कनाडा, ग्रीनलैंड, पनामा नहर पर अमेरिकी कब्जा क्यों चाहते हैं ट्रंप

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 08-01-2025
Donald Trump
Donald Trump

 

वाशिंगटन. अमेरिकी के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सिर्फ कनाडा ही नहीं बल्कि ग्रीनलैंड और पनामा नहर को अमेरिकी नियंत्रण में लाने की अपनी इच्छा को लगातार जाहिर कर रहे हैं. इसके लिए उनके पास अपने तर्क हैं.  

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने फ्लोरिडा में अपने मारा-ए-लागो एस्टेट में एक समाचार सम्मेलन के दौरान उन्होंने इन मुद्दों पर खुलकर बात की.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह स्वायत्त डेनिश क्षेत्र (ग्रीनलैंड) या नहर पर कब्जा करने के लिए सैन्य या आर्थिक बल का उपयोग न करने का आश्वासन देंगे. उन्होंने जवाब दिया, "नहीं, मैं आपको इन दोनों में से किसी के बारे में आश्वासन नहीं दे सकता.

ट्रंप ने कहा, "लेकिन मैं यह कह सकता हूं, हमें आर्थिक सुरक्षा के लिए उनकी जरूरत है."

डेनमार्क और पनामा दोनों ने ऐसे किसी भी सुझाव को खारिज कर दिया है कि वे क्षेत्र छोड़ देंगे.

ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या वे कनाडा को अपने साथ मिलाने की कोशिश करेंगे तो उन्होंने 'आर्थिक बल' का इस्तेमाल करने की बात कही और दोनों देशों की साझा सीमा को 'कृत्रिम रूप से खींची गई रेखा' कहा.

यह सीमा दो देशों के बीच दुनिया का सबसे लंबा बॉर्डर है और इसे 1700के दशक के अंत में अमेरिका की स्थापना के समय की संधियों के तहत स्थापित किया गया था.

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका कनाडा की सुरक्षा के लिए अरबों डॉलर खर्च करता है. उन्होंने कनाडाई कारों, लकड़ी और डेयरी उत्पादों के आयात की आलोचना की.

ट्रंप ने कहा, "कनाडा को एक राज्य होना चाहिए." हालांकि निवर्तमान कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के मुताबिक दोनों देशों के विलय की 'एक बर्फ के गोले के बराबर भी संभावना नहीं है.'

इससे पहले जब ट्रूडो ने लिबरल पार्टी के नेता पद और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की तो ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर कहा, "कनाडा में बहुत से लोग 51वें राज्य का हिस्‍सा बनना पसंद करेंगे. संयुक्त राज्य अमेरिका अब उस बड़े व्यापार घाटे और सब्सिडी को सहन नहीं कर सकता है जिनकी कनाडा को बने रहने के लिए जरूरत है. जस्टिन ट्रूडो को यह पता था और उन्होंने इस्तीफा दे दिया."

डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने डेनिश टीवी से कहा कि 'ग्रीनलैंड, ग्रीनलैंड के लोगों का है' और केवल स्थानीय आबादी ही इसके भविष्य का निर्धारण कर सकती है. उन्होंने कहा कि 'ग्रीनलैंड बिक्री के लिए नहीं है', लेकिन इस बात पर जोर दिया कि डेनमार्क को नाटो सहयोगी अमेरिका के साथ घनिष्ठ सहयोग की जरुरत है.

ग्रीनलैंड उत्तरी अमेरिका से यूरोप तक के सबसे छोटे मार्ग पर स्थित है. यह एक बड़े अमेरिकी अंतरिक्ष केंद्र का घर है. इसमें दुर्लभ खनिजों के कुछ सबसे बड़े भंडार हैं, जो बैटरी और उच्च तकनीक वाले उपकरणों के निर्माण में महत्वपूर्ण हैं.

ट्रंप ने सुझाव दिया कि यह द्वीप चीनी और रूसी जहाजों पर नजर रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं जो आजकर हर जगह नजर आ रहे हैं.

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बार-बार अमेरिकी क्षेत्रीय विस्तार पर जोर दे रहे हैं. पनामा नहर को लेकर उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने दावा किया कि इसका संचालन चीन कर रहा है.

ट्रंप ने इससे पहले पनामा पर जलमार्ग का उपयोग करने के लिए अमेरिकी जहाजों से अधिक शुल्क लेने का आरोप लगाया था. यह जलमार्ग अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ता है.

पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने ट्रंप के दावों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि नहर में 'बिल्कुल भी चीनी हस्तक्षेप नहीं है.'

मीडिया रिपोट्स के मुताबिक हांगकांग बेस्ड कंपनी, सीके हचिसन होल्डिंग्स, नहर के प्रवेश द्वार पर दो बंदरगाहों का प्रबंधन करती है.

पनामा नहर का निर्माण 1900के दशक की शुरुआत में किया गया था. अमेरिका का 1977तक नहर क्षेत्र पर नियंत्रण था. 1977में टोरीजोस-कार्टर संधि के तहत नहर को पनामा को सौंप दिया गया. इस संधि पर तत्कालीन पनामा के राष्ट्रपति उमर टोरिजोस और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने हस्ताक्षर किए.

ट्रंप ने कहा, "पनामा नहर को पनामा को देना एक बहुत बड़ी गलती थी. देखिए, [कार्टर] एक अच्छे इंसान थे... लेकिन वह एक बड़ी गलती थी."

1914में जब नहर खुली थी, तब इससे एक साल में करीब 1,000जहाज गुजरते थे. 2008में यह संख्या 14,702जहाजों तक पहुंच गई. 2012तक, 815,000से ज़्यादा जहाज नहर से होकर गुजर चुके थे.

इस नहर को पनामा इकॉनोमी का प्रमुख स्तंभ माना जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह एशिया से अमेरिका के आयात और तरलीकृत प्राकृतिक गैस जैसे उत्पादों के निर्यात के लिए भी महत्वपूर्ण है. चीन की बढ़ी ताकत बन जाने के बाद इस नगर महत्व बढ़ गया है क्योंकि यह नहर चीन से अमेरिका के पूर्वी तट को जोड़ती है.