ईरान-इज़राइल तनाव: क्या मध्य-पूर्व में एक बड़ा युद्ध आसन्न है ?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 05-10-2024
Iran-Israel tensions: Is a major war imminent in the Middle East?
Iran-Israel tensions: Is a major war imminent in the Middle East?

 

hashmiमलिक असगर हाशमी

पिछले वर्ष 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इज़राइल पर किए गए हमले और उसके बाद इज़राइल द्वारा ईरान में हमास के एक बड़े नेता की रहस्यमय तरीके से हत्या जैसी घटनाओं ने ईरान और इज़राइल को एक गंभीर टकराव के कगार पर ला खड़ा किया है. इन घटनाओं ने यह भी सवाल खड़ा किया है कि इज़राइल और ईरान अपनी सुरक्षा को लेकर जितने बड़े दावे करते हैं, क्या वे वाकई उतने ही सशक्त हैं?

हमास, जो ईरान से समर्थन प्राप्त कर रहा है, ने 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमला किया था, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला हमास, हिज़्बुल्लाह, और ईरान की संयुक्त रणनीति का हिस्सा था. अब हालात यह हो गए हैं कि इज़राइल, ईरान, हमास और हिज़्बुल्लाह के आमने-सामने हैं, और ईरान ने 180 मिसाइलों से इज़राइल पर हमला किया है.

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तनाव से तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ गई है. थिंक टैंक 'आरएएफ़ईएल' की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के हफ्तों में ईरान और इज़राइल के बीच हुए हमले और दी गई धमकियां बड़े पैमाने पर युद्ध की संभावना को उजागर करती हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि सीधे संघर्ष की स्थिति में इज़राइल को सैन्य लाभ होगा, लेकिन ईरान के ड्रोन और मिसाइलों के खतरों को कम नहीं आँका जा सकता.


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ईरान की सैन्य ताकत और खतरा 

दशकों से लगे प्रतिबंधों के बावजूद, ईरान ने घरेलू हथियार कार्यक्रमों में भारी निवेश किया है और उन्नत बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन तकनीक को विकसित किया है. ईरान के पास बड़ी संख्या में सस्ते और प्रभावी ड्रोन हैं, जो इज़राइल के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान की मिसाइलें और आत्मघाती ड्रोन नागरिक इलाकों में भारी तबाही मचा सकते हैं.

विस्कॉन्सिन प्रोजेक्ट ऑन न्यूक्लियर आर्म्स कंट्रोल के शोधकर्ता जॉन क्रिजानियाक के अनुसार, ईरान की मिसाइलें इज़राइल के लिए गंभीर खतरा हैं, खासकर जब बड़ी संख्या में लॉन्च की जाएं. 13 अप्रैल को ईरान ने 300 से अधिक ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलें इज़राइल पर दागीं, जिनमें से 180 मिसाइलें सफलतापूर्वक इज़राइल के सुरक्षा तंत्र को पार कर गईं.


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इज़राइल की सैन्य श्रेष्ठता और चुनौतियाँ 

हालांकि, इज़राइल सैन्य और खुफिया दोनों मोर्चों पर श्रेष्ठता बनाए रखने में सक्षम है. माना जाता है कि इज़राइल के पास 90 परमाणु हथियार हैं, जो उसे अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं. इज़राइल के उन्नत लड़ाकू विमान उसे हवाई श्रेष्ठता प्रदान करते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि लंबी दूरी के मिशनों के लिए इज़राइल को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जैसे कि हवाई टैंकरों की कमी और अन्य देशों के हवाई क्षेत्र को पार करने की अनुमति.

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के रिसर्च फेलो फैबियन हिंज के अनुसार, ईरान का एक साथ 100 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च करना रसद और जनशक्ति के लिहाज से एक बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के मिसाइल हमलों के बावजूद, इज़राइल की रक्षा प्रणाली ने अमेरिकी, ब्रिटिश और जॉर्डन की मदद से अधिकांश हमलों को निष्क्रिय कर दिया.

 

क्या आने वाला है बड़ा युद्ध?

 विशेषज्ञों का मानना है कि इज़राइल की सैन्य श्रेष्ठता के बावजूद, ईरान की विषम युद्ध क्षमताएँ उसे एक कठिन प्रतिद्वंद्वी बनाती हैं. ईरान के छद्म और लड़ाकू समूहों का नेटवर्क इज़राइल के खिलाफ प्रतिरोध में सहायक हो सकता है.

अगर युद्ध छिड़ता है, तो इज़राइल के पास लंबी दूरी की मिसाइलों को तैनात करने की क्षमता होगी, लेकिन ईरान की हवाई रक्षा प्रणाली का अभी तक युद्ध में परीक्षण नहीं हुआ है.ऐसे में यह देखना होगा कि यह तनावपूर्ण स्थिति एक बड़े युद्ध की ओर बढ़ेगी या फिर कूटनीतिक प्रयास इसे टालने में सफल होंगे.