हिंदुओं के लिए उठाई आवाज, ट्रूडो को दिखाई आंख, कनाडा पीएम पद की रेस में शामिल चंद्र आर्य कौन हैं ?

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 10-01-2025
  Chandra Arya
Chandra Arya

 

नई दिल्ली. कनाडा में भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने कनाडा में अगले प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जाहिर करते हुए अपनी दावा ठोका है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर करीब 2 मिनट 36 सेकंड की एक वीडियो पोस्ट कर पीएम बनने की बात कही.

चंद्र आर्य की यह दावेदारी उस वक्त आई है जब कनाडा में प्रधानमंत्री पद से जस्टिन टूडो ने इस्तीफा दे दिया. टूडो के इस्तीफा देने के बाद से पीएम पद की दावेदारी को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है.

खास बात यह है कि भारतीय मूल के चंद्र आर्य कभी जस्टिन टूडो के करीबी थे, लेकिन जैसे-जैसे उनका भारत विरोधी रवैया सामने आया उन्होंने उनसे दूरी बना ली.

कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में जब हिंदू मंदिर पर हमला हुआ तब चंद्र आर्य ने सिर्फ अपनी बात ही नहीं रखी वह हिन्दुओं की आवाज भी बने थे.

वह कनाडा में रहने वाली हिन्दुओं की आवाज उठाने के साथ खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर मुखर होकर बोलते हैं.

चंद्र आर्य का जन्म कनार्टक के तुमकुरु में हुआ. उन्होंने एमबीए की पढ़ाई कौसाली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से की. हालांकि, भारत में पढ़ाई करने के बाद वह साल 2006 में कनाडा चले गए. राजनीति में उतरने से पहले वह आर्य इंडो-कनाडा ओटावा बिजनेस चैंबर के अध्यक्ष थे.

पीएम पद की दावेदारी को लेकर चंद्र आर्य ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि मैं कनाडा का अगला प्रधानमंत्री बनने के दौड़ में हूं. जिससे हमारे देश के पुनर्निर्माण और भावी पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक छोटी, अधिक कुशल सरकार का नेतृत्व कर सकूं.

हम ऐसी महत्वपूर्ण संरचनात्मक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जो कई पीढ़ियों से नहीं देखी गई हैं और इन्हें सुलझाने के लिए कठोर विकल्पों की आवश्यकता होगी. मैंने हमेशा कनाडा वासियों के सर्वोत्तम हित के लिए कड़ी मेहनत की है, और अपने लोगों के लिए हमें साहसिक निर्णय लेने होंगे, जो बिल्कुल आवश्यक हैं. यदि मुझे लिबरल पार्टी का अगला नेता चुना जाता है तो मैं ऐसा करने के लिए अपना ज्ञान और अनुभव साझा करूंगा.

कनाडा में हम इस वक्त युवा पीढ़ी कई समस्याओं का सामना कर रही है. आज कामकाजी मध्यम वर्ग संघर्ष कर रहा है, और कई कामकाजी परिवार सीधे गरीबी में जा रहे हैं. कनाडा ऐसे नेतृत्व का हकदार है जो बड़े निर्णय लेने से नहीं डरता. ऐसे निर्णय जो हमारी अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण करें, आशा बहाल करें, सभी कनाडाई लोगों के लिए समान अवसर पैदा करें.

2015 में आर्य ने पहली बार फेडरल इलेक्शन लड़ा था और चुनाव जीत संसद पहुंचे थे. 2019 में दूसरी बार सांसद बने. आर्य खालिस्तानी और चरमपंथी गतिविधियों के मुखर आलोचक हैं.