मलिक असगर हाशमी
विश्व कप में पाकिस्तान भारत से कोई पहली बार नहीं हारा है. इस बार उसे लगातार आठवीं बार वर्ल्ड कप में भारत से पराजय मिली है. मगर पहले और अब के पराजय में सबसे बड़ा अंतर यह है कि अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हार मिलने के साथ ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और पाकिस्तानी टीम के खिलाड़ियों के बीच चल रही नूरा कुश्ती खुलकर बाहर आ गई है.
कहने को विश्व कप 2023 के स्टार्ट होने के साथ ही पाकिस्तान टीम को बड़ा दावेदार माना जा रहा है, पर अब तक के खेल में इसके खिलाड़ियों का प्रदर्शन वल्र्ड क्लास नहीं दिखा है. इसने अब तक वल्र्ड कप के जितने मैच जीते हैं, सबमें संघर्ष करना पड़ा.
यही नहीं कप्तानी से लेकर बैटिंग, बॉलिंग, फिल्डिंग-सब में पाकिस्तानी टीम ने दर्शकों को मायूस किया है. यहां तक कि इससे पहले खेले गए एशिया कप में भी पाकिस्तान की यही दशा थी.
इसमें कोई शक नहीं कि पाकिस्तानी टीम के कप्तान बाबर आजम क्लासिक बैट्समैन हैं, पर भारत में चल रहे वर्ल्ड कप में उनकी कलात्मक बल्लेबाजी बिल्कुल नहीं नजर आ रही है. यहां तक कि कप्तानी भी दोयम दर्जे की देखने को मिल रही है.
पाकिस्तानी टीम में फूट है. फास्ट बॉलर शाहीन शाह अफरीदी और बाबर आजम में जम नहीं रही है. यह भी मैदान में देखने को मिल रहा है.अहमदाबाद में पाकिस्तानी टीम जिस तरह 191 रन पर ढेर हुई और जिस तरह थाली में परोस कर विजयश्री भारत को सौंप दिया, उससे पाकिस्तान के क्रिकेट पंडित, पूर्व क्रिकेटर बेहद खफा हैं.
यहां तक कि पाकिस्तानी टीवी पर टीम और पीसीबी का पूरा पोस्टमार्टम किया जा रहा है. पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर बासित अली तो इस कदर खफा हैं कि उन्होंने यह तक कह दिया कि अपनी खामियांे पर पर्दा डालने के लिए खिलाड़ियों ने मीडिया वालों को पैसे खिला दिए हैं ताकि खराब प्रदर्शन के बावजूद कोई उनकी आलोचना न करे. वह कहते हैं, ‘‘क्या वजह है कि हर हार के बाद टीम का हर खिलाड़ी एक ही तरह की भाषा बोलता है ?’’
बासित अली ने तो पीसीबी की पूरी पोलपट्टी ही खोल दी है. उनका कहना है कि भारत में बी टीम के खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए सीनियर खिलाड़ियों को ड्राप कर उन्हें अफगानिस्तान जैसी टीम के साथ खेलने के मौके दिए जाते हैं.
मगर पाकिस्तान में पिछले चार वर्षों से सीनियर खिलाड़ी हर मैच खेलने को तैयार रहते हैं, क्यों कि उन्हें प्रत्येक मैच फीस के बदले सात से आठ लाख रूपये मिलते हैं. बासित अली का यह भी आरोप है कि टीम में भाई-भतीजावाद कूट-कूट कर भरा हुआ है.
टीम में खिलाड़ियों को तीन-तीन साल के कांन्ट्रैक्ट पर लाए जा रहे हैं. इसपर सवाल उठाते हुए वह कहते हैं,‘‘ कोई खिलाड़ी तीन साल तक फिट रह सकता है क्या ?’’एक टीवी चैनल डिबेट में पाकिस्तान के चर्चित खेल पत्रकार हाफिज उमर तो बासित अली से भी ज्यादा बिफरे नजर आए. उन्होंने बाबर आजम की कप्तानी पर भी सवाल उठाए.
पीसीबी को तलाड़ते हुए ऐन वल्र्ड कप से पहले विदेशी को पाकिस्तान का हेड कोच रखने की जमकर आलोचना की. उन्होंने बीसीसीआई और भारतीय खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए कहा कि पड़ोसी मुल्क में पिछले चार वर्षों से वल्र्ड कप के लिए खिलाड़ियों को तैयार किया जा रहा है, पर पाकिस्तान ने इस बीच कई बोर्ड चेयरमैन बदल दिए.
उन्होंने विश्व कप के समय टीम में सउद शकील को शामिल करने को भी गलत करार दिया. उन्हांेने बाबर आजम कोे सीनियर खिलाड़ियों से सलाह-मशविरा नहीं करने को गलत बताया.
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद यूसुफ कहते हैं, भारत में सीनियर खिलाड़ियों को महत्व दिया जाता है. द्रविड़ को टीम से जोड़े रखा है, मगर पाकिस्तान में इंजमामुल हक जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों को नहीं पूछा जाता.
राजनीति कर सकलैन मुश्ताक को कोच पद से हटा दिया गया. उन्होंने शुभमन गिल की तारीफ करते हुए भारत के खिलड़ियों की तैयार को इंगित किया. उन्होंने कहा कि शुभमन गिल ने डेंगू से उबरते ही मैदान में जलवा दिखाया.
मगर पाकिस्तानी खिलाड़ियों की लड़ने की वह क्षमता मैदान में नहीं दिखी. उनकी राय में पाकिस्तान को स्वीप शाॅट सहित कई क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है.पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर मुश्ताक अहमद का कहना है कि एक जमाने में उनके देश की टीम भारत से अधिक मजबूत हुआ करती थी.
मगर अब वह बात नहीं रही. टीम में संषर्घ और आत्मविश्वास की भारी कमी है. टीम में एका भी नहीं दिखती. उन्होंने भारत के कप्तान रोहित शर्मा की तारीफ करते हुए कहा कि वह पाकिस्तान के विरूद्ध खेलते हुए चाहते तो 86 पर आउट नहीं होते.
शतक बनाने के लिए पिच पर डटे रहते. मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया. अपना काम कर आगे बढ़ गए. दूसरी तरफ पाकिस्तानी टीम डरी हुई थी. डेढ सौ रन के बाद जिस तरह पूरी टीम बीस-बाइस रन पर ढेर हुई, वह बहुत कुछ इशारा करती है.
इमरान खान के प्रधानमंत्रित्व काल में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के कार्यकारी चेयरमैन रहे रमीज राजा भी भारत से शिकस्त खाने को लेकर खासे नाराज हैं. वह कहते हैं-‘‘यदि आप जीत नहीं सकते, तो कम से कम प्रतिस्पर्धा तो करें.’’
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान रमीज राजा ने आईसीसी विश्व कप 2023 में भारत के खिलाफ खराब प्रदर्शन के लिए पाकिस्तान की आलोचना की है और हार को दुखद और डरावना बताया.
बता दें कि अहमदाबाद में
भारत ने पाकिस्तान को 191 रन पर ढेर कर दिया था. फिर रोहित शर्मा के अर्धशतक की मदद से लगभग 20 ओवर शेष रहते हुए सात विकेट से भारत ने यह मैच जीत लिया.राजा गुस्से में कहते हैं- पाकिस्तान तीनों विभागों में पिछड़ गया.यदि आप जीत नहीं सकते, तो कम से कम मुकाबला तो करें, पर पाकिस्तान ऐसा करने में सक्षम नहीं दिखा.’’
रवि शास्त्री ने भी शाहीन अफरीदी की आलोचना की है. कहा, वह कोई वसीम अकरम नहीं हैं.यह वास्तविकता है और पाकिस्तान को इसके बारे में कुछ करना होगा. वे भारत के खिलाफ चैकस नहीं दिखे. यह एक मानसिक अवरोध है. यह एक कौशल अवरोध भी है.
राजा कहते हैं- पाकिस्तान 1992 विश्व कप का विजेता रहा है और वह उस टीम का हिस्सा थे.’’61 वर्षीय खिलाड़ी ने स्वीकार किया कि भारत के खिलाफ मैच में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भारी दबाव से गुजरना पड़ता है. उन्होंने कहा कि उन्हें इससे ऊपर उठने की जरूरत है.
जब आप भारत के खिलाफ खेल रहे होते हैं, तो यह ऐसा माहौल होता है जहां 99 प्रतिशत भारतीय प्रशंसक और भीड़ होती है. आप स्पष्ट रूप से अभिभूत होते हैं. मैं यह सब समझता हूं, लेकिन बाबर आजम ने चार या पांच वर्षों तक इस टीम का नेतृत्व किया है. इसलिए आपको इस अवसर पर आगे आना होगा.
राजा ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों से आग्रह किया कि वे ऐसे महत्वपूर्ण संघर्षों में दबाव से निपटने के लिए भारत से सीखें. उन्होंने कहा-पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप प्रतियोगिताओं में अपनी उपस्थिति बनाए रखने का श्रेय भारत को जाता है. यह भारत के लिए भी आसान मैच नहीं है, क्योंकि इसमें भावनाएं शामिल हैं, उम्मीदें शामिल हैं.’’
उन्होंने कहा, तब आपको जीतना ही होगा क्योंकि ऐसा कई सालों से हो रहा है कि इससे आप पर थोड़ा अतिरिक्त दबाव आ सकता है. लेकिन उन्होंने इसे बहुत अच्छी तरह से संभाला है.राजा ने कप्तान बाबर और पाकिस्तान के अन्य वरिष्ठ खिलाड़ियों को युवाओं के साथ एकजुट होने के लिए कहा ताकि वे अपने अगले मैचों में पूरी ताकत से खेल सकें.दो जीत और चार अंकों के साथ, पाकिस्तान अभी भी विश्व कप सेमीफाइनल में प्रवेश करने की पूरी कोशिश में है.
रमीज राजा ने टीम में फूट की ओर इशारा करते हुए कहा-‘‘ बाबर आजम और सीनियर खिलाड़ियों को कुछ युवा बच्चों के साथ मिलकर जवाब ढूंढना होगा. उन्हें टीम बैठकों में बेहद ईमानदार रहना होगा. मुझे लगता है कि पाकिस्तान को यहीं से शुरुआत करने की जरूरत है.’’
अगला मैच पाकिस्तान का ऑस्ट्रेलिया से है. अब देखना यह है कि इतनी आलोचनाओं और सलाह के बाद इस टीम के खिलाड़ियों की मनोदशा में कुछ सुधार होता भी या नहीं.