रमजान 2025 : रोज़े में सुमेरा खान ने गाया होली गीत, संगीत से दिया एकता का संदेश

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 09-03-2025
Sumera Khan sang Holi song during Ramzan fast, gave message of unity through music
Sumera Khan sang Holi song during Ramzan fast, gave message of unity through music

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली 
 
दिल्ली घराने की 24 वर्षीय सुमेरा खान ने होली के त्यौहार के उपलक्ष्य में होरी गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. सुमेरा खान, जो दिल्ली घराने से ताल्लुक रखती हैं और एक मुस्लिम लड़की हैं, ने हिन्दू पर्व होली के अवसर पर शानदार होली गीत प्रस्तुत किए. सुमेरा, जो संगीत की कला में पारंगत हैं, ने भारतीय संस्कृति और संगीत की एकता को दर्शाते हुए अपनी गायन कला से होली के गीतों को जीवंत किया. सुमैरा खान दरियागंज की निवासी हैं. 

सुमेरा खान ने आवाज द वॉयस को बताया कि वे अपने गुरु तनवीर अहमद खान साहब से क्लासिकल म्यूजिक सीख रहीं हैं. उन्होनें बताया की उन्हें राधा और कृष्ण की जोड़ी खास पसंद है. वे बचपन से ही हर तरीके के गायन की इच्छुक रहीं हैं. 

सुमेरा खान ने रमजान में रोजे रखते हुए 'बाली उमरिया है मोरी कन्हैया हमसे खेलो ना होली' आदि होली के गीत गाए. सुमेरा खान ने बताया, "संगीत कोई मजहब नहीं जानता. यह सिर्फ दिलों को जोड़ता है और भावना को व्यक्त करने का एक माध्यम है. मैंने होली के गीतों को अपनी आवाज दी है, ताकि सभी वर्गों के लोग इस पर्व को एक साथ मनाएं और एकता का संदेश फैलाएं." 

सुमेरा खान ने रमजान के पाक महीने के दौरान भी संगीत की दुनिया में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. रमजान के रोज़े रखते हुए सुमेरा ने हिन्दू पर्व होली के अवसर पर होली गीत गाए, जो सांप्रदायिक सद्भाव और एकता का प्रतीक बने.

सुमेरा खान ने आवाज द वॉयस को बताया कि उन्होनें प्रयाग यूनिवर्सिटी से म्यूजिक में ग्रेडुएशन की. उनके पिता अब्दुल वकील एक उद्यमी हैं. सुमेरा खान ने बताया कि अभी वे छात्रों को म्यूजिक के ट्यूशन भी पढ़ाती हैं. सुमेरा खान ने बताया कि उन्होनें जश्न-ए-रेख़्ता, दिल्ली दरबार, शाम-ए-ग़ज़ल आदि कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुत किया है. 

दिल्ली घराना, जो भारतीय शास्त्रीय संगीत के महत्वपूर्ण घरानों में से एक है, सुमेरा खान के गायन में इस घराने की विशिष्टता और संगीत की परंपरा को बखूबी दर्शाता है. उनके संगीत में भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहराई और विविधता साफ तौर पर झलकती है.

सुमेरा खान कीइस पहल से न केवल संगीत की ताकत का एहसास होता है, बल्कि यह भी सिद्ध होता है कि कला और संस्कृति के माध्यम से धर्म, जाति और क्षेत्रीयता से परे एकता की भावना को बढ़ावा दिया जा सकता है. उनके इस प्रयास को सोशल मीडिया पर भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, जहां लोग उनके गायन और होली गीतों के चयन की तारीफ कर रहे हैं.