से भरी रही है, और वे आज भी कश्मीर की राजनीति में एक प्रमुख व्यक्तित्व हैं.