मलिक असगर हाशमी /नई दिल्ली
जी 20 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘सबका साथ सबका विकास’ मंत्र सिर चढ़कर बोल रहा है. उनके प्रयासों से आखिरकार जी 20 में अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य दिलाने पर मुहर लग ही गई.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ऐलान किया कि अफ्रीकी संघ को 20 देशों के समूह का स्थायी सदस्य बनाया गया है.
18वें जी 20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, पीएम मोदी ने अध्यक्ष अजाली असौमानी के प्रतिनिधित्व वाले एयू को स्थायी सदस्य के रूप में जी 20 नेताओं की मेज पर सीट लेने के लिए आमंत्रित किया.
मोदी ने अपने संबोधन में कहा, हर किसी की सहमति से, मैं एयू प्रमुख से स्थायी जी20 सदस्य के रूप में अपनी सीट लेने का अनुरोध करता हूं.विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विश्व नेताओं के बीच अपना स्थान ग्रहण करते समय कोमोरोस संघ के राष्ट्रपति और अफ्रीकी संघ (एयू) के अध्यक्ष अजाली असौमानी की सराहना की.
मौजूदा जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान अफ्रीकी संघ को जी 20 के सदस्य के रूप में शामिल करना भारत के प्रमुख लक्ष्यों में से एक था. अफ्रीकी संघ को जी 20 समूह में शामिल करने का प्रस्ताव इस जून की शुरुआत में पीएम मोदी द्वारा किया गया था.
पीएम मोदी ने कहा,जी20 की कार्यवाही शुरू करने से पहले, मैं मोरक्को में भूकंप के कारण हुई जानमाल की हानि पर अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं. हम प्रार्थना करते हैं कि सभी घायल जल्द से जल्द ठीक हों. पीएम मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, भारत इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है.
एयू की चेयरपर्सन असौमानी शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंची थीं. नई दिल्ली हवाई अड्डे पर रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने उनका स्वागत किया.जून 2023 में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि उन्होंने इस जी 20 शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को पूर्ण सदस्यता प्रदान करने के लिए जी 20 समकक्षों को लिखा है.
पीएम मोदी ने प्रस्ताव दिया कि 2002 में लॉन्च किए गए अफ्रीकी महाद्वीप के 55 देशों के समूह एयू को उनके अनुरोध पर पूर्ण सदस्यता दी जाए.हाल ही में अखबारों में प्रकाशित एक संपादकीय में, पीएम मोदी ने लिखा, “ग्लोबल साउथ समिट की आवाज, जिसमें 125 देशों की भागीदारी देखी गई, हमारी अध्यक्षता के तहत सबसे महत्वपूर्ण पहलों में से एक है.
ग्लोबल साउथ से इनपुट और विचार एकत्र करने का यह एक महत्वपूर्ण अभ्यास है. इसके अलावा, हमारी अध्यक्षता में न केवल अफ्रीकी देशों की सबसे बड़ी भागीदारी देखी गई है, बल्कि जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल करने पर भी जोर दिया गया है.
सबका साथ, सबका विकास, वैश्विक विश्वास की कमी को दूर करने का मंत्रः पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी 20 शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में पुरानी चुनौतियों के नए समाधान खोजने में 21वीं सदी के महत्व पर जोर दिया और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का आह्वान किया.
राष्ट्रीय राजधानी के भारत मंडपम में आयोजित जी 20 शिखर सम्मेलन में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, पीएम मोदी ने बताया कि वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और संघर्षों के कारण होने वाले विश्वास की कमी को दूर करने के लिए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, 21वीं सदी दुनिया को नई दिशा दिखाने का एक महत्वपूर्ण समय है. यही वह समय है जब पुरानी समस्याएं हमसे नए समाधान मांग रही है, इसलिए हमें मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए आगे बढ़ना चाहिए.
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि यूक्रेन में युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर विश्वास में कमी आई है और उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन के सभी नेताओं से मिलकर काम करने का आह्वान किया.
पीएम मोदी ने कहा,आज, जी 20 के अध्यक्ष के रूप में, भारत दुनिया से वैश्विक विश्वास की कमी को विश्वास और निर्भरता में बदलने का आह्वान करता है. यह समय हम सभी को एक साथ मिलकर चलने का है. इस समय में, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास का मंत्र हमारे लिए पथ प्रदर्शक हो सकता है.
उन्होंने कहा, चाहे उत्तर और दक्षिण के बीच विभाजन हो, पूर्व और पश्चिम के बीच की दूरी हो, भोजन और ईंधन का प्रबंधन हो, आतंकवाद हो, साइबर सुरक्षा हो, स्वस्थ हो, ऊर्जा हो या जल सुरक्षा हो, हमें इसका ठोस समाधान ढूंढना होगा.
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, पीएम मोदी ने कहा कि अफ्रीकी संघ को 20 के समूह का स्थायी सदस्य बनाया गया है और अध्यक्ष अजाली असौमानी द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए एयू को स्थायी सदस्य के रूप में जी 20 नेताओं की मेज पर सीट लेने के लिए आमंत्रित किया गया है.