विदेशी निवेश के लिए माहौल कैसा होना चाहिए?

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 18-04-2025
What should be the environment for foreign investment ?
What should be the environment for foreign investment ?

 

docterडॉ. सुल्तान महमूद राणा

वैश्वीकरण के इस युग में, विदेशी निवेश आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरक शक्ति है.विकासशील देशों में औद्योगीकरण , बुनियादी ढांचे के विकास , रोजगार सृजन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर विदेशी निवेश का प्रभाव बहुत अधिक है.सवाल यह है कि किसी देश को निवेश के लिए आकर्षक कैसे बनाया जाए?

केवल प्राकृतिक संसाधन या जनसंख्या ही नहीं , बल्कि किसी देश की राजनीतिक और कानूनी संरचना , शासन और स्थिरता भी यह निर्धारित करती है कि विदेशी निवेशक उसमें रुचि लेंगे या नहीं.किसी भी राजनीतिक स्थिति या वातावरण में विदेशियों की निवेश में रुचि नहीं हो सकती.इस मामले में पहली बात जो ध्यान में आती है वह है देश की राजनीतिक स्थिरता.

राजनीतिक विश्लेषक सैमुअल पी. हंटिंगटन ने अपनी पुस्तक 'पॉलिटिकल ऑर्डर इन चेंजिंग सोसाइटीज ' में कहा है, ' अस्थिर राजनीतिक व्यवस्थाएं आर्थिक विकास को हतोत्साहित करती हैं.' ' अनिर्वाचित सरकारें , बार-बार सरकार बदलना , सैन्य हस्तक्षेप या हिंसक विरोध जैसी राजनीतिक अराजकता निवेशकों को हतोत्साहित करती है.

उनके अनुसार , विकासशील देशों में राजनीतिक अस्थिरता आर्थिक विकास को नुकसान पहुंचाती है.हंटिंगटन का तर्क है कि विकास तभी टिकाऊ होता है जब राजनीतिक संस्थाएं मजबूत और स्थिर हों.

इस संदर्भ में, फ्रांसिस फुकुयामा का तर्क है कि मजबूत राज्य क्षमता, कानून का शासन और लोकतांत्रिक जवाबदेही का संयोजन एक सफल राज्य की नींव है.उनके अनुसार , निवेश के लिए ' सक्षम राज्यों' की आवश्यकता होती है - जहां प्रशासन कुशलता से काम करता है और राजनीतिक हस्तक्षेप सीमित होता है.इसके अलावा, विदेशी निवेश के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही बहुत महत्वपूर्ण है.

शोध से पता चला है कि लोकतांत्रिक प्रणालियों में दीर्घकालिक नीति-निर्माण और नीति-आधारित प्रशासन विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है.फिर भी, दानी रोड्रिक जैसे कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​है कि निवेश के लिए न केवल लोकतंत्र बल्कि ' पूर्वानुमानित और जवाबदेह शासन' भी सबसे महत्वपूर्ण है.

यहां तक ​​कि निरंकुश या तानाशाही प्रणालियों में भी, यदि निर्णय लेने की प्रक्रिया तीव्र है, तो नीति में अचानक परिवर्तन का जोखिम बना रहता है.इस कारण, तीव्र निर्णय लेने की क्षमता और स्थिरता का संकट भी निवेश को हतोत्साहित करता है.परिणामस्वरूप, राजनीतिक स्थिरता और नीतिगत निरंतरता मिलकर निवेश-अनुकूल राजनीतिक ढांचे का निर्माण करती है.

विदेशी निवेशक किसी भी देश में निवेश करने से पहले वहां की कानून व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था का विश्लेषण करते हैं.असुरक्षा, अपहरण, जबरन वसूली और भ्रष्टाचार - ये निवेश में प्रमुख बाधाएं हैं.विश्व बैंक के डूइंग बिजनेस इंडेक्स के अनुसार , जहां अनुबंध प्रवर्तन आसान है और अदालती कार्यवाही पारदर्शी है, वहां निवेश दरें अपेक्षाकृत अधिक हैं.

विदेशी निवेशक किसी भी देश में निवेश करने से पहले वहां की कानून व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था का विश्लेषण करते हैं.अर्थशास्त्री डगलस नॉर्थ ने अपने सिद्धांत ' संस्थाएं, संस्थागत परिवर्तन और आर्थिक प्रदर्शन ' में कहा है, ' मजबूत कानूनी संस्थाएं लेन-देन की लागत और अनिश्चितता को कम करती हैं.' ' अर्थात्, एक मजबूत कानूनी और नियामक प्रणाली निवेशकों का विश्वास बढ़ाती है.जोखिम कम करती है.

इसके अलावा , पुलिस की निष्पक्षता , न्यायपालिका की स्वतंत्रता और दोषियों को सजा की गारंटी - ये कारक सीधे निवेश के माहौल को प्रभावित करते हैं.जब विदेशी निवेश की बात आती है तो किसी देश की प्रशासनिक दक्षता बहुत महत्वपूर्ण होती है.

अमेरिकी अर्थशास्त्री हेरोल्ड डेमसेट्ज ने अपने 'लेनदेन लागत अर्थशास्त्र' के सिद्धांत में बताया है कि प्रशासनिक जटिलता और रिश्वतखोरी निवेश की 'लेनदेन लागत' को बढ़ाती है.उद्यमशीलता को हतोत्साहित करती है,इसलिए इस मामले में कुशल , पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन की आवश्यकता है.

यदि किसी देश में एकल खिड़की सेवा, समयबद्ध स्वीकृतियां , स्पष्ट नीतियां और प्रभावी कार्यान्वयन तंत्र हैं , तो निवेशक विश्वास के साथ उस देश में निवेश कर सकते हैं.नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा , "विकास सिर्फ जीडीपी नहीं , बल्कि लोगों का सशक्तिकरण है." निवेश तभी सफल होता है,जब लोग स्वतंत्र निर्णय ले सकें और संस्थाएं जन-केंद्रित हों

.उन्होंने कहा, 'स्वतंत्रता न केवल विकास का प्राथमिक लक्ष्य है, बल्कि यह इसके प्रमुख साधनों में से एक भी है.' यह दृष्टिकोण निवेश के मानवीय पक्ष को ध्यान में रखता है.विश्व बैंक के अनुसार , कुशल प्रशासनिक संरचनाएं और आसान कारोबारी माहौल , विकासशील देशों में भी निवेशकों को आकर्षित करते हैं.

इसके अलावा, निवेशकों के लिए सबसे बड़ी सुरक्षा अनुबंध की कानूनी सुरक्षा है.यदि कोई विदेशी निवेशक किसी अनुबंध में प्रवेश करता है , तो वह चाहेगा कि उस अनुबंध का उल्लंघन होने पर उसे शीघ्र और निष्पक्ष न्याय मिले.

दुर्भाग्य से, कई देशों में धीमी अदालती प्रक्रियाओं और राजनीतिक प्रभाव के कारण न्याय बाधित होता है , जिससे विदेशी निवेशकों में अनिश्चितता पैदा होती है.एक स्वतंत्र न्यायपालिका न केवल कानून को लागू करने में , बल्कि निवेशकों के बीच विश्वास पैदा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

विकसित देशों में , निवेश विवादों को अक्सर मध्यस्थता प्रणालियों या वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणालियों के माध्यम से शीघ्रता से सुलझाया जाता है.अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमैन की स्वतंत्रता थीसिस के अनुसार , आर्थिक स्वतंत्रता और नीतिगत खुलापन किसी देश की निवेश अनुकूलता निर्धारित करते हैं.

न्यूनतम सरकारी हस्तक्षेप , मुद्रा स्थिरता , कर नीति पारदर्शिताऔर विदेशी मुनाफे की गारंटीकृत वापसी - ये सभी चीजें विदेशी निवेशकों को आकर्षित करती हैं.सुदृढ़ आर्थिक नीतियों के अतिरिक्त, बुनियादी ढांचे का विकास - जैसे सड़क , बिजली और बंदरगाह सुविधाएं - भी विदेशी निवेश के लिए पूर्वापेक्षाएँ हैं.जिन देशों में 'विशेष आर्थिक क्षेत्र' या कर-मुक्त क्षेत्र हैं , वहां विदेशी निवेश बढ़ रहा है .

उदाहरण के लिए , वियतनाम और इंडोनेशिया अपनी स्थिर अर्थव्यवस्थाओं और श्रम-अनुकूल नीतियों के माध्यम से कई विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने में सक्षम रहे हैं.दुनिया भर में विदेशी निवेश में सबसे बड़ी बाधा भ्रष्टाचार है.

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के 'भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक' से पता चलता है कि जिन देशों में भ्रष्टाचार का स्तर अधिक है , वहां विदेशी निवेश अपेक्षाकृत कम है.इसके अलावा, यह सिद्ध तथ्य है कि भ्रष्टाचार से व्यापार की लागत बढ़ती है , मंजूरी में देरी होती है और प्रतिस्पर्धा कम होती है.

अर्थशास्त्रियों और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, निवेश के मामले में 'सुरक्षा' और 'विश्वास' दो सबसे महत्वपूर्ण तत्व हैं.और यह विश्वास दीर्घकालिक, पारदर्शी, सिद्धांतबद्ध और स्थिर वातावरण में निर्मित होता है.

विदेशी कंपनियां एक पूर्वानुमानित और पारदर्शी कारोबारी माहौल चाहती हैं, जहां नियम सभी पर समान रूप से लागू हों.इसलिए, भ्रष्टाचार विरोधी आयोग की प्रभावशीलता , स्वतंत्र मीडिया और नागरिक समाज की भूमिका विदेशी निवेश को आकर्षित करने में प्रत्यक्ष भूमिका निभाती है.

इसलिए, स्पष्ट है कि विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मुख्य प्रेरक शक्ति सिर्फ प्राकृतिक संसाधन या जनसंख्या नहीं है - बल्कि देश का राजनीतिक और प्रशासनिक वातावरण भी है, जिसमें विविध आबादी के सशक्तिकरण के लिए निष्पक्ष और रचनात्मक ढांचा शामिल है.

जहां न केवल निवेशकों का विश्वास स्थापित होगा , बल्कि संबंधित देश के लोगों में भी सार्वभौमिक विश्वास पैदा होगा.कानून और व्यवस्था की स्थिति , न्यायिक प्रणाली की पारदर्शिता, भ्रष्टाचार का दमन, राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक नीतियों की निरंतरता - ये सभी तत्व मिलकर एक 'निवेश-अनुकूल' राज्य का निर्माण करते हैं.

अर्थशास्त्रियों और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार , निवेश के मामले में 'सुरक्षा' और 'विश्वास' दो सबसे महत्वपूर्ण तत्व हैं.यह विश्वास दीर्घकालिक , पारदर्शी , सिद्धांतबद्ध और स्थिर वातावरण में निर्मित होता है.

(डॉ. सुल्तान महमूद राणा , प्रोफेसर , राजनीति विज्ञान विभाग)