ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
जाकिर हुसैन साहब से कई बार मेरी मुलाक़ात हुई लेकिन आजतक मेने उनके तस्वीर नहीं खिचवाई क्योंकि मेरा सपना था उनके साथ एक ही स्टेज पर बैठकर तबला बजाना जो अधूरा रह गया और वो तस्वीर सिर्फ मेरे मन के किसी कोने में सिसक कर रह गई ये कहना है भारतीय शास्त्रीय तबला वादक साबिर हुसैन का.
साबिर हुसैन ने तबला वादन अपने मामा उस्ताद रफ़ुद्दीन साबरी से सीखा और गंडा बंधाई की रस्म और तबला वादन की बारीकियां सीखने-जानने के बाद इन्होनें अपनी कला का प्रदर्शन विभिन्न नामी कार्यक्रमों में किया.
आइकॉन तबला उस्ताद जाकिर हुसैन
साबिर हुसैन ने आवाज द वॉयस को बताया कि तबला उस्ताद जाकिर हुसैन साहब की हर एक अदा के लोग दीवाने हैं. अगर उन्होनें स्टेज पर बैठकर यूंही कहीं देख भी लिया तो वो भी उनका एक फेमस स्टाइल बन गया. साबिर हुसैन ने बताया कि जाकिर हुसैन साहब की देखा देखी लोगों ने लंबे बाल रखने शुरू किए.
साबिर हुसैन ने आवाज द वॉयस को बताया कि तबला उस्ताद जाकिर हुसैन साहब से जब भी वे मिले तो हमेशा उनके चहरे के भाव से ही वे बड़े प्रभावित हुए.
साबिर हुसैन ने तबला वादन अपने मामा उस्ताद रफ़ुद्दीन साबरी से सीखा और कई कार्यक्रमों में परफॉर्म किया जिसमें श्री बाबा हरीलाल, ताज महोत्सव, साहित्य फेस्टिवल, दिल्ली दरबाद, दिल्ली म्यूजिक फेस्टिवल, पंजाबी अकादमी फेस्टिवल आदी शामिल है. तबले की उनकी थाप देश में गूंजी और खूब सराही गई.
तबला उस्ताद जाकिर हुसैन साहब ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. लेकिन उनका तबला और उनकी रचनाएँ आज भी हमारे साथ हैं. जिसके शारी आज भी हमारे दिलों में वो जिन्दा हैं.
गुरु और शिष्य पर जाकिर हुसैन का वह किस्सा
साबिर हुसैन को महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन से बहुत दुख हुआ. उन्होनें बताया कि जाकिर हुसैन को वाकई एक सच्चे प्रतिभाशाली व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा. उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में क्रांति ला दी. वे तबले को वैश्विक मंच पर भी लेकर आए और अपनी बेजोड़ लय से लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. उन्होंने भारतीय शास्त्रीय परंपराओं को वैश्विक संगीत के साथ सहजता से मिश्रित किया.
साबिर हुसैन ने आवाज द वॉयस को बताया कि उस्ताद जाकिर हुसैन सांस्कृतिक एकता के प्रतीक भी थे. उनके प्रतिष्ठित प्रदर्शन और भावपूर्ण रचनाएं संगीतकारों और संगीत प्रेमियों की पीढ़ियों को प्रेरित करने में योगदान देंगी.
साबिर हुसैन ने आवाज द वॉयस को बताया कि उस्ताद जाकिर हुसैन के जाने से संगीत की दुनिया में एक अद्वितीय शून्य पैदा हो गया है. उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का संगीत अमर रहेगा. जो संगीतकारों की पीढ़ियों को कुछ नया करने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगा.