पुण्यतिथि : अब्दुल हलीम जाफर खां सितार 'जफरखानी बाज' शैली के निशान थे

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 04-01-2025
 Abdul Haleem Jafar Khan
Abdul Haleem Jafar Khan

 

नई दिल्ली. संगीत की दुनिया में 'सितार का जादूगर' के नाम से पहचाने जाने वाले अब्दुल हलीम जाफर खां की आज पुण्यतिथि है. प्रसिद्ध सितार वादक अब्दुल हलीम जाफर खां का 4 जनवरी, 2017 को मुंबई में निधन हो गया था.  

खान इंदौर घराने के कलाकार थे. उनके पिता उस्ताद जाफर खां भी सितार के अच्छे ज्ञाता थे. उन्हें पद्मश्री, पद्म भूषण और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था. उनका जन्म 18 फरवरी, 1927 को मध्य प्रदेश में इंदौर के जावरा में हुआ था. वह 'जफरखानी बाज' शैली के लिए भी पहचाने जाते थे.

 पिता के निधन के बाद अब्दुल हलीम जाफर खां के सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई. इस कारण उनको फिल्मी क्षेत्र में जाना पड़ा. यहां उनको कामयाबी मिली, साथ की पूरे भारत में उनके सितार वादन की धूम मच गई. आकाशवाणी के राष्ट्रीय कार्यक्रमों और अखिल भारतीय संगीत सम्मेलनों में अपने सितार वादन से उन्होंने लोगों को हैरान कर दिया था.

अब्दुल हलीम जाफर खां ने चकंधुन, कल्पना, मध्यमी तथा खुसरूबानी जैसे मधुर राग भी निर्मित किए हैं. इसके अलावा उन्होंने कुछ दक्षिणी रागों को भी उत्तर भारत में लोकप्रिय बनाया. सांस्कृतिक प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से कई बार विदेश भी गए थे.

प्रसिद्ध सितार वादक अब्दुल हलीम जाफर खां को साल 2006 में पद्मभूषण, 1991 में मध्य प्रदेश सरकार ने शिखर सम्मान, 1990 में महाराष्ट्र सरकार ने गौरव पुरस्कार, 1987 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और 1970 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.