Exclusive interview भारतीय कनैडियन मानते हैं निज्जर की हत्या में भारत शामिल नहीं, पर दो देशों के विवाद ने उन्हें चिंता में डाला : हिंद टाइम्स के संपादक राकेश तिवारी
कनाडा के ब्रैम्पटन से दो दशकों से हिंदी पत्रिका ‘हिंदी टाइम्स’ निकाले वाले राकेश तिवारी ने कहा है कि भारत-कनाडा के मौजूदा विवाद से यहां रह रहे भारतीय बेहद चिंतित हैं.राकेश तिवारी को लगता है कि मामला बिगड़ने से यहां रह रहे भारतीयों को परेशानी उठानी पड़ सकती है.
आवाज द वाॅयस हिंदी के संपादक मलिक असगर हाशमी से फोन पर गुफ्तगू के दौरान ‘हिंदी टाइम्स’ पत्रिका के मुख्य संपादक राकेश तिवारी ने शिकायती लहजे में कहा कि भारतीय मीडिया दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब करने पर आमादा है. भारतीय मीडिया में कनाडा के प्रधानमंत्री पर व्यक्तिगत हमले किए जा रहे हैं, जो किसी भी जिम्मेदार मीडिया को शोभा नहीं देता.उन्होंने इसके लिए हिंदी न्यूज चैनलों को विशेष तौर से दोषी ठहराया.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने माना कि कनाडा में रह रहे भारतीय ही नहीं, कनाडा के लोग भी यह मानते हैं कि हाल में यहां आतंकवादी की हत्या में भारत का किसी तरह का हाथ नहीं हो सकता.उन्होंने कहा कि भारत को इस विवाद को मैच्योर कूटनीति का परिचय देते हुए जल्द निपटा देना चाहिए.
कनाडा की जांच में भारत को मदद करना चाहिए. इस मामले को जी 20 के फोरम से भी सुलझाया जा सकता है. उन्होंने कनाडा के लिए नया वीजा नहीं दिए जाने के भारत के फैसले पर चिंता जाहिर की.राकेश तिवारी ने कहा कि कनाडा में ढाई से तीन लाख भारतीय छात्र रहते हैं.
इसके अलावा यहां करीब 20 लाख भारतीय हैं. 30 पहले वह खुद वकालत की पढ़ाई करने के लिए भारत के गोरखपुर से कनाडा के टोरंटो आए थे. उन्होंने कहा कि भारत, कनाडा को लेकर जब भी कोई फैसला करते तो उसे इस पहलू पर भी विचार करना चाहिए.
मौजूदा विवाद से कनाडा में रहे भारतीयों को किसी तरह की परेशानी आने का लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राकेश तिवारी ने कहा कि यह मुल्क बेहद शांत है. यहां सभी धर्मों के लोग मिलजुल कर रहते हैं. अब तक उन्हें यहां रहने में कोई समस्या नहीं आई है, पर ऐसे ही विवाद चलता रहा तो परेशानी आ सकती है.
कनाडा में पनाह लेने वाले खालिस्तानियों एवं अपराधियों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पहले उनकी ओर किसी का ध्यान नहीं था. अब यहां के लोग यह महसूस करने के लगे हैं कि वे उनके लिए समस्या बनने लगे हैं.
ऐसे में यहां रह रहे भारतीय खालिस्तानियों को लेकर अब बेचैनी महसूस करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो का बचाव करते हुए कहा कि वे खालिस्तानियों की कतई हिमायत नहीं करते. न ही उनका ऐसा अब तक कोई बयान आया है. बल्कि खालिस्तानी ही सरकार के लिए समस्या बनने लगे हैं. खालिस्तानियों का विरोध करने पर ट्रूडो सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे उज्जवल दोसांझ को निशाना बनाया गया था.
हिंदी में कनाडा से पत्रिका निकालने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राकेश तिवारी ने कहा कि यहां हिंदी विस्तार ले रही है. लोग हिंदी पढ़ने-लिखने लगे हैं. सहयोग और समर्थन से यहां हिंदी पत्रकारिता फल-फूल रही है. कई लोग उनके साथ काम करते हैं. राकेश तिवारी हिंदी टाइम्स से शाम को रोजाना एक घंटे का पॉडकास्ट रेडियो भी चलाते हैं.