जयनारायण प्रसाद/ कोलकाता
बहुत कम लोगों को मालूम है, हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री वहीदा रहमान ने एक बांग्ला फिल्म में भी अभिनय किया है. यह बांग्ला फिल्म किसी और की नहीं, बल्कि ऑस्कर पुरस्कार विजेता फिल्मकार सत्यजित राय की बनाई हुई है. इस बांग्ला फिल्म का नाम है 'अभिजान' (हिंदी में इसका मतलब है 'अभियान' और अंग्रेजी में 'एक्सपीडिशन').
वहीदा रहमान को ऐसे मिली सत्यजित राय की बांग्ला फिल्म
तमिलनाडु के चेंगलपेट इलाके में जन्मीं और बंबई में शोहरत का झंडा गाड़ने वाली वहीदा रहमान ने अपने फिल्मी कैरियर में 90 से ज्यादा फीचर फिल्मों में अभिनय किया है. इन नब्बे में वहीदा रहमान की एक उल्लेखनीय बांग्ला फिल्म भी है, जिसका नाम है 'अभिजान' (1962).
इस बांग्ला फिल्म के निर्देशक हैं ऑस्कर पुरस्कार विजेता फिल्मकार सत्यजित राय. यह फिल्म 28 सितंबर, 1962 को रिलीज हुई थीं. देश-विदेश में खूब सराही गई. राय मोशाय की इस बांग्ला फिल्म में वहीदा रहमान ने 'गुलाबी' का रोल किया है. यह एक ऐसा चरित्र है, जो बंगाल-बिहार सीमा का है.
राय की इस फिल्म में वहीदा रहमान टूटी-फूटी भोजपुरी जुबान बोलती है. फिल्म के नायक टैक्सी चालक नरसिंह (अभिनेता सौमित्र चटर्जी) से प्रेम करने लगती है. 150 मिनट की यह बांग्ला फिल्म मूलतः एक टैक्सी ड्राइवर (नरसिंह) के संघर्षों के इर्द-गिर्द घूमती है. 'गुलाबी' (वहीदा रहमान) के प्रवेश करते ही यह फिल्म एक रोमांटिक दुनिया से हमें रूबरू कराने लगती है. वहीदा रहमान ने इस बांग्ला फिल्म में डूबकर अभिनय किया.
सत्यजित राय की यह हिट फिल्मों में से एक है
बांग्ला के मशहूर लेखकों में से एक ताराशंकर बंद्योपाध्याय के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है यह फिल्म. इस फिल्म में मुख्य भूमिका अभिनेता सौमित्र चटर्जी और वहीदा रहमान की है. इनके अलावा राय मोशाय की इस बांग्ला मूवी में अभिनेत्री रुमा गुहा ठाकुरता (गायक किशोर कुमार की पहली पत्नी), ज्ञानेश मुखर्जी और रवि घोष भी है, लेकिन सबके अभिनय से सजी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर काफी हिट रही है.
ऑस्कर एकाडेमी ने वर्ष 2009 में वहीदा रहमान अभिनीत इस बांग्ला फिल्म को अपने 'आर्काइव' में संजो कर रखा है.
ऐसे मिली राय मोशाय की यह बांग्ला फिल्म
कलकत्ता में गुरुदत्त निर्देशित 'कागज़ के फूल' 2 जनवरी, 1959 को रिलीज हुई थीं. 148 मिनट की 'कागज़ के फूल' में वहीदा रहमान का अभिनय देखकर सत्यजित राय मुग्ध रह गए थे. फिर जब उन्होंने इस बांग्ला फिल्म की पटकथा पूरी कर ली, तो वहीदा रहमान का पता जुगाड़ कर उन्हें एक पत्र लिखा. पत्र के आखिर में सत्यजित राय ने अपना नाम और फोन नंबर भी लिख दिया.
उस चिट्ठी में सत्यजित राय ने लिखा - 'गुरुदत्त की फिल्म 'कागज़ के फूल' में आपका अभिनय देखकर मुग्ध हूं. अपनी अगली बांग्ला फिल्म में आपको रखना चाहता हूं. लेकिन, आप हिंदी सिनेमा की बड़ी अभिनेत्री हैं. ज्यादा मेहनताना भी लेती होंगी. मैं कम बजट की बांग्ला फिल्में बनाता हूं. आपको उतना पैसा नहीं दे सकता.' चिठ्ठी में नीचे लिखा- सत्यजित राय
चिट्ठी पाकर वहीदा रहमान ने राय मोशाय को फोन किया
वहीदा रहमान को सत्यजित राय का पत्र जैसे ही मिला, वह खुशी से झूम उठीं. उन्होंने तत्काल राय मोशाय को फोन किया - 'आप अपनी अगली फिल्म शुरू तो कीजिए ! मैं आपकी फिल्म में मुफ्त में काम करूंगी.'
इस तरह हुआ वहीदा रहमान का बांग्ला फिल्म में आना
उसके कुछ दिनों बाद सत्यजित राय की यह बांग्ला फिल्म 'अभिजान' (हिंदी में अभियान) की शूटिंग शुरू हुई. वहीदा रहमान ने खुशी-खुशी राय मोशाय की इस फिल्म में अभिनय किया. सत्यजित राय की इस बांग्ला फिल्म (अभिजान) की शूटिंग बंगाल में बीरभूम जिले के देबराजपुर में हुई थीं.
फिल्म 'कागज़ के फूल' को मिला था दो फिल्मफेयर अवार्ड
गुरुदत्त निर्देशित और अभिनीत फिल्म 'कागज़ के फूल' (1959) को दो फिल्मफेयर पुरस्कार मिले थे। एक सिनेमेटोग्राफर वीके मूर्ति को और दूसरा 'कागज़ के फूल' के कला निर्देशक एमआर अचरेकर को। मशहूर छायाकार वीके मूर्ति का जन्म शताब्दी वर्ष अभी-अभी शुरू हुआ है.
आज 85 वर्ष की हो गईं हैं अभिनेत्री वहीदा रहमान
फिल्म 'प्यासा' (1957), 'कागज़ के फूल' (1959), 'चौदहवीं का चांद' (1960), 'साहिब बीवी और गुलाम' (1962), 'गाइड' (1965), 'नीलकमल' (1968) और 'रेशमा और शेरा' (1971) जैसी फिल्मों में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री वहीदा रहमान को दो फिल्मफेयर और एक दफा राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है. पद्मश्री (1972), पद्मभूषण (2011) और 'दादा साहेब फाल्के' (2023) सम्मान तो है ही.
आज 85 वर्ष, 10 माह और 29 दिनों की हुईं वहीदा रहमान
अभिनेत्री वहीदा रहमान आज 85 वर्ष, 10 माह और 29 दिनों की हुईं. आज वहीदा जी का जन्मदिन है (3 फरवरी, 1938). उनकी लंबी उम्र की कामना. वहीदा जी के दो बच्चे हैं. एक बेटी कासवी रेखी और बेटा सोहैल रेखी. पति शशि रेखी गुजर चुके हैं. वहीदा रहमान के पति 'कमलजीत रेखी' के नाम से अभिनय भी करते थे. उनका मूल नाम शशि रेखी था. एक जनवरी, 1970 में जन्मे शशि रेखी की मौत 21 नवंबर, 2000 में हुई.