ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
श्रावण मास शुरू होने के साथ ही शिवभक्तों में कांवड़ यात्रा के दौरान महाकाल के टैटू का क्रेज़ भी बढ़ जाता है ऐसे में मुस्लिम टैटू आर्टिस्ट फराज जावेद ने सावन में शिवभक्तों के लिए मुफ्त टैटू सेवा शुरू की है. जो एक गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक भी है. जी हां, मुस्लिम टैटू आर्टिस्ट फराज जावेद ने सावन में 51 हजार भगवान शिव के टैटू को फ्री में बनाने का संकल्प लिया है. इससे पहले रामलला की प्रतिष्ठा के मौके पर 51 हजार लोगों के हाथों पर फ्री में जय श्रीराम का टैटू बनाकर आर्टिस्ट ने सुर्खियां बटोरी थीं. कानपुर के हार्ट ऑफ द सिटी कहे जाने वाले नवीन मार्केट में एक्सपोज टैटू के नाम से टैटू आर्टिस्ट की दुकान है. सावन के महीने में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ टैटू बनवाने के लिए के लिए दुकान पर पहुंच रही है.
सावन में मुस्लिम समाज के लोग भी तरह-तरह से अपना योगदान देकर हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश कर रहे है. जावेद का स्टॉल, जो कांवड़ियों से भरा रहता है, ऐसे समय में लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है, जब हाल ही में खाद्य विक्रेताओं द्वारा अपने स्टॉल पर नाम लिखने का मुद्दा सुर्खियों में आया था.
सभी धर्मों के प्रति मन में विश्वास रखने वाले फराज जावेद मानते हैं कि एक-दूसरे से सहयोग में जो भी हो सके करना चाहिए. टैटू आर्टिस्ट फराज ने पूरे सावन के महीने में भगवान शिव की फोटो शिवलिंग और ओम नमः शिवाय के टैटू फ्री में बनाने का संकल्प लिया है. फराज जावेद 51 हजार शिवलिंग टैटू बनाने जा रहे हैं. फराज यह काम हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल को कायम रखने के लिए पूरे सावन के महीने में करेंगे. इससे पहले रामलला की प्रतिष्ठा के मौके पर फराज 51 हजार लोगों के हाथों पर जय श्रीराम का टैटू बनाकर काफी सुर्खियां बटोरी थीं.
एमबीए पास 30 वर्षीय फ़राज़ से जब लागत के बारे में पूछा गया तो फ़राज़ कहते हैं कि एक टैटू की कीमत लगभग 1400-1500 रुपये है. एक त्वरित, सरल गणना के अनुसार उनके दान-पुण्य की कुल लागत 7.5 करोड़ रुपये से अधिक ह. और इस वर्ष की शुरुआत में राम मंदिर के पवित्रीकरण समारोह के दौरान उनके दान-पुण्य की लागत भी इतनी ही है. "यह कोई छोटी लागत नहीं है. लेकिन भगवान मुझे इसके लिए मार्गदर्शन करते हैं," वे कहते हैं.
मुस्लिम युवक फ्री में बनाएगा टैटू
एक आर्टिस्ट होने के नाते फराज की हर धर्म में आस्था और विश्वास है. फराज ने कहा कि उन्हें अपनी आस्था प्रकट करने के लिए इससे बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता है. इसलिए उन्होंने 51 हजार भगवान शिव के फ्री टैटू बनाने का संकल्प लिया है. फराज पिछले 14 सालों से टैटू बनाने का काम कर रहे हैं. फराज की दुकान कानपुर के हार्ट ऑफ द सिटी कहे जाने वाले नवीन मार्केट में एक्सपोज टैटू के नाम से मशहूर है. फराज ने अपने संकल्प की जानकारी देते हुए बताया कि उनकी सेवा उनकी शॉप पर दोपहर 2:00 बजे से रात 8:00 बजे तक उपलब्ध रहेगी.
टैटू बनवाने के लिए भारी संख्या में जुट रहे लोग
फराज बताते हैं कि टैटू बनवाने में किसी प्रकार का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है. टैटू बनवाने को लेकर तरह-तरह की फैली भ्रांतियां और बीमारियों की बातों को दरकिनार करते हुए उन्होंने बताया कि हमारे यहां आधुनिक तकनीक से टैटू बनाया जा रहा है. हर एक टैटू को बनाने के लिए हम नई नीडल का प्रयोग करते हैं, ताकि हमारे यहां टैटू बनवाने वालों को कोई भी दिक्कत या परेशानी न हो.
कांवड़ियों में शिव टैटू का क्रेज
फिलहाल इस समय इस संकल्प को पूरा करने के लिए उनकी शॉप पर भगवान शिव की मूर्ति, ओम नमः शिवाय और शिवलिंग के टैटू बनवाने के लिए युवाओं-युवतियों की भीड़ इकट्ठा हो रही है. वह अपने रेगुलर ग्राहकों के साथ ही टाइम देकर अपने संकल्प को भी पूरा करने में लगे हुए हैं. युवा भी सावन के पवित्र माह में अपने बाजू और हाथों की कलाइयों पर भगवान शिव के टैटू बनवा रहे हैं.
टैटू डिज़ाइनिंग में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सामग्री का उपयोग
फ़राज़ ने कहा कि वे टैटू बनवाने में जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं और डिज़ाइन और उन्हें बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री दोनों के मामले में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाता है. "मैं टैटू डिज़ाइनिंग में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सामग्री का उपयोग कर रहा हूँ," वे कहते हैं.
फ़राज़ कहते हैं कि वे अकेले नहीं हैं. वे कहते हैं, "मेरे पास पाँच सहायक हैं, जो 51,000 की संख्या हासिल करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं."
उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि बहुत से हिंदू भाई उनका मनोबल बढ़ाने के लिए आगे आ रहे हैं.
"बहुत से लोगों ने मेरे होर्डिंग बनाए हैं और उन्हें शहर के कई प्रमुख मंदिरों पर लगाया है. मैं चाहता हूँ कि और लोग आगे आकर मेरा समर्थन करें," वे कहते हैं.
श्रावण के पहले दिन से ही श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए फराज ने अपने यहां आने वाले लोगों का पंजीकरण शुरू कर दिया है. वे कहते हैं, "चाहे कोई किसी भी धर्म का हो, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम, कोई भी धर्म अपने अनुयायियों के बीच आपसी झगड़े की वकालत नहीं करता. सभी धर्म मानवता और भाईचारे का संदेश देते हैं और मैं भी अपने इस मामूली से काम के जरिए लोगों तक मानवता और भाईचारे का संदेश पहुंचाने का प्रयास कर रहा हूं."
सौजन्य: द टाइम्स ऑफ इंडिया, टीवी 9 भारतवर्ष