रहमान खान की कॉमेडी में समाज की सच्चाई की झलक

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 26-07-2024
A glimpse of the truth of society in Rehman Khan's comedy,Rehman Khan
A glimpse of the truth of society in Rehman Khan's comedy,Rehman Khan

 

रीता फरहत मुकंद 

मुंबई में जन्मे रहमान खान अपनी बहुमुखी प्रतिभा, व्यंग्य, और पंचलाइन मारने की अनूठी तकनीक के लिए जाने जाते हैं. एक अभिनेता, लेखक, थिएटर के शौकीन और स्टैंड-अप कॉमेडियन, रहमान खान का नवीनतम अवतार उनकी प्रसिद्ध रचना 'ह्यूमरबाज' है.

उन्होंने स्टार प्लस, कलर्स, ज़ी टीवी, सोनी एंटरटेनमेंट, सब टीवी और लाइफ ओके जैसे विभिन्न टीवी चैनलों पर 20 से अधिक नॉन-फिक्शन और फिक्शन कॉमेडी शो होस्ट किए हैं. इसके अलावा, उन्होंने भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 2000 से अधिक लाइव शो में प्रदर्शन किया है.

रहमान ने 'द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज', 'कॉमेडी सर्कस', 'कॉमेडी का महा मुकाबला', 'छोटे मियां बड़े मियां', 'मैड इन इंडिया', 'कॉमेडी दंगल' और अन्य कई टेलीविज़न शो में काम किया है. दुनिया भर में उनके 2000 से अधिक लाइव प्रदर्शन हुए हैं और सोशल मीडिया पर उनके बहुत बड़े प्रशंसक हैं, जिनमें YouTube पर लाखों से अधिक हैं.


एक मानवतावादी के रूप में, उन्होंने 'सलाम बॉम्बे' नामक गैर सरकारी संगठन में योगदान दिया है. जिसमें उन्होंने नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से तंबाकू के खतरों पर प्रकाश डाला, गुटखा के आदी लोगों को शिक्षित किया और उनकी मदद की, तथा अनगिनत लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला.

शुरुआत का सफर

45 वर्षीय अभिनेता के लिए, यह सब स्कूल और कॉलेज के दिनों में शुरू हुआ, जब युवा रहमान ने अपने स्कूल के शिक्षकों की नकल करने की कला सीखी. विशेष रूप से उनके इतिहास, हिंदी और दक्षिण भारतीय शिक्षक उनकी नकल का केंद्र थे, जिससे कक्षा में हंसी के ठहाके गूंजते थे.

एक घटना का जिक्र करते हुए रहमान बताते हैं, “एक दिन, जब एक अस्थायी शिक्षक ने हमसे पूछा, 'विशेषण कितने प्रकार के होते हैं?' मैंने मजाक में कहा, 'सर, पकाऊ मत, यह आपका पीरियड नहीं है,' और पूरी कक्षा ठहाके लगाकर हंसने लगी.” इस तरह की घटनाओं ने उन्हें हास्य का एक नया दृष्टिकोण दिया.

स्टैंडअप कॉमेडी का सफर

रहमान खान ने 2007 में स्टैंड-अप कॉमेडी की शुरुआत की. उन्होंने 'द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' के सेमीफाइनल तक का सफर तय किया. एक ब्रिटिश व्यक्ति, जो लंदन कॉमेडी स्टोर से जुड़ा था, ने उनके शो के बाद उन्हें अपने प्रदर्शन में सुधार के सुझाव दिए. इस मुलाकात ने रहमान को अपने कमियों को पहचानने और अपने शो को बेहतर बनाने में मदद की.

उन्होंने अपनी नई लेखनी में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान भारतीय मुसलमानों के अनुभवों को शामिल किया. इस शो ने समाज के भीतर मुसलमानों से जुड़ी रूढ़ियों को उजागर किया.

प्रेरणा और आगे का सफर

रहमान खान का कहना है कि उनके जीवन पर सबसे अधिक प्रभाव उनके दिवंगत पिता का रहा है. उनके पिता एक शिक्षक थे. उन्होंने रहमान को सिद्धांतों पर चलना सिखाया. उनके पिता की भाषा कौशल और अभिव्यक्ति से प्रेरित होकर रहमान ने अपनी भाषा में सुधार किया.

रहमान खान 'ह्यूमरबाज' नामक एक शो के साथ आए हैं, जिसमें कविता, रंगमंच, कहानी कहने का एक तरीका और कॉमेडी का समामेलन है. उन्होंने दिसंबर 2023 में दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में जश्न-ए-रेख्ता में इस शो का प्रदर्शन किया.

रहमान का उद्देश्य अमेरिका, ब्रिटेन और दुनिया भर में ऐसे शो आयोजित करना है, जिनमें मिर्जा गालिब, दाग देहलवी, मुंशी प्रेम चंद, मंटो, कुंवर बेदी सहर और फिराक गोरखपुरी जैसे महान कवियों और लेखकों के जीवन से जुड़े किस्से प्रस्तुत किए जाएं.

निष्कर्ष

रहमान खान का मानना है कि जब भी कोई काम पूरे दिल से किया जाता है, तो वह कभी व्यर्थ नहीं जाता. अपने सरल अंदाज में उन्होंने निष्कर्ष निकाला, "सर्वशक्तिमान की कृपा से, मैं बस अपना काम कर रहा हूँ, भगवान दयालु हैं और लोग किसी तरह अच्छी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और इसे पसंद कर रहे हैं."