आइए, केन्द्रीय बजट 2025-26 को समझें

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 02-02-2025
Let us understand the Union Budget 2025-26
Let us understand the Union Budget 2025-26

 

आवाज द वाॅयस संपादकीय
 
तेलुगु कवि और नाटककार गुराजादा अप्पा राव के प्रसिद्ध कथन कोई देश केवल उसकी मिट्टी से नहीं है, बल्कि देश उसके लोगों से है कथन को उद्धृत करते हुए वित्त मंत्री ने केन्द्रीय बजट 2025-26 में प्रस्तुत किया. इसमें सबका विकास लक्ष्य के साथ समस्त क्षेत्रों का संतुलित विकास का लक्ष्य रखा गया हैं.

 इसी लक्ष्य के अनुरूप वित्त मंत्री ने विकसित भारत के व्यापक सिद्धांतों का उल्लेख किया जो इस तरह से हैं-

क)   गरीबी से मुक्ति;

ख)   शत प्रतिशत अच्छे स्तर की स्कूली शिक्षा;

ग)   बेहतरीन, सस्ती और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच;

घ)   शत-प्रतिशत कुशल कामगार के साथ सार्थक रोजगार;

ङ)   आर्थिक गतिविधियों में सत्तर प्रतिशत महिलाएं; और

च)   हमारे देश को फूड बास्केट ऑफ द वर्ल्डबनाने वाले किसान

 

केन्द्रीय बजट 2025-26 में विकास को बढ़ावा के लिए सरकारी प्रयासों को जारी रखने, समग्र विकास को सुनिश्चित करने, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने, परिवारिक भावनाओं को बढ़ाने और उभरते मध्यम वर्ग की व्यय क्षमता को बढ़ाने का वादा किया गया. इस बजट में प्रस्तावित विकास, उपाय गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को ध्यान में रखकर किया गया है.

बजट में भारत की विकास संभावनाओं और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि के लिए कराधान, ऊर्जा क्षेत्र, ग्रामिण विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र और नियामक में परिवर्तनकारी सुधारों का लक्ष्य रखा गया है.

केन्द्रीय बजट में रेखांकित किया गया है कि कृषि, एसएसएमई, निवेश और निर्यात विकसित भारत की यात्रा के ईंजन हैं. इसमें सुधार को ईंधन के रूप में और समावेशिता की भावना को पथप्रर्दशक के रूप में रखा गया है.

पहला ईंजनः कृषि

बजट में राज्यों की भागीदारी के साथ प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजनाकी गई है. इसके अंतर्गत 100 जिलों को शामिल किया गया है जहां उत्पादन में वृद्धि, फसल विविधता अपनाने, फसल कटाई के बाद भंडारण बढ़ाने, सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करने, दीर्घ-अवधि और लघु-अवधि, ऋण की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाने का लक्ष्य रखा गया.

राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलन निर्माण कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा. इससे कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि में कम रोजगार का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी.

इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक अवसरों का सृजन करते हुए जिसमें विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, सीमांत और छोटे किसानों और भूमिहीन परिवारों पर ध्यान देना है.

सरकार तूर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान के साथ दालों में आत्मनिर्भरता के लिए एक छह वर्षीय अभियान का शुभारंभ करेगी. केन्द्रीय एजेंसियां (नेफेड और एनसीसीएफ) अगले चार वर्षों के दौरान किसानों से मिलने वाली इन तीन दालों को अधिकतम स्तर पर खरीदने के लिए तैयार रहेंगे.

बजट में सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम हेतु उपायों की भी अवधारणा तैयार की गई है. कृषि और इससे सम्बद्ध गतिविधियों को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहन देने के लिए इसमें अन्य उपायों के साथ कपास उत्पादकता के लिए एक पांच वर्षीय अभियान और उच्च पैदावार करने वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन शामिल हैं.

संशोधित ब्याज योजना के अंतर्गत किसान क्रेडिटों के माध्यम से मिलने वाले ऋण की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की.

दूसरा इंजनः एमएसएमई

वित्त मंत्री ने विकास के लिए एमएसएमई को दूसरा शक्तिशाली इंजन बताया, क्योंकि यह क्षेत्र हमारे निर्यात का 45 फीसदी है. एमएसएमई को व्यापक स्तर पर उच्चतर कुशलता, तकनीकी उन्नयन और पूंजी के लिए बेहतर पहुंच प्राप्त करने में सहायता देने के लिए सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और कुल कारोबार सीमाओं को क्रमशः 2.5 और दोगुना बढ़ाया गया है. इसके अलावा गारंटी कवर के साथ ऋण उपलब्धता को बढ़ाने के लिए भी उपायों की घोषणा की गई है.

वित्त मंत्री ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की पहली बार की उद्यमी पांच लाख महिलाओं के लिए एक नई योजना का शुभारंभ किया। यह अगले 5 वर्षों के दौरान करोड़ रुपए तक के ऋण प्रदान करेगी.

तीसरा इंजनः निवेश

निवेश को वृद्धि का तीसरा इंजन बताते हुए वित्त मंत्री ने लोगों, अर्थव्यवस्था और अभिनव में निवेश को प्राथमिकता दी.

लोगों में निवेश के अंतर्गत, उन्होंने घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में सरकारी विद्यालयों में 50,000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी.

निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि भारतनेट परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को ब्रॉडबेंड कनेक्टविटी प्रदान की जाएगी.

उन्होंने कहा कि भारतीय भाषा पुस्तक योजना को विद्यालयों और उच्चतर शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं के डिजिटल स्वरूप को प्रदान करने के लिए कार्यान्वित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर दी वर्ड विनिर्माण के लिए आवश्यक कौशल से हमारे युवाओं को युक्त करने के लिए वैश्विक विशेषज्ञता और साझेदारी के साथ पांच राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केन्द्रों की स्थापना की जाएंगी.

500 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ शिक्षा के लिए आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस में एक उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की जाएगी.

बजट में घोषणा की गई कि सरकार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य देखभाल, गिग श्रमिकों के पहचान पत्र बनाने के साथ-साथ ई-श्रम पोर्टल पर उनका रजिस्ट्रेशन करेंगी.

अर्थव्यवस्था में निवेश के अंतर्गत श्रीमती सीतारमण ने कहा कि बुनियादी ढांचा-संबंधित मंत्रालय सार्वजनिक-निजी साझेदारी मोड में परियोजनाएं के तीन वर्ष की अवधि के साथ कार्य करेंगे.

उन्होंने कहा कि राज्यों के लिए पूंजीव्यय और सुधारों के लिए प्रोत्साहन देने के लिए 50 वर्ष तक के ब्याज मुक्त ऋणों के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव दिया गया है.

उन्होंने नई परियोजनाओं में 10 लाख करोड़ रुपये की पूंजी का लाभ लेने के लिए दूसरी परिसम्पत्ती मौद्रिकरण योजना 2025-30 की भी घोषणा की..

जनभागीदारी के माध्यम से ग्रामीण पाइप के माध्यम से जलापूर्ति के बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता, संचालन और मरम्मत पर ध्यान देने के साथ वर्ष 2028 तक जल जीवन मिशन का विस्तार किया गया है.

सरकार विकास केन्द्रों के तौर पर शहरों, के रचनात्मक पुनर्विकास और जल एवं स्वच्छता के लिए प्रस्तावों को कार्यान्वित करने हेतु एक लाख करोड़ रुपये के शहरी चुनौती कोष का गठन करेंगी.

अभिनव में निवेश के अंतर्गत निजी क्षेत्र परख अनुसंधान, विकास और अभिनव पहल को कार्यान्वित करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की गई है.

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने शहरी योजना को लाभ देने हेतु बुनियादी भू-स्थैतिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राष्ट्रीय भू-स्थैतिक अभियान का प्रस्ताव दिया.बजट में शैक्षणिक संस्थानों, संग्रहालयों, प्रयोगशालाओं और निजी संग्रहकर्ताओं के साथ एक करोड़ से ज्यादा पांडुलिपियों के सर्वेक्षण, दस्तावेजीकरण और संरक्षण के लिए ज्ञान भारतम् अभियान का प्रस्ताव दिया गया. ज्ञान साझेदारी के लिए भारतीय ज्ञान व्यवस्था के एक राष्ट्रीय डिजिटल कोष का भी प्रस्ताव दिया गया.

चौथा इंजनः निर्यात

श्रीमती सीतारमण ने निर्यात को विकास का चौथा इंजन बताते हुए कहा कि क्षेत्रीय और मंत्रालयी लक्ष्यों के साथ एक निर्यात संवर्धन मिशन का शुभारंभ किया जाएगा, जिसे वाणिज्य मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय और वित्त मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, भारत ट्रेडनेट (बीटीएन) का व्यापार दस्तावेज़ीकरण और वित्तपोषण समाधानों के लिए एक एकीकृत प्लेटफॉर्म का प्रस्ताव दिया गया है.

वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के साथ अपनी अर्थव्यवस्था को जोड़े रखने के लिए घरेलू विनिर्माण क्षमताओं के विकास के लिए सहायता प्रदान की जाएगी. उन्होंने यह भी घोषणा की कि सरकार उद्योग 4.0 से संबंधित अवसरों का लाभ उठाने के लिए घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उद्योग को सहायता प्रदान करेगी. उभरते हुए दूसरी श्रेणी के शहरों में वैश्विक क्षमता केन्द्रों को प्रोत्साहन देने के लिए एक राष्ट्रीय प्रारूप का भी प्रस्ताव दिया गया है.

सरकार जल्द खराब होने वाले बागवानी उत्पाद सहित एयर कार्गो के लिए बुनियादी ढांचे और वेयरहाउसिंग के उन्नयन हेतु सुविधा प्रदान करेगी. 

ईंधन के रूप में सुधार

इंजन के लिए ईंधन के तौर पर सुधारों को स्पष्ट करते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले दस वर्षों से ज्यादा समय में सरकार ने करदाताओं की सुविधा के लिए फेसलेस मूल्यांकन, करदाता चार्टर, त्वरित रिटर्न, लगभग 99 फीसदी रिटर्न स्वयं मूल्यांकन के आधार पर और विवाद से विश्वास योजना जैसे कई सुधारों को कार्यान्वित किया गया है. इन प्रयासों को जारी रखते हुए उन्होंने कर विभाग की विश्वास प्रथम जांच बाद में वचनबद्धता को दोहराया..

वित्तीय क्षेत्र सुधार और विकास

कारोबार में आसानी की दिशा में सरकार की त्वरित वचनबद्धता की पुष्टि करते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री ने अनुपालन में आसानी, सेवाओं के विस्तार, मजबूत नियामक परिवेश को बनाने, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू निवेश को प्रोत्साहन देने और पुराने कानूनी प्रावधानों के गैर-अपराधीकरण को आगे बढ़ाते हुए भारत में सम्पूर्ण वित्तीय क्षेत्र की व्यापकता में संरचनात्मक बदलाव का प्रस्ताव दिया.

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने समूचे भारत में प्रीमियम निवेश करने वाली कंपनियों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 74 फीसदी से 100 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया.

श्रीमती सीतारमण ने सिद्धांतों पर आधारित सरल नियामक प्रारूप और उत्पादकता एवं रोजगार को बढ़ावा देने का भी प्रस्ताव दिया, उन्होंने 21वीं सदी के लिए आधुनिक, लचीले, लोगों के अनुकूल और विश्वास आधारित नियामक प्रारूप को विकसित करने के लिए निम्नलिखित चार विशेष उपायों का प्रस्ताव दियाः

  1. विनियामक सुधार हेतु उच्‍च स्‍तरीय समिति

· सभी गैर-वित्‍तीय क्षेत्र संबंधी विनियमों, प्रमाणन, लाइसेंसऔर अनुमतियों की समीक्षा करने के लिए विनियामक सुधार हेतु उच्‍च स्‍तरीय समिति

· खासतौर पर निरीक्षणों और अनुपालनों के मामलों में कारोबार में आसानी को बढ़ावा देने के लिए विश्वास आधारित आर्थिक शासन को मजबूत बनाना और परिवर्तनकारी उपायों को अपनाना

· एक वर्ष के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करना

· राज्यों को भी इस प्रयास में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना

 

 ii. राज्यों का निवेश अनुकूल सूचकांक

· प्रतिस्पर्धात्मक सहकारी संघवाद की भावना को बढ़ावा देने के लिए राज्यों के लिए एक निवेश अनुकूल सूचकांक का शुभारंभ 2025 में किया जाएगा

 

iii. वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) के अंतर्गत व्यवस्था

 

  • वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद के अंतर्गत, वर्तमान वित्तीय विनियमों और सहायक अनुदेशों के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए एक तंत्र स्थापित किया जाएगा.
  • यह तंत्र जवाबदेही बढ़ाने और वित्तीय क्षेत्र के विकास के लिए एक फ्रेमवर्क भी तैयार करेगा.

IV. जन विश्‍वास बिल 2.0

  • विभिन्‍न कानूनों में 100 से अधिक प्रावधानों को गैर-आपराधिक बनाना.

राजकोषीय सुदृढ़ीकरण 

राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के मार्ग पर बने रहने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि राजकोषीय घाटे को प्रत्येक वर्ष इस प्रकार से रखने का प्रयास किया जाएगा कि केन्‍द्रीय सरकार का ऋण, जीडीपी के प्रतिशत के रूप में गिरते क्रम में बना रहे. इसके साथ ही अगले 6 वर्षों के लिए रोडमैप का विस्तृत ब्यौरा एफआरबीएम विवरण में दिया गया है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीडीपी का 4.8 प्रतिशत है जबकि बजट अनुमान 2025-26 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

संशोधित अनुमान 2024-25

वित्त मंत्री ने बताया कि उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 31.47 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से निवल कर प्राप्तियां 25.57 लाख करोड़ रुपये है. उन्होंने ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि कुल व्यय का संशोधित अनुमान 47.16 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से पूंजीगत व्यय लगभग 10.18 लाख करोड़ रुपये है.

बजट अनुमान 2025-26

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2025-26 में, उधारियों के अतिरिक्‍त कुल प्राप्तियां और कुल व्‍यय क्रमश: 34.96 लाख करोड़ रुपये तथा 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. निवल कर प्राप्तियां 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.

भाग ख

राष्ट्र निर्माण में मध्यमवर्ग की सराहनीय ऊर्जा और क्षमता में हमेशा विश्वास जताते हुए केन्द्रीय बजट 2025-26 में नई कर व्यवस्था के तहत कर दर संरचना को संशोधित करने का प्रस्ताव किया गया है. नई कर व्यवस्था के अंतर्गत प्रतिवर्ष 12 लाख रुपये तक की आय अर्थात विशिष्ट दर आय जैसे पूंजीगत लाभ को छोड़कर 1 लाख रुपये प्रतिमाह की औसत आय पर कोई आयकर देय नहीं होगा. वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह सीमा 75,000 रुपये की मानक कटौती के कारण प्रतिवर्ष 12.75 लाख रुपये होगी. इन प्रस्तावों के परिणामस्वरूप नए कर संरचना के तहत सरकार को प्रत्यक्ष करों में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के राजस्‍व का परित्याग होगा.

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने लोगों की जरूरतों को समझते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. प्रत्‍यक्ष कर प्रस्तावों में मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यक्तिगत आयकर में सुधार, टीडीएस/टीसीएस को तर्कसंगत बनाना, अनुपालनों के बोझ को कम करते हुए स्वैच्छिक अनुपालनों को प्रोत्साहित करना, व्यवसाय करने की सुगमता और निवेश और रोजगार बढ़ाने के लिए कुछ प्रोत्‍साहन शामिल हैं.

नई कर व्यवस्था में निम्नानुसार कर दर संरचना को संशोधित करने का प्रस्ताव किया गया है:

 

कुल वार्षिक आय

कर की दरें

0-4 लाख रुपए

शून्य

4-8 लाख रुपए

5 प्रतिशत

8-12 लाख रुपए

10 प्रतिशत

12-16 लाख रुपए

15 प्रतिशत

16-20 लाख रुपए

20 प्रतिशत

20-24 लाख रुपए

25 प्रतिशत

24 लाख रुपए से अधिक

30 प्रतिशत

 

टीडीएस/टीसीएस की दरों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव करते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कर कटौती की सीमा 50,000 रुपए से दोगुनी बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने का प्रस्‍ताव है. इसी प्रकार, किराए पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा 2.4 लाख रुपए से बढ़ाकर 6 लाख रुपए प्रस्तावित है.

अन्‍य कदमों में अब धनप्रेषणों पर टीसीएस की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है और उच्‍च टीडीएस कटौती के प्रावधान केवल गैर–पैन मामलों पर ही लागू होंगे.

विवरणी दाखिल करने की नियत तारीख तक टीडीएस के भुगतान में विलंब को गैर-आपराधिक कर दिया गया था अब टीसीएस प्रावधानों के लिए भी इसी छूट का प्रावधान करने का प्रस्ताव किया गया है.

स्वैच्छिक अनुपालन को अद्यतन करने की सुविधा को लेकर लगभग 90 लाख करदाताओं ने अतिरिक्त कर का भुगतान करते हुए स्वैच्छिक रूप से अपनी आय संबंधी ब्‍यौरों को अद्यतन किया.

इस विश्वास को आगे बढ़ाते हुए, अब किसी भी कर-निर्धारण वर्ष के लिए अद्यतन विवरणी दाखिल करने की समय-सीमा को मौजूदा दो वर्ष से बढ़ाकर चार वर्ष करने का प्रस्ताव किया गया है.

छोटे धर्मार्थ न्‍यासों/संस्‍थाओं की पंजीकरण अवधि को बढ़ाकर 5 वर्ष से 10 वर्ष करके ऐसी संस्थाओं के अनुपालन संबंधी बोझ को कम करने का प्रस्ताव है. करदाताओं को स्वामित्व वाली संपत्तियों के लिए बिना किसी शर्त के ऐसी दो सम्‍पत्तियों के वार्षिक मूल्य के लाभ की अनुमति प्रदान करने का प्रस्‍ताव किया गया है.

पिछले बजट में प्रस्तुत की गई विवाद से विश्वास योजना को शानदार प्रतिक्रिया मिली है और इसके द्वारा लगभग 33,000 करदाताओं ने इस योजना का लाभ उठाते हुए अपने विवादों का निपटारा किया है. वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों को लाभ देते हुए 29 अगस्त, 2024 को या उसके पश्चात् राष्‍ट्रीय बचत योजना (एनएसएस) से किए गए आहरण पर छूट प्रदान करने का प्रस्ताव है. एनपीएस वात्सल्य खातों के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था का प्रस्ताव है.

व्यवसाय करने की सुगमता के तहत, अंतरण मूल्य की प्रक्रिया को कारगर बनाने हेतु तीन वर्षों की ब्लॉक अवधि के लिए अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के मामलों में आर्म्स लेंथ मूल्य निर्धारण करने के लिए एक योजना शुरू करने का प्रस्ताव है.

यह योजना सर्वोत्तम वैश्विक पद्धतियों के अनुरूप होगी. अंतरराष्ट्रीय कराधान में विवादों को कम करने और निश्चितता को बनाए रखने की दृष्टि से सेफ हार्बर नियमों के दायरे का विस्‍तार किया जा रहा है.

रोजगार और निवेश को बढ़ावा देने हेतु उन अनिवासियों के लिए प्रकल्पित कराधान व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है, जो ऐसी निवासी कंपनी को सेवाएं प्रदान करते हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण सुविधा स्‍थापित या संचालित कर रही है.

देश में अंतर्देशीय जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा टन भार कर स्कीम के लाभों के अंतर्गत पंजीकृत अन्तर्देशीय जलयानों के लिए विस्तारित करने का प्रस्ताव किया गया है.

भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में 5 वर्षों तक निगमन की अवधि का विस्तार करने का प्रस्ताव किया गया है. अवसंरचना क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए बजट में सॉवरेन धन निधियों और पेंशन निधियों द्वारा अवसंरचना क्षेत्र में वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए निवेश करने की तारीख को 5 वर्ष बढ़ाकर 31, मार्च, 2030 तक करने का प्रस्ताव किया गया है.

औद्योगिक वस्तुओं के लिए सीमा-शुल्क टैरिफ संरचना को युक्तिसंगत बनाने के लिए बजट में : (i) सात टैरिफ दरों को हटाने, (ii) प्रभावी शुल्क दायित्‍व बनाए रखने के लिए कुछ मदों प्रभावी शुल्क दायित्‍व बनाए रखने के लिए कुछ मदों को छोड़कर, और (iii) एक से अधिक उपकर अथवा अधिभार नहीं लगाने का प्रस्ताव है.

आयातित दवाइयों पर छूट देते हुए कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और संचारी बीमारियों और 36 जीवन रक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी) से पूरी तरह छूट दे दी गई है. पेटेंट असिस्‍टेंट प्रोग्राम के अंतर्गत 13 नई दवाओं सहित 37 दवाइयों को भी बेसिक कस्टम ड्यूटी से मुक्‍त कर दिया गया है, अगर ये दवाएं मरीज को मुफ्त दी जाती है.

घरेलू विनिर्माण और मूल्य संवर्धन, 25 विशेष खनिजों जिनकी घरेलू उपलब्‍धता नहीं है उन्हें भी सहायता देने के लिए जुलाई, 2025 से बीसीडी से मुक्त कर दिया गया है.

2025-26 के बजट में कोबाल्ट पाउडर और उसके कबाड़, लिथियम आयरन बैटरी के कबाड़, लौट, जिंक और 12 अन्‍य मुख्य खनिजों को भी छूट दी गई है. घरेलू कपड़ा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कपड़ा मशीनरी में दो अन्य शटल लैस लूम्‍स को भी छूट दी गई है.

बजट में आगे कहा गया है कि बुने हुए कपड़े जो 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत, जिन्‍हें 20 प्रतिशत कर दिया गया है या 115 किलोग्राम से जो ज्‍यादा है, जो 09 टैरिफ लाइन्‍स को कवर करती है, उनके बीसीडी में भी संशोधन किया गया है.

प्रतिलोम शुल्क संरचना को ठीक करने और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए इंटरेक्टिव फ्लेट पैनल डिस्प्ले (आईएफपीडी) को 20 प्रतिशत बढ़ाया गया है और ओपन सेल्‍स को 5 प्रतिशत कम किया गया है. ओपन सैल्‍स के उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए ओपन स्‍टेंडस को बीसीडी के हिस्‍से के रूप में छूट दी गई है.

देश में लिथियम आयन बैटरी के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए, ईवी बैटरी निर्माण के लिए 35 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं और मोबाइल फोन की बैटरी के निर्माण के लिए 28 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं को भी पूंजीगत वस्तुओं को दी जाने वाली छूट की सूची में जोड़ा गया है.

केन्द्रीय बजट 2025-26 में कच्‍चे माल, कलपुर्जों, जहाज के निर्माण में आने वाले सामान और दोबारा  उपयोग में आने वाले सामान पर अगले 10 वर्षों के लिए बीसीडी की छूट भी जारी रहेगी.

पीआईबी से साभार