शांति के लिए चुने सूफिज्म का मार्ग: हंसराज हंस

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 22-08-2023
BJP MP & Punjabi Singer Hansraj Hans
BJP MP & Punjabi Singer Hansraj Hans

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली 

सूफीवाद का मार्ग अपनाकर ही देश में शांति का वातावरण पैदा किया सकता है जिसके लिए सत्ताधारी सरकार हमेशा प्रयासरत है क्योंकि इंसानियत ही सूफीवाद का पहला पाठ है, बुधवार शाम अपने निवास स्थान पर एक साक्षात्कार के दौरान भाजपा सांसद और गायक हंस राज हंस ने ये बात कही.  

मशहूर सूफी सिंगर हंस राज हंस ने नुसरत फतेह अली खान के साथ 'कच्चे धागे' फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा और 'नायक', 'ब्लैक', 'बिच्छू' सहित दर्जनों फिल्मों के लिए गीत गाए जिसके लिए उन्हें पूरी दुनिया से वाहवाही मिली.
 
 
बीजेपी सांसद हंसराज हंस, एक ऐसे व्यक्ति जिन्होनें अपना सारा जीवन जनता की सेवा के लिए समर्पित कर दिया और खुद फकीरी की राह पर चल पड़े हैं. हंस राज हंस एक भारतीय गायक हैं जो बाद में राजनीतिज्ञ बन गये.
 
वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और पद्म श्री के नागरिक सम्मान के प्राप्तकर्ता हैं. वह फिल्मों के साथ-साथ पंजाबी लोक और सूफी संगीत भी गाते हैं और उन्होंने अपना खुद का 'पंजाबी-पॉप' एल्बम भी जारी किया है. 
 
 
राजनीती का सफर शुरू कर चुके उत्तर पश्चिम दिल्ली से बीजेपी लोकसभा सांसद हंस राज हंस ने आवाज द वॉयस को बताया कि अक्सर वे अपनी बात लोकसभा में रखने के लिए बुलंद आवाज में कविता पढ़ते हैं.
 
जिससे उनकी बात स्पष्ट हो जाती है और उनकी शायरी से प्रभावित होकर सभी मेजें थपथपाते नजर आते हैं. लेकिन असल जिंदगी में वे बिलकुल शांत स्वभाव के व्यक्ति हैं जो अब जनता के हित के लिए ही अपना जीवन यापन करते हैं.
 
 
Famous Sufi Singer Hans Raj Hans & Nusrat Fateh Ali Khan

मशहूर सूफी सिंगर हंस राज हंस ने नुसरत फतेह अली खान के साथ हुई एक खास मुलाकात सांझा की दरअसल वे उनसे एक रियलिटी शो में मिले जहां नुसरत फतेह अली खान साहब ने हंस राज हंस की आवाज़ सुनकर कहा था कि तुम्हारी आवाज़ में पंजाब का दोआबा बसता है.
 
इस रियलिटी शो में वे जज की भूमिका थे जिनको हर परफॉर्मेंस के बाद एक गीत गाने के लिए कहा गया. नुसरत फतेह अली खान के साथ ये उनकी पहली मुलाकात थी जिसे वे आजतक नहीं भूले. 
 
उनके भक्क सफेद चेहरे से यह भी साफ पता चलता है कि वे भाव भक्ति में पूर्ण विश्वास रखते हैं उनके चेहरे पर जो नूर है उसे वो अपने गुरुजनों का तोहफा बताते हैं.
 
उनके घर में कृष्ण, गुरु नानक और बुद्ध तीनों साथ दिखें जो अपने आप में विविध भारत की तस्वीर पेश करता है.
 
 
सांसद और गायक हंस राज हंस ने बताया कि आजकल वे बहुत स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो करते हैं जिसमें किसी किस्म की कोई लापरवाही नहीं करते. वे आजकल बाहर का खाना बिलकुल नहीं खाते और शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं. 
 
हंस राज हंस ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता पिता और रब को दिया और अहमद फ़राज़ का शेर पढ़ा...
 
ज़िंदगी तेरी अता थी सो तिरे नाम की है
हम ने जैसे भी बसर की तिरा एहसाँ जानाँ 
न सलीका है आरजू का, न बंदगी को बंदगी है 
ये सब तेरा करम है आका, कि बात अब तक बनी हुई है 

अपने डेली रूटीन को शेयर करते हुए हंस राज हंस ने कहा कि अब उनका गायकी का रियाज़ थोड़ा कम हो गया है मोदी सरकार के संग कदम ताल मिलाते हुए अब वो आम जनता की सेवा की ड्यूटी पर दिन रात मुस्तैद रहते हैं.
 
 
Famous Sufi Singer Hans Raj Hans & Sons  

हंस राज हंस ने बताया कि उनका कभी कोई सिंगिंग बेकग्राउंड नहीं रहा बावजूद इसके उन्होनें मनोरंजन जगत को एक से एक बेहतरीन गीत दिए और अब उनका बड़ा बेटा नवराज हंस और छोटा बेटा भी गायकी करता है.
 
उनका कहना है कि उनकी पीढ़ी अब शान से कह सकती है कि वे गायकी से अपने वलीद द्वारा जुड़े, साथ ही साथ उन्होनें बताया कि अब तो उनका पोता भी अपने सुरों को आजमाने लगा हैं.
 
देखिए:-
 
 
सूक्ष्म जीवन परिचय 
हंस राज हंस ने बॉलीवुड को अन्य सुपरहिट गीत दिए. हंस राज हंस आज गायकी की दुनिया में जाना माना चेहरा बन चुके हैं. आज वह किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. लोग उनकी गायकी के दीवाने रहते हैं. हंस राज के गाने पर लोग थिरकने को मजबूर हो जाते हैं.
 
भले ही हंस राज आज दौलत और शोहरत की ऊंचाइयों पर बैठे हों, लेकिन यह मुकाम उन्होंने संघर्ष के बाद हासिल किया है. हंस ने अपनी स्नातक की पढ़ाई डीएवी कॉलेज जालंधर से की. संगीत के प्रति रुझान होने के कारण उन्होंने उस्ताद पूरन शाह कोटी से संगीत गायन की शिक्षा ग्रहण की.
 
हंस राज हंस का जन्म 9 अप्रैल 1962 को पंजाब के छोटे से गांव शफीपुर में हुआ था। उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था. ठीक से उन्हें दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता था। बचपन से ही उन्होंने अपनी जिंदगी में काफी संघर्ष और मुश्किलों का सामना किया और फिर अपना करियर बनाने के लिए भी उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा.