हरजिंदर
भारत की होली के ठीक एक दिन पहले मास्को में आतंकवादियों द्वारा किए गए विस्फोट ने दुनिया को एक बड़ी सिहरन दे दी है. कुछ समय पहले ही हमने जिस आईएसआईएस को खारिज मान लिया था, उसकी दहशत एक बार फिर दुनिया के माथे पर लौट आई है.
ऐसा भी नहीं है कि जो हुआ उसकी आशंका सिरे से ही नहीं थी. अमेरिकी एजेंसियां तो पिछले कुछ समय से यह चेतावनी दे रहीं थी. इसी महीने की षुरुआत में स्पश्ट तौर पर कहा गया कि इस्लामिक स्टेट खोरसान का यह हमला मास्को में किसी भीड़-भाड़ वाली जगह पर हो सकता है. अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए ऐसी जगहों से दूर रहने की चेतावनी भी जारी कर दी थी.
खतरा सर पर है यह रूस को भी बता दिया गया था. लेकिन यूक्रेन से जंग में उलझे रूस को कोई और खतरा नजर ही नहीं आ रहा था. यहां तक कि जब यह विस्फोट हो गया तब भी सरकार की तरफ से पहली प्रतिक्रिया यूक्रेन के खिलाफ ही आई थी. बाद में जब इस्लामिक स्टेट ने इसकी जिम्मेदारी ली तब ही जाकर रूस के तेवर बदले.
वैसे इस संगठन ने साल 2020 में ईरान में एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. उसके बाद से कोई बड़ी वारदात न होने के कारण यह मान लिया गया कि इस संगठन की ताकत अब कमजोर पड़ रही है. लेकिन रूस को अगर यह आशंका नहीं थी ये भी काफी गंभीर बात है. इस्लामिक स्टेट रूस से तबसे खफा है जब 2015 में रूस ने सीरियाई राश्ट्रपति बषर अल असद सरकार की मदद करते हुए इस संगठन की कमर तोड़ दी थी.
उसके बाद इस संगठन ने अपना आधार अफगानिस्तान में बना लिया है. जो रूस के पास भी है और जहां सोवियत रूस के दौर की कुछ पुरानी रंजिशें लोगों के दिल दिमाग में अभी बची हुई हैं.वैसे इस्लामिक स्टेट खुरासान के बारे में यह कहा जाता है कि इसकी स्थापना पाकिस्तानी तालिब तंजीमों ने ही की थी.
अगर कुछ पश्चिमी अखबारों की खबरों पर यकीन किया जाए तो अफगान तालिबान और इस्लामिक स्टेट के बीच अब छत्तीस का रिश्ता बनता जा रहा है. तकरीबन ठीक वैसा ही रिश्ता जैसा अफगान तालिबान और पाकिस्तानी तालिब संगठनों के बीच बन गया है.
वैसे पाकिस्तान के कुछ सुरक्षा विषेशज्ञ पिछले कुछ समय से कह रहे हैं कि उनके मुल्क के लिए सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान और उसके जैसे अन्य संगठन ही है। कभी पाकिस्तान की फौज ने ही इसे षह दी थी लेकिन अब वह फौज भी नहीं जानती कि इस पर कैसे काबू किया जाए.
हालांकि बात सिर्फ रूस और पाकिस्तान भर की नहीं है. इस विस्फोट ने बता दिया है कि खतरा पूरी दुनिया पर ही है. यह भी बता दिया है कि इस्लामिक स्टेट कहीं भी किसी भी वारदात को अंजाम दे सकता है. वे सारे खतरे जिसे एक दषक पहले तक हमने खत्म मान लिया था वे सब हमारे सामने फिर आ खड़े हुए हैं.
( लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं )