मलिक अगर हाशमी/ नोएडा
केंद्र में कई बड़े पदों पर रह चुके पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अफजल अमानुल्लाह ने कहा है कि इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर (आईआईसीसी) को इस्लामिक सेंटर ही रहने दें, इसे मुस्लिम सेंटर न बनाएं. उन्होंने कहा कि सेंटर के सभी धर्मों और जातियों के लोग सदस्य हैं और यहां हिंदू-मुसलमान या अशराफ-पसमंदा का भेदभाव करने से यह सियासत का अखाड़ा बन जाएगा.
अफजल अमानुल्लाह ने कहा कि इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर की स्थापना देश-दुनिया में इस्लाम को शोकेस करने और भारत की गंगा-जमुनी तहजीब को विस्तार देने के लिए की गई थी, लेकिन अब तक यहाँ ऐसा कुछ नहीं हुआ . यहां तक कि सेंटर में एक अच्छी लाइब्रेरी भी नहीं है.
गौरतलब है कि अगले महीने 11 अगस्त को इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर की कार्यसमिति का चुनाव होने जा रहा है. इसके अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, चर्चित कैंसर विशेषज्ञ तालिकोटी, पूर्व आईआरएस अबरार अहमद और पूर्व आईएएस अफजल अमानुल्लाह चुनाव में उम्मीदवार हैं.
चुनाव और मुद्दों को लेकर 'आवाज द वॉयस' ने अध्यक्ष पद के लगभग सभी प्रत्याशियों से बातचीत की, जिसे आप इसके यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं. इस क्रम में 'आवाज द वॉयस' से बातचीत में अफजल अमानुल्लाह ने कहा कि वह 2004 से इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के सदस्य हैं, लेकिन नौकरी के सिलसिले में हमेशा बाहर रहने के कारण उन्हें सेंटर में वक्त बिताने का समय नहीं मिला.
40 साल की नौकरी के बाद वह दिल्ली में अपने बेटे-बेटियों के साथ बस गए हैं. उनका एक छोटा सा संयुक्त परिवार है. वह मूल रूप से बिहार के बक्सर के निवासी हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के दौरान उन्हें आईआईसीसी की अव्यवस्थाओं का पता चला.
इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर
बताया गया कि यहां 300 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. पिछले 20 वर्षों से यहां न कोई सेमिनार हुआ और न ही कोई नेटवर्किंग. सेंटर में लोग बस खाने-पीने के लिए आते रहे. यहां एक अच्छी लाइब्रेरी भी नहीं है.
अफजल अमानुल्लाह ने कहा कि वह तमाम सदस्यों को भरोसा दिलाना चाहेंगे कि चुनाव जीतने के बाद अपना पूरा वक्त सेंटर को देंगे, ईमानदारी से काम करेंगे और सबकी सहमति से सेंटर को आगे बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा कि उनके चुनाव जीतने के बाद यहां तानाशाही नहीं चलेगी. कामकाज में पारदर्शिता होगी और कोई भी सदस्य कभी भी एकाउंट चेक कर सकेगा.
उन्होंने कहा कि सेंटर के सदस्य चाहे किसी भी धर्म या जाति के हों, सबको सम्मान दिया जाएगा . उनके रहते यहां हिंदू-मुसलमान का भेदभाव बिल्कुल नहीं होने दिया जाएगा. सभी की राय मानी जाएगी. इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर को मुस्लिम सेंटर नहीं बनने दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि चुनाव जीतकर आए तो सेंटर की सदस्यता के लिए कमेटी बनेगी. इसके लिए क्राइटेरिया तय होंगे. जो भी इसमें फिट बैठेगा, उसे सदस्य बनाया जाएगा. सेंटर की मेंबरशिप फीस लाख रुपये नहीं होनी चाहिए. चुनाव जीतने पर इसमें बदलाव लाएंगे.
उन्होंने कहा कि अभी आईआईसीसी की मेंबरशिप दिल्ली और नॉर्थ इंडिया तक सीमित है. इसे विस्तार दिया जाएगा. दिल्ली के सेंटर में होने वाले बड़े कार्यक्रम देश के दूसरे बड़े शहरों में भी आयोजित कराए जाएंगे.
अफजल अमानुल्लाह ने 'आवाज द वॉयस' से बातचीत में चुनाव जीतने पर युवा वर्ग को लेकर एक खास योजना पर काम करने की जानकारी दी. उन्होंने चुनाव जीतने के बाद आईआईसीसी की आमदनी और खर्चे पर श्वेत-पत्र लाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात की. अफजल अमानुल्लाह से बातचीत का पूरा ब्यौरा जानने के लिए नीचे दिए गए यूट्यूब लिंक पर क्लिक करें.