ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
साहित्य के जिन धुरंधरों पर इतिहास की धूल चढ़ गई है, ऐसी महान साहित्यिक शख्सीयतों को दुनिया में जिन्दा रखने के लिए आर्टिस्ट 'शिराज हुसैन उस्मानी' ने एक मुहीम शुरू की जिसका नाम है 'ख्वाब तन्हा'. आवाज द वॉयस को आर्टिस्ट शिराज हुसैन उस्मानी ने बताया कि वे साहित्यिक शख्सीयतों के पोर्ट्रेट्स तैयार करते हैं जिन्हें वे विभिन मंचों पर पर्दर्शित करते हैं. इनमें सआदत हसन मंटो, राजेंदर सिंह बेदी, ग़ालिब, आदि नामचीन शामिल हैं.
आर्टिस्ट शिराज हुसैन उस्मानी ने शुरू किया ख्वाब तनहा
'ख्वाब तन्हा' के बारे में बात करते आर्टिस्ट शिराज ने कहा कि इस मुहीम का मुख्य उदेश्य आज की पीढ़ी को साहित्यिक शख्सीयतों और उनके कार्यों के बारे में जागरूक करना है. हमारी टीम में टेक्निकल स्टाफ के अलावा मैं पोर्ट्रेट, पोस्टकार्ड्स, टोडबैग्स शेर, शायरी और कविता की शक्ल में इसे अंजाम देता हूँ.
हमें हमारे पाठकों और चाहनेवालों से इसके लिए काफी प्रशंसा भी मिल रही है. दरअसल 'ख्वाब तन्हा' का विचार आर्टिस्ट शिराज के दिमाग में वर्ष 2010 में उपजा और आज ये अपनी कामयाबी के चरम पर है. शिराज़ हुसैन ने अपने कुछ खास पसंदीदा पेंटर्स के नाम भी लिए जिनमें कोलकाता के गणेश पाईन और रबिन मंडल शामिल हैं. वे दो साल तक उर्दू अकादमी के सदस्य भी रहे.
शिराज़ हुसैन ने फाइन आर्ट्स में बेचलर और मास्टर्स जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से की.
AI आर्ट से नहीं है कलाकार का मुकाबला
आज के दौर में आर्टिफीसियल इंटेलिजेन्स के द्वारा कोई भी आर्ट आसानी से उपलब्ध हो जाता है ऐसे में आर्टिस्ट शिराज हुसैन ने एआई टूल्स को अपना मुकाबला मानने से इंकार किया और कहा कि "एआई दिलचस्प है और बजाए कॉम्पिटिशन के इसे एक 'स्मार्ट टूल' की तरह देखना और अपनाना चाहिए, क्रिएटिव लोग एआई आर्ट्स ऐसे इस्तमाल करें कि वो उनकी बैसाखी न बन जाए."
शिराज़ हुसैन, एक बहुविषयक दृश्य कलाकार हैं
शिराज़ हुसैन, एक बहुविषयक दृश्य कलाकार हैं. वह फ्री-हैंड ड्राइंग, ग्राफिक डिज़ाइन के विशेषज्ञ हैं. शिराज संस्थापक कलाकार हैं, और द ख्वाब तन्हा कलेक्टिव के एकमात्र फाउंडर भी हैं. द ख्वाब तन्हा कलेक्टिव के बैनर तले वे और उनकी टीम हिंदी, उर्दू, पंजाबी और अन्य भाषाओं के साहित्य और कविता को लोकप्रिय बनाने के लिए पोस्टर कला के प्रारूप के माध्यम से काम करते हैं.
शिराज़ हुसैन के काम ने अकेले ही, मंटो, जौन एलिया, पाश, अमृता प्रीतम, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, जॉर्ज एल बोर्गेस, साहिर लुधियानवी, डिंकर और मिर्ज़ा ग़ालिब जैसे साहित्यिक प्रतीकों के पोस्टर कला कार्यों के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र का प्रसार किया है.
वह बच्चों की पुस्तक के चित्रकार भी हैं और उन्होंने जामिया विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग में लगभग 5 वर्षों तक व्यावहारिक कलाएँ सिखाई हैं. साथ ही 38 वर्षीय आर्टिस्ट शिराज़ हुसैन, अफगानी और फ्रेंच बच्चों को भी Goethe-Institute और MIT पुणे में फाईन आर्ट्स वर्कशॉप्स दी. जिसमें कई छात्रों ने भाग लिया.
दुबई में 'तहबीब आर्ट फेस्टिवल' भी किया अटेंड
शिराज़ हुसैन ने दुबई में 'तहबीब आर्ट फेस्टिवल' भी अटेंड किया जहां 'द ख्वाब तन्हा कलेक्टिव' के सालाना कैलेंडर की लॉन्चिंग जावेद अख्तर द्वारा की गई. साथ ही शिराज़ हुसैन ने बताया कि उन्हें दुबई की जमील कला केंद्र भी काफी पसंद है. वहीँ भारत की नेशनल मॉडर्न आर्ट गैलरी और नेशनल म्यूजियम भी शिराज़ हुसैन अक्सर विजिट करते हैं, वहां की प्रदर्शनी भी उन्हें काफी पसंद हैं.
स्टार सेलेब्रिटीज़ को भाता है शिराज़ हुसैन का आर्ट वर्क
गुलज़ार की किताब "पाजी नज़्में" और PEN/Nabokov Award से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ला की किताबों के अलावा, मंटो, हरिशंकर परसाई, जाँ निसार अख़्तर, धूमिल और अल्बर्टो कैमस जैसे साहित्यकारों की किताब के भी कवर पेज शिराज़ हुसैन ने डिज़ाइन किए. इसके अलावा कई ऐसे स्टार सेलेब्रिटीज़ भी हैं.
जिनके ऑफिस में आर्टिस्ट शिराज द्वारा बनाए गए चित्र, पोर्ट्रेट और पेंटिंग्स ने अपनी खास जगह बनाई है. इसमें वहीदा रहमान, हंसल मेहता, विक्रम अदात्ये मोटवानी और आदित्य रॉय कपूर का नाम भी शामिल है.
आवाज द वॉयस को आर्टिस्ट शिराज हुसैन उस्मानी ने वरुण ग्रोवर के साथ अपनी खास मुलाकात को याद करते हुए बताया कि "मेरे कुछ लिमिटेड पोस्टर्स 'प्यासा' भी लोगों को काफी पसंद आए. जिनमें से एक पोस्टर्स पर मुझे वहीदा रेहमान द्वारा ऑटोग्राफ भी मिला और ये वरुण ग्रोवर ने ही मुझे सौंपा. साथ ही वरुण ग्रोवर ने ये भी कहा कि इससे बेहतर तोहफा उन्हें मुझे देने के लिए नहीं मिला. ये खास मुलाकात हमेशा मेरे दिल के करीब रहेगी."
आम से लेकर खास तक पहुंचा रहे अपना आर्ट
आर्टिस्ट शिराज हुसैन उस्मानी ने बताया कि "मेरी इच्छा सिर्फ इतनी है कि मेरे द्वारा रचित पोस्टर्स या चित्र लोगों के बीच ट्रेवल करते रहे और वे लोगों और जगाहों की पहुंच में हों. फिर चाहे उनके बनाए गए पोस्टर्स किसी नामी ऑफिस की दीवार पर टंगे या एक साधारण बच्चे के हॉस्टल के कमरे में." उन्हें दोनों से ही बराबर खुशी की अनुभूति होती है.
कलाकार शिराज हुसैन का बच्चों की मैगज़ीन के लिए आर्ट वर्क
फ़िलहाल वे बच्चों की मैगज़ीन साइकिल और प्लूटो में अपने आर्ट वर्क से सहयोग करते हैं साथ ही वे इसके लिए लिखते भी हैं. शिराज हुसैन दिल्ली उर्दू अकादमी की मैगजीन बच्चों का महनामा उमंग भी डिजाइन करते हैं. शिराज हुसैन ने मिर्जा गालिब पर बच्चों के लिये किताब पर भी काम किया साथ ही उनकी एक ग़ालिब पर लिखी कहानी 'तुम जियो हज़ारों साल' NCERT के कोर्स में भी शामिल की गई है.
शिराज ने बताया कि "एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में कहानी चुनी जा चुकी है, मैंने उनके साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं."
साथ ही शीराज़ मैक्स मुलर भवन के पांच मिलियन इंसीडेंट्स प्रोग्राम के भाग के रूप में एक कला अभ्यासकर्ता रह रहे हैं. फरवरी 2024 में उनकी लिखी बच्चों की किताब lunar soil (चंद्रमा की मिट्टी) का विमोचन हुआ, जो एकतारा के जुगनू प्रकाशन से प्रकाशित है.