राकेश चौरासिया / नई दिल्ली
वहीद उर रहमान पारा उर्फ़ वहीद पारा जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हैं, जो वर्तमान में इसके युवा विंग के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं. उन्होंने पुलवामा विधानसभा से जीत दर्ज की है. उन्होंने पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर राज्य में जम्मू और कश्मीर राज्य खेल परिषद के सचिव के रूप में भी काम किया है.
उभरता राजनीतिक चेहरा
वहीद पारा, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले से आने वाले एक युवा राजनेता हैं. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरीं. पीडीपी के युवा नेतारू पीडीपी के युवा नेता होने के नाते, उन्होंने पार्टी के भीतर एक नई ऊर्जा का संचार किया है. वे खुद को कश्मीर के युवाओं की आवाज मानते हैं और उनके मुद्दों को उठाते हैं.
विचार
उन्होंने कश्मीर में दमन को लेकर सरकार की नीतियों की आलोचना की है. वे कश्मीर के युवाओं के लिए एक उज्जवल भविष्य चाहते हैं. वे कश्मीर में राजनीतिक परिवर्तन लाना चाहते हैं.
पृष्ठभूमि
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के नायरा गांव में जन्मे और पले-बढ़े. वे 2013 में जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी में शामिल हुए और बाद में इसके युवा विंग के अध्यक्ष नियुक्त किए गए. इसके बाद के वर्षों में, उन्होंने 2015 में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर के सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद के राजनीतिक विश्लेषक के रूप में कार्य किया और 2018 तक जम्मू-कश्मीर खेल परिषद के सचिव के रूप में कार्य किया.
लोकसभा प्रत्याशी
पारा ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप में श्रीनगर संसदीय क्षेत्र से 2024 का भारतीय आम चुनाव लड़ा था और 1 लाख 68 हजार वोट हासिल किए.
वहीद ने 2013 में राजनीति में प्रवेश किया और बाद में उन्हें जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के युवा विंग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया. उन्होंने जुलाई 2016 से 2018 तक जम्मू और कश्मीर राज्य खेल परिषद के सचिव के रूप में कार्य किया.
उन्हें येल विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय नेतृत्व केंद्र में उद्घाटन येल शांति फेलो के रूप में चुना गया. वहीद इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम के फेलो रह चुके हैं और इस कार्यक्रम के लिए भारत से अमेरिकी सरकार द्वारा आमंत्रित किए गए कुछ राजनेताओं में से एक थे.
आतंकी संबंधों के आरोप
पारा को कथित आतंकी संबंधों के लिए 25 नवंबर 2020 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया था. हालांकि विशेष एनआईए कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने हिरासत में रहते हुए पुलवामा निर्वाचन क्षेत्र से डीडीसी चुनाव, 2020 जीता. उन्हें मई 2022 में जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय द्वारा जमानत पर रिहा किया गया.