Seelampur Result 2025: मुस्लिम बहुल सीलमपुर से मतीन अहमद के बेटे चौधरी जुबैर अहमद जीते

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 09-02-2025
Mateen Ahmed's son Chaudhary Zubair Ahmed won from Seelampur
Mateen Ahmed's son Chaudhary Zubair Ahmed won from Seelampur

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 

सीलमपुर विधानसभा सीट पर पिछले दो चुनावों से आम आदमी पार्टी की 'झाड़ू' चली है. दिल्ली के NORTH-EAST जिले के सीलमपुर निर्वाचन क्षेत्र से चौधरी जुबैर अहमद ने जीत हासिल की है. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आप उम्मीदवार के तौर पर वे मैदान में थें. उनकी उम्र 44 साल है और उनकी शैक्षिक योग्यता Graduate है. उन पर दर्ज केसों की संख्या (0) है. उनकी कुल संपत्ति 3.7 Crore रुपये है, जबकि उन पर 0 रुपये की देनदारी है. उनकी पत्नी पार्षद हैं. 

चौधरी जुबैर अहमद, दिल्ली की राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति और पांच बार कांग्रेस के विधायक रहे चौधरी मतीन अहमद के पुत्र हैं, जिन्होंने 1993 से 2015 तक सीलमपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.
 
2024 में चौधरी जुबैर अहमद ने आगामी चुनावों से पहले कांग्रेस से आम आदमी पार्टी (आप) का दामन थाम लिया. अब वे 2025 के विधानसभा चुनावों में सीलमपुर निर्वाचन क्षेत्र से आप उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा.
 
सीलमपुर विधानसभा सीट नॉर्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की मुस्लिम बाहुल्य सीट है, जहां मुस्लिम प्रत्याशी का ही झंडा बुलंद रहा है. यहां आज तक भाजपा अपना खाता तक नहीं खोल पाई है. 
 
 
2025 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के जुबैर चौधरी, कांग्रेस के अब्दुल रहमान और बीजेपी के अनिल गौड़ के बीच मुकाबला था. जुबैर चौधरी इस सीट के पूर्व विधायक मतीन अहमद के बेटे हैं. चुनाव से ठीक पहले वह आप में शामिल हो गए थे.
 
आपको बता दें कि राजधानी 2025 के चुनाव से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता चौधरी मतीन ने पार्टी छोड़कर AAP का दामन थाम लिया. AAP ने मतीन अहमद के बेटे जुबैर को टिकट दिया है.
 
सीलमपुर सीट का ऐतिहासिक दृष्टिकोण भी बहुत रोचक है. यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल है और यहां हमेशा मुस्लिम उम्मीदवारों को ही जीत मिलती रही है. यहां तक कि बीजेपी भी अब तक इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई है. 
 
1993 में चौधरी मतीन अहमद ने जनता दल के टिकट पर पहली बार जीत हासिल की थी. इसके बाद 1998 में वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतने में सफल रहे. 2003 के चुनाव से पहले मतीन अहमद ने कांग्रेस का दामन थामा और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने. कांग्रेस के टिकट पर ही उन्होंने 2008 और 2013 के चुनावों में भी जीत हासिल की, जिससे उनका विधायक बनने का सिलसिला लगातार जारी रहा.
 
लेकिन 2015 के चुनाव में इस सीट पर परिणाम बदला. आम आदमी पार्टी ने इस बार मोहम्मद इशराक को अपना उम्मीदवार बनाया और वह 27,887 मतों के अंतर से विजयी हुए. इशराक ने बीजेपी के संजय जैन को हराया, जबकि मतीन अहमद तीसरे स्थान पर रहे. 2020 में भी मतीन अहमद को हार मिली और वह फिर से तीसरे स्थान पर खिसक गए. इस बार आम आदमी पार्टी के अब्दुल रहमान ने जीत हासिल की और बीजेपी को फिर से दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा.
 
2025 के विधानसभा चुनाव से पहले एक नया मोड़ आया है. कांग्रेस के दिग्गज नेता और 5 बार के विधायक चौधरी मतीन अहमद ने पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी (AAP) का दामन थाम लिया है. यह कदम कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है क्योंकि मतीन अहमद की पहचान दिल्ली की राजनीति में एक मजबूत नेता के रूप में है.