पीएम मोदी की यात्रा से भारत-ब्रूनेई का व्यापारिक और रणनीतिक परिदृश्य कितना प्रभावित होगा ?

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 04-09-2024
Narendra Modi with Haji Hassanal Bolkiah
Narendra Modi with Haji Hassanal Bolkiah

 

राकेश चौरासिया

भारत और ब्रूनेई के बीच संबंधों का एक समृद्ध इतिहास है, जो व्यापार, संस्कृति, और रणनीतिक साझेदारी पर आधारित है. हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बू्रनेई यात्रा ने इन संबंधों को और भी मजबूत किया है, जो ब्रूनेई में किसी भी प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी. इस यात्रा के बाद, भारत और ब्रूनेई के बीच वर्तमान व्यापार, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों, व्यवसायिक और रणनीतिक सहयोग को नया फलक मिलने की संभावनाएं बलवती हुई हैं.

भारत और ब्रूनेई के बीच वर्तमान में व्यापारिक संबंध लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं. इस कारण, दोनों देशों के बीच वार्षिक व्यापार लगभग 2.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है. भारत ब्रूनेई से मुख्य रूप से कच्चा तेल और एलएनजी (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) का आयात करता है. इसके विपरीत, ब्रूनेई भारतीय चावल, आभूषण, वस्त्र, और औद्योगिक मशीनरी जैसे उत्पादों का प्रमुख आयातक है.

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ब्रूनेई, अपने विशाल ऊर्जा संसाधनों के कारण, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा साझेदार है. दोनों देश ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने के लिए तत्पर हैं. इसके अतिरिक्त, आईटी और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में भी भारतीय कंपनियों की उपस्थिति ब्रूनेई में बढ़ रही है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और भी मजबूत हो रहे हैं.

सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध

ब्रूनेई में भारतीय समुदाय की उपस्थिति 1920 के दशक से है, जब तेल की खोज के बाद भारतीय पेशेवरों और मजदूरों का ब््रूनेई में आगमन हुआ. वर्तमान में, ब्रूनेई में लगभग 14,000 भारतीय निवास करते हैं, जो वहां के समाज और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. भारतीय डॉक्टर, शिक्षक, और अन्य पेशेवर ब्रूनेई के स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

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सांस्कृतिक दृष्टिकोण से, भारतीय त्योहार जैसे दीवाली, होली, और ईद ब्रूनेई में भी हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं. ब्रूनेई की सरकार और वहां के लोग भारतीय संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करते हैं, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करता है.

पीएम मोदी की ब्रूनेई यात्रा

3 सितंबर, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रूनेई की एक ऐतिहासिक यात्रा की. यह भारत के प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा थी, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाईयों पर ले जाना था. इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रूनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए.

इस यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने जिन प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, वे हैं -

रक्षा और सुरक्षा सहयोग

भारत और ब््रूनेई ने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया. इसमें समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी गतिविधियों और रक्षा प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान को शामिल किया गया है.

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व्यापार और निवेश

दोनों देशों ने व्यापार और निवेश के क्षेत्र में सहयोग को और भी व्यापक बनाने का संकल्प लिया. ऊर्जा क्षेत्र में विशेष रूप से, नवीकरणीय ऊर्जा और हाइड्रोकार्बन की खोज और उत्पादन में साझेदारी को मजबूत किया जाएगा.

स्वास्थ्य और चिकित्सा

स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए नए समझौते किए गए. इसमें चिकित्सा अनुसंधान, औषधि उत्पादन, और स्वास्थ्य सेवाओं में सहयोग को शामिल किया गया है.

संस्कृति और शिक्षा

सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान के लिए भी दोनों देशों ने समझौते किए हैं. यह सहयोग विशेष रूप से भारतीय समुदाय के सदस्यों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जो ब्रूनेई में रहते हैं और काम करते हैं.

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी

भारत और ब्रूनेई ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी सहयोग करने का निर्णय लिया है. इसमें उपग्रह प्रक्षेपण और डेटा साझा करने जैसे क्षेत्रों में साझेदारी शामिल है.

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प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रूनेई  में भारतीय उच्चायोग के नए चांसरी भवन का उद्घाटन भी किया, जो भारतीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इस अवसर पर उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की और उनके योगदान की सराहना की. मोदी ने अपने संबोधन में भारतीय समुदाय को दोनों देशों के बीच एक जीवंत सेतु के रूप में वर्णित किया, जो ब्रूनेई और भारत के बीच संबंधों को और मजबूत करता है.

रणनीतिक और व्यवसायिक सहयोग

भारत और ब्रूनेई के बीच रणनीतिक सहयोग भी महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के संदर्भ में. ब्रूनेई, दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार है, और दोनों देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा, और सामरिक मामलों में सहयोग को और बढ़ाने के लिए नए समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं.

भविष्य की संभावनाएं

भारत और ब््रूनेई के बीच के संबंध, जो अब तक काफी हद तक व्यापार और ऊर्जा क्षेत्र पर केंद्रित रहे हैं, आने वाले वर्षों में और भी विविध हो सकते हैं. ब्रूनेई में भारतीय कंपनियों की बढ़ती उपस्थिति और दोनों देशों के बीच निवेश के अवसरों को देखते हुए, यह संभावना है कि ब्रूनेई भारत के लिए दक्षिण-पूर्व एशिया में एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार बनेगा. ब्रूनेई के ऊर्जा संसाधनों का उपयोग न केवल भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है, बल्कि दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन को भी बेहतर किया जा सकता है.

इसके अलावा, भारत ने ब्रुनेई के हाइड्रोकार्बन इंडस्ट्री में 270 मिलियन डॉलर का निवेश किया है.इसके साथ ही जानकरों का दावा है कि अगर दोनों देश रक्षा, ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में अपने संबंध प्रगाढ़ करें, तो यह दोनों के लिए हितकारी कदम साबित होगा.

 मौजूदा समय में भारत और ब्रुनेई के बीच व्यापारिक गतिविधियां जारी हैं, लेकिन वह ब्रुनेई के पक्ष में ज्यादा है. इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली कोशिश यही रही कि कैसे भी करके दोनों देशों के बीच सबसे पहले व्यापार संतुलन स्थापित किया जाए, क्योंकि वर्तमान में भारत की ओर से ब्रुनेई से आयात ज्यादा हो रहा है, जबकि निर्यात कम. भारत ब्रुनेई से मुख्यत: कच्चे तेल का आयात करता है.

 

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शिक्षा और कौशल विकास में सहयोग

ब्रूनेई में भारतीय मूल के लोगों की महत्वपूर्ण संख्या के कारण, शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में भी सहयोग की काफी संभावनाएं हैं. भारतीय शिक्षक और शैक्षिक संस्थान ब््रूनेई में उच्च शिक्षा के स्तर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता और इसकी वैश्विक मान्यता को देखते हुए, ब््रूनेई के छात्रों के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों में अध्ययन के अवसर बढ़ाए जा सकते हैं. इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच शैक्षिक आदान-प्रदान के कार्यक्रमों को भी बढ़ावा दिया जा सकता है.

स्वास्थ्य क्षेत्र में साझेदारी

भारत और ब्रूनेई के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग को और भी विस्तारित किया जा सकता है. भारतीय फार्मास्यूटिकल्स कंपनियों की ब्रूनेई में बढ़ती उपस्थिति और चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में भारत की प्रगति को देखते हुए, दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा तकनीक के क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाई जा सकती है. यह ब््रूनेई के स्वास्थ्य क्षेत्र को और अधिक सशक्त बना सकता है, जबकि भारत को इस क्षेत्र में अपने तकनीकी और औद्योगिक ज्ञान का उपयोग करने का अवसर मिलेगा.

पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान

पर्यटन भी एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें भारत और ब्रूनेई के बीच संबंधों को और मजबूत किया जा सकता है. ब्रूनेई के सांस्कृतिक और धार्मिक स्थल भारतीय पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं. इसके अलावा, भारतीय पर्यटन उद्योग भी ब्रूनेई के लोगों के लिए विभिन्न प्रकार के पर्यटन विकल्प प्रदान कर सकता है. सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने की भी संभावना है, जो लंबे समय में दोनों देशों के बीच संबंधों को और भी मजबूत करेगा.

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सामरिक साझेदारी

भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में इसकी बढ़ती भूमिका के संदर्भ में, ब्रूनेई के साथ सामरिक साझेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी गतिविधियों, और रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को और अधिक गहरा किया जा सकता है. इसके अलावा, दोनों देशों के बीच नियमित सैन्य अभ्यास और संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जा सकते हैं, जो सामरिक संबंधों को और भी मजबूती प्रदान करेंगे.

भारत और ब्रूनेई के बीच व्यापारिक चुनौतियां

हालांकि भारत और ब््रूनेई के बीच व्यापारिक संबंध काफी प्रगाढ़ हैं, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं, जिन्हें दोनों देशों को मिलकर हल करना होगा. उदाहरण के लिए, ब्रूनेई के ऊर्जा संसाधनों पर निर्भरता के साथ भारत को अपने व्यापारिक संबंधों को और अधिक विविध बनाने की आवश्यकता है. इसके अलावा, दोनों देशों के बीच व्यापारिक असंतुलन को भी संतुलित करने के उपायों पर विचार किया जा सकता है. इसके लिए, भारत को ब्रूनेई के अन्य क्षेत्रों में निवेश के अवसरों की खोज करनी होगी, जैसे कि पर्यटन, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाएं.

ब्रूनेई में भारतीय समुदाय का भविष्य

ब्रूनेई में भारतीय समुदाय का भविष्य भी भारत और ब्रूनेई के बीच संबंधों के विस्तार पर निर्भर करता है. भारतीय मूल के लोग ब्रूनेई में विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, और उनके योगदान को और भी सशक्त बनाने के लिए भारत और ब्रूनेई के बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंधों को मजबूत करना आवश्यक है. भारतीय समुदाय को ब्रूनेई में अपनी पहचान और सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने के लिए भारत सरकार से और भी सहयोग की आवश्यकता हो सकती है.

भारत और ब्रूनेई के बीच संबंधों का भविष्य उज्ज्वल दिखता है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया यात्रा ने इन संबंधों को और भी मजबूती प्रदान की है. व्यापार, ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामरिक सहयोग के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंध न केवल दोनों देशों के लिए लाभकारी होंगे, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भी स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देंगे.

इस विस्तृत और गहन सहयोग के माध्यम से, भारत और ब््रूनेई आने वाले वर्षों में एक-दूसरे के महत्वपूर्ण साझेदार बने रहेंगे. यह सहयोग न केवल दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ करेगा, बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को भी और मजबूत करेगा, जिससे दोनों देशों के बीच एक स्थायी और समृद्ध साझेदारी का निर्माण होगा.