पढ़िए कैसे सरपंच बबीता भट्ट ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र में बनाई खास जगह, किया क्षेत्र का विकास

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 06-08-2023
पढ़िए कैसे सरपंच बबीता भट्ट ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र में बनाई खास जगह, किया क्षेत्र का विकास
पढ़िए कैसे सरपंच बबीता भट्ट ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र में बनाई खास जगह, किया क्षेत्र का विकास

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली / पुलवामा 
 
एक मुस्लिम बहुल इलाका होने के बावजूद लाडू गांव की सरपंच बबीता भट्ट ने अपनी जगह वहां के लोगों के दिलों में बनाई और वहां के लोगों के हित में अनेकों कार्य किए. पुलवामा के खार लाडू गांव की सरपंच बबीता भट्ट एक कश्मीरी पंडित महिला हैं. जो तीन बार इलेक्शन फाइट कर चुकी हैं और अपने क्षेत्र में महिला सशक्तीकरण की मिसाल पेश कर रहीं हैं. 1997 में वे पुलवामा से जम्मू शिफ्ट हो गईं और 2008 में बबीता भट्ट ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुवात की. जिसमें उनके बीएसएफ में तैनात पति संजय भट्ट ने भी उनका सहयोग किया. 


सरपंच बबीता भट्ट ने आवाज द वॉयस को बताया कि जब कश्मीर में टारगेट किलिंग का दौर था उस वक़्त  प्राइमरी स्कूलों के बच्चों और अध्यापकों को सुरक्षित करने के लिए स्कूल की छत का निर्माण कराया.
 
सरपंच बबीता भट्ट ने बताया कि "गांव में अधिकांश कब्रिस्तानों पर या तो अतिक्रमण कर लिया गया था या उनकी हालत ख़राब थी. मैंने इस बात पर ध्यान दिया कि अतिक्रमण हटाया जाए. 24 कब्रिस्तानों के आसपास दीवारें बनाने में भी मदद की. वहां गुंडा प्रवर्ती के लोगों द्वारा हड़पे गए श्मशान घाटों को पुनः विकसित कराया. इन दिनों, वह 3.8 कनाल भूमि पर एक श्मशान के निर्माण की देखरेख कर रही है जिस पर अतिक्रमण किया गया था और अवैध संरचनाओं को ध्वस्त करने में उसे प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था."
 
 
सरपंच बबीता भट्ट ने खादी विलेज के अंतर्गत आने वाले स्टिचिंग सेंटर को भी गांव की लड़कियों और महिलाओं को समर्पित किया ताकी वहां काम सीख रहीं 20 से 25 महिलाएं भी सशक्तीकरण की रह पर आगे बढे और अपने जीवन के लिए खुद रोजगार कमाए. जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी. 
 
हालाँकि, बबीता भट्ट का कहना है कि उनका सबसे चुनौतीपूर्ण काम 100 साल पुराने पंचायत भवन की इमारत को वापस लाना था, जिसे आतंकवादियों ने जला दिया था और परिसर में एक स्कूल के स्थानांतरण के साथ इसके सभी निशान हटा दिए गए थे.
 
 
सरपंच बबीता भट्ट ने अपनी बात बेबाक होकर कहीं कि कश्मीर में वोटर्स में अभी जागरूकता की कमी है. बबीता ने कहा, "कश्मीर में नशीली दवाओं की लत की गंभीर समस्या है और बच्चों को इससे दूर रखने का सबसे अच्छा तरीका उन्हें खेलों के लिए प्रेरित करना और इसीलिए बबीता का अगला अभियान गांव के युवाओं को खेल का मैदान देना है. कश्मीर के युवाओं के लिए सरकार को अभी और कार्य करने होंगे ताकि वे अपनी राहों से न भटके उनके लिए शिक्षा के क्षेत्र में अवसर पैदा करने की जरुरत है. 
 
सरपंच बबीता भट्ट का कहना है कि कश्मीर में महिलाओं की स्थिति में अब वो सुधार चाहतीं हैं. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात में उन महिलाओं का जिक्र करते हैं जिन्होनें अपने जीवन में एक नया आयाम हासिल किया और हर चुनौती को पार कर समाज में अपनी जगह बनाई तो उन्हें बेहद खुशी की अनुभूति होती है.
 
सरपंच बबीता भट्ट ने आवाज द वॉयस को बताया कि वे भी चाहती हैं की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम में उनका भी नाम लें. वे चाहतीं हैं कि जिन महिलाओं ने बुरे हालातों में अपनी पतियों को खो दिया, जो दिव्यांग हैं, यतीम हैं उनके लिए सरकार में पोस्ट्स ज्यादा होनी चाहिए. सरपंच बबीता भट्ट ने फंडिंग की कमी के बावजूद उनकी पुरजोर कोशिश रहती है कि उनके क्षेत्र की जनता का विकास नहीं रुकने दें.
 
 
भगवान शिव में सरपंच बबीता भट्ट की गहरी आस्था है और वे मानती हैं कि उन्ही के कारण वे अपने कार्य में सफलता हासिल करतीं हैं. उन्होनें बताया कि वे अपने कार्य में कभी-कभी इतनी मग्न हो जाती हैं कि उन्हें घर क ख्याल भी नहीं रहता और वो रात में दृढतापूर्वक अपनी भूमिका निभाती हैं.
 
 
सरपंच बबीता ने उनके गांव में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा के लिए पीएचसी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला और एक्स-रे मशीनें स्थापित करने के लिए धन की व्यवस्था की और अब पीएचसी पूरी तरह कार्यात्मक है. 
 
 
गलियों और नालियों को बनाने और गांव में बिजली पहुंचाने के अलावा, आतंकवादियों से लोगों को बचाने में अपनी जान गंवाने वालों की याद में सरपंच बबीता भट्ट ने 40 पेड़ों का रोपण भी किया है. पौधे लगाने से लेकर उनके बड़े होने तक उनकी देखभाल करना बबीता भट्ट ने खुद इनकी देखभाल की और अब भी ये उनकी जिम्मेदारी का एक अंश है.  
 
सरपंच बबीता भट्ट जनता के लिए सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहती हैं. वे हर महीने के पहले सोमवार को ग्राम सभा की बैठक बुलाती हैं और सरकार के उन सभी 25 विभागों के अधिकारियों को बुलाती हैं जिनका काम आम लोगों की मदद करना है. यहीं नहीं बैठक में लोगों की कई समस्यायों का समाधान का मौके पर ही कर दिया जाता है.
जोकि एक अच्छी कार्यशैली की निशानी है.
 
 
सरपंच बबीता भट्ट की भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात

बबीता भट्ट अपने पिता से प्रेरित हैं जो खुद एक सरकारी मुलाजिम और समाजिक कार्यकर्त्ता थे. सरपंच बबीता भट्ट क्षेत्र ने बताया कि उनके क्षेत्र में 37000 जनसंख्या है. जहां 4 सी 5 हजार वोटर्स हैं. सरपंच बबीता भट्ट ने पुरे कश्मीर में मोदी सरकार को शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बधाई दी और उनका धन्यवाद किया कि आज उनका परिवार सुख और शांति के साथ पुलवामा में है. 

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