हरजिंदर
चुनाव आने पर नेता कैसे रंग बदलते हैं इसे समझने के लिए हमें दुनिया घूमने की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं है. हमें अपने आस-पास ही इसके बहुत सारे उदाहरण मिल जाएंगे. बल्कि ऐसे नेता को ढूंढना शायद मुश्किल हो जाएगा जो चुनाव के दिनों में रंग नहीं बदलते.
भारत में ऐसा अक्सर होता है. हर जगह होता है. भारत में ये जैसे होता है, उसी तरह यह इन दिनों अमेरिका में होता दिखाई दे रहा है. इसे बहुत हैरत की बात भले ही नहीं कहा जा सकता, लेकिन इससे यह तो समझा ही जा सकता है कि देश चाहे कोई भी हो लेकिन लोकतंत्र की राजनीति आखिर में एक ही जगह पहुंच जाती है.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गिनती अक्सर उन नेताओं में होेती है इस्लाम फोबिया को बढ़ाते हैं. उसका राजनीतिक फायदा भी उठाते रहे हैं. पिछली बार जब वे अमेरिका के राष्ट्रपति थे तो इस पद पर रहते हुए भी उन्होंने ऐसी बहुत सी बातें कहीं जो आमतौर पर ऐसे पद पर बैठे व्यक्ति नहीं कहते.
दूर की छोड़िये अभी कुछ ही दिन पहले उन्होंने यह कहा था कि वे मुस्लिम देशों के पर्यटकों को अमेरिका आने से रोकेंगे. ट्रंप ने चुनाव में अपनी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस पर यह आरोप भी लगाया था कि वे अमेरिका में जिहादियों को बसाना चाहती हैं.
लेकिन चुनाव में अक्सर कोई नेता क्या कहता है यह इस पर निर्भर करता है कि उसकी रैली किस इलाके में है. पिछले दिनों ट्रंप जब मिशीगन पहुंचे तो उनके सुर बदले हुए थे. अमेरिका में मिशिगन ऐसी जगह है जहां अरब देशों से आए मुसलमानों की आबादी काफी अच्छी संख्या में है.
इस समय जिस तरह से ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर है उसमें मुस्लिम वोटरों को नाराज करना तो दूर उन्हें नाराज करने का जोखिम भी कोई नहीं लेना चाहता. इसलिए मिशीगन में ट्रंप के दिए भाषण सुने तो लगता है कि अमेरिका में मुसलमानों का उनसे बड़ा हिमायती कोई है ही नहीं.
मिशीगन में जब उनकी रैली हुई तो मंच पर मुस्लिम समुदाय के कई नेता मौजूद थे. रैली में उन्होंने कहा कि वे मुस्लिम समुदाय के कईं लोगों से मिलें, वे सब सिर्फ शांति चाहते हैं. वे बहुत अच्छे लोग हैं.इतना ही नहीं इसके बाद उन्होंने अरबी भाषा के एक टीवी चैनल अल-अरेबिया को इंटरव्यू भी दिया. इस इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा- मेरे कई दोस्त हैं जो अरब मूल के हैं.
वे सब गर्मजोशी भरे लोग हैं. वहां जो हो रहा है वह शर्मनाक है. वे सबसे ज्यादा गर्मजोशी वाले लोग हैं. इसके आगे उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को कमला हैरिस को वोट नहीं देना चाहिए क्योंकि वे मुसलमानों से नफरत करती हैं.
इसी बहाने उन्होंने एक और निशाना साधा. उन्हीं की पार्टी की एक बड़ी नेता लिज चैनी इस बार चुनाव में कमला हैरिस का समर्थन कर रही हैं. वे पूर्व उप-राष्ट्रपति डिक चैनी की बेटी हैं. डिक चेनी के कार्यकाल में ही अमेरिका ने इराक पर हमला किया था.
ट्रंप ने इस इंटरव्यू में कहा कि मुझे नहीं लगता कि मुसलमान और अरबी समुदाय के लोग उसे वोट देंगे जिनकी हीरो लिज चेनी हैं. ‘यह दुनिया भर के मुसलमानों का बहुत बड़ा अपमान होगा.‘तो क्या डोनाल्ड ट्रंप सचमुच बदल गए हैं?
इस इंटरव्यू के बाद उनके प्रमुख सलाहकार स्टीफेन मिलर ने वाल स्ट्रीट को बताया कि ट्रंप राष्ट्रपति बने तो मुस्लिम देशों से अमेरिका आने वालों पर रोक लगेगी ही. आखिर उन्हें उन लोगों के वोट भी तो लेने हैं जिनमें इस्लामफोबिया फैलाया गया है.
डोनाल्ड ट्रंप को सिर्फ इन लोगों के ही नहीं अमेरिका में रह रहे हिंदुओं के वोट भी चाहिए. इसलिए उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों पर हुए अत्याचारों की भी निंदा कर डाली.ये सब चुनाव की बातें हैं,जिन्हें कोई भी गंभीरता से नहीं लेता. कम से कम खुद ट्रंप तो इसे गंभीरता से नहीं ही ले रहे होंगे.
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)