एसएम खान की श्रद्धांजलि सभा में बोले वक्ता, उनका जाना परिवार के साथ समाज के लिए भी अपूरणीय क्षति

Story by  मोहम्मद अकरम | Published by  [email protected] | Date 26-11-2024
Speakers at SM Khan's tribute meeting said that his departure is an irreparable loss for the family as well as the society
Speakers at SM Khan's tribute meeting said that his departure is an irreparable loss for the family as well as the society

 

मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली
 
दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में सेंटर के पूर्व अध्यक्ष, भारतीय सूचना सेवा के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के प्रेस सचिव स्वर्गीय शहजाद मोहम्‍मद खान की स्मृति में सेंटर के बीएस अब्दुर रहमान ऑडिटोरियम में सोमवार की शाम शोकसभा और दुआ का आयोजन किया गया. जिसमें सभी वर्ग के वक्ताओं ने स्वर्गीय शहजाद मोहम्मद खान को याद करते हुए उनके परिवार के साथ संवेदनाएं जाहिर किए.

उनसे जुड़े स्मरण साझा किए. सेंटर की तरफ से उनके लड़को को यादगारी लेटर दिया गया. वक्ताओं ने कहा कि एसएम खान साहब एक ऐसे शख्स थे, जिनका निधन न सिर्फ उनके परिवार के लिए बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए अपूरणीय क्षति है. आमतौर पर जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसका दुख केवल उसके परिवार तक ही सीमित होता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनकी मृत्यु पूरे समाज और देश के लिए गहरा घाव छोड़ जाती है.
 شخصیت اور خدمات  کی یادوں  کے ساتھ ایس ایم خان کو  پیش کیا گیا زبردست  خراج عقیدت
इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष सलमान खुर्शीद ने स्वर्गीय शहजाद मोहम्मद खान की मौत को अपना नुकसान बताते हुए कहा कि उनका इतनी जल्द दुनिया को अलविदा कहना सेंटर के लिए  बड़ी क्षति है. जब भी सेंटर के ऊपर किसी तरह की परेशानी आई वह आगे बढ़ कर हल किया. इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर की एक एक ईट से उनकी यादें जुड़ी हुई हैं. उनकी छाप सेंटर पर हमेशा बनी रहेगी.
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सकल भट्ट कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए

सलमान खुर्शीद ने इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के हुए चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि मेरा ख्वाब था कि उनके साथ मिलकर सेंटर को आगे बढ़ाऊं, लेकिन कुदरत को ये मंजूर नहीं था.सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील सिद्धार्थ लोधरा ने स्वर्गीय शहजाद मोहम्मद खान के साथ गुजारे दिनों को याद करते हुए कहा कि वह बहुत ही काबिल, हंसमुख, मिलनसार शख्सियत के मालिक थे.उनका इस दुनिया से चले जाना देश और समाज के लिए क्षति है. उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएं हमेशा रहेगी.

भारत सरकार के पूर्व मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि उनका आचरण हमेशा सौम्य और विनम्र था, जो उनके व्यक्तित्व और उनके कार्य की प्रकृति को दर्शाता है.डीडी न्यूज की सीनियर कंसल्टिंग एडिटर सकल भट्ट ने स्वर्गीय एम.एस खान और डीडी न्यूज के दिनों को याद करते हुए कहा कि एसएम खान साहब ने कई वर्षों तक डीडी न्यूज़ के महानिदेशक के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने चैनल में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए.

उन्होंने नए पत्रकारों की भर्ती की, सामग्री को अधिक विविध और दिलचस्प बनाने के लिए नए कार्यक्रम शुरू किए और डीडी न्यूज़ को न केवल एक सरकारी चैनल से एक प्रमुख मीडिया आउटलेट में बदल दिया, बल्कि इसे निजी चैनलों के साथ प्रतिस्पर्धा करने लायक भी बनाया.

उनके नेतृत्व में, डीडी न्यूज़ ने कई प्रमुख कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी दर्शकों की संख्या और लोकप्रियता में उल्लेखनीय वृद्धि की. एसएम खान ने हमेशा चैनल स्टाफ को पूरी आजादी दी, जिससे उनका मनोबल ऊंचा रहा और काम का माहौल सकारात्मक रहा.
 
इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर के पूर्व अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी ने  कहा कि दुनिया में जो भी शख्स आया है उसे एक दिन मरना है. उनकी मौत को अपना नुकसान बताते हुए कहा कि वह बहुत अच्छे इंसान थे. उन्होंने हमेशा सेंटर की तरक्की के लिए काम किया. भावुक होते हुए कहा कि मेरे पास शब्द नहीं कि मैं किया बोलूं, बहुत याद आएंगे.


sm khan

कार्यक्रम में एसएम खान के पुत्रों को सम्मान पत्र देते हुए

जामिया हमदर्द के पूर्व वाइंस चांसलर सैयद हसनैन उन्हें खिराज ए अकीदत पेश करते हुए कहा कि जामिया हमदर्द के लॉ संकाय को शहजाद मोहम्मद खान ने अपने खून से सींचा हैं. जामिया हमदर्द के लिए जो काम अंजाम दे गए उसे हमेशा याद रखा जाएगा. वह बहुत ही अच्छे इंसान के साथ लोगों की मदद करने में आगे रहते थे. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वह आज भी सामने मौजूद है.

बीजेपी के सीनियर नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उनसे मेरी दोस्ती हज के मौके पर अराफात के वक्त हुई. पहली मुलाकात में ही एक-दूसरे के भाई बन गए. जब मैं उनकी कब्र पर गया तो वह सारी बातें जो हम दोनों ने आपस में गुजारे, गर्दिश करने लगे. उनके परिवार के साथ हमारी संवेदनाएं हमेशा रहेगी.
 
इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर के वाइस प्रेसिडेंट मोहम्मद फुरकान ने स्वर्गीय शहजाद मोहम्मद खान के लिए अल्लाह से दुआ करते हुए कहा कि उनके साथ मिलकर काम करने का विचार थे लेकिन अल्लाह को कुछ और ही मंजूर था. वह हमसे बहुत दूर जा चुके हैं.

शख्स से शख्सियत बनने में सदियां लग जाती हैं, व्यक्ति से व्यक्तित्व बनने में वर्षों लग जाते हैं, शहजाद मोहम्मद खान को हमेशा शहजाद भाई कहा. उनकी उम्र 67 साल थी. व्यक्तित्व और मानवता का उम्र से कोई संबंध नहीं है. यदि किसी को मनुष्य के स्वभाव का अवतार देखना था, तो वह शहजाद था۔वह हमेशा लोगों से झुक कर मिलते थे, उन्हें मैं खिराज ए अकीदत पेश करता हूं.
 
मरने वाले मरते हैं लेकिन फना होते नहीं
वो किसी भी हाल में हमसे जुदा होते नहीं

मरने वालों की जबीं रोशन हैं यूं जुलमात में
जिस तरह तारे चमकते हैं अंधेरी रात में

कहां वह बात कहां ऐसे इज्जो शान के लोग 
बड़े अजीम है ये मेरे खानदान के लोग

हम अपने अहद में जो कुछ भी हैं गनीमत हैं
तलाशिएगा कहां ऐसी आन बान के लोग
 sm khan

इस मौके पर माजिद देवबंदी ने कहा कि वह  स्वर्गीय शहजाद मोहम्मद खान की व्यक्ति पर किताब तैयार कर रहे हैं, जिसे जल्द ही लोगों के सामने लाया जाएगा.सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ने दुआ कराई. इस अवसर पर स्वर्गीय शहजाद मोहम्मद खान के बड़े लड़के शहवर खान ने लोगों का शुक्रिया अदा किया.

इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष सलमान खुर्शीद ने मरहूम शहजाद मोहम्मद खान के तीनों लड़के शाहवर खान, शहबाज़ ख़ान, शहरयार खान को मंच पर बुला कर उनकी हिम्मत बढ़ाई और सेंटर की तरफ से लेटर दिया.

इसके अलावा औसाफ सईद, केरल से राज्यसभा के सांसद हारिस बिलाल, प्रो. अख्तरुल वासे, बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी समेत कई वक्ताओं ने स्वर्गीय शहजाद मोहम्मद खान को याद कर के उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रोग्राम का आरंभ मौलाना हिफजुर रहमान की तिलावत कुरान से हुई, संचालन प्रो. हिफजुर रहमान ने किया.