नई दिल्ली
खुसरो फाउंडेशन कन्वीनर और पत्रकार डॉ. हफ़ीज़ुर्रहमान की पहली किताब "गजवा-ए-हिंद की हकीकत क्या है ?" का विमोचन समारोह 3 मार्च को दोपहर 3 बजे एनेक्सी ऑफ इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में होगा.
ज्ञात हो कि यह पुस्तक खुसरो फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित की गई है जिसमें इस्लामिक विद्वानों के शोध पत्रों को एकत्र और संकलित किया गया है. इन निबंधों के माध्यम से भारत विजय की वास्तविकता को समझने का प्रयास किया गया है. किताब का औपचारिक विमोचन मशहूर पत्रकार, लेखक और पूर्व केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर करेंगे.
खुसरो फाउंडेशन के डॉ. हफीजुर्रहमान ने कहा कि देश में समय-समय पर भारत पर आक्रमण के विषय पर चर्चा होती रहती है, जो विवाद का रूप ले लेती है. उनके द्वारा संकलित पुस्तक में 8 इस्लामी विद्वानों के शोध पत्र शामिल हैं. किताब उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी में है. इसमें 80 पेज हैं. उन्होंने हाल ही में भारत पर हमले को लेकर दारुल उलूम देवबंद के फतवे पर मचे बवाल का जिक्र किया. उन्होंने आगे बताया कि कार्यक्रम में प्रवेश केवल आमंत्रण द्वारा ही संभव है.
गौरतलब है कि उपरोक्त किताब के मायने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ दिन पहले दारुल उलूम देवबंद का एक फतवा चर्चा में आया था. यह बहस आज भी गूंजती है. मीडिया में भारत पर हमले को लेकर बहस शुरू हो गई है. देश की प्रमुख धार्मिक संस्था दारुल उलूम देवबंद की आधिकारिक वेबसाइट पर भारत पर आक्रमण को लेकर एक फतवा है, जिस पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने आपत्ति जताई है.
आयोग ने दारुल उलूम देवबंद के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है. सबसे पहले तो आइए जानें कि इस झगड़े की वजह क्या है. दरअसल, एक शख्स ने दारुल उलूम देवबंद से भारत पर हमले के बारे में जानकारी मांगी कि क्या इसका जिक्र हदीस में है. इस पर दारुल उलूम ने कहा कि भारत पर आक्रमण को लेकर एक पूरा अध्याय है. फतवे में कहा गया कि अल्लाह के रसूल (सल्ल.) के करीबी साथी हजरत अबू हुरैरा ने भारत पर आक्रमण की परंपरा बताई.
अबू हुरैरा ने कहा था कि वह लड़ेंगे और अपनी संपत्ति का बलिदान देंगे. अगर मैं मर गया तो शहीद हो जाऊंगा. अगर जिंदा रहा तो गाजी कहलाऊंगा. दारुल उलूम ने इसके लिए सहीह की किताब सुन्नन अल-नसाई का हवाला दिया है. "गज़वाह हिन्द" एक अरबी शब्द है. ग़ज़वा से तात्पर्य उस युद्ध से है जिसमें इस्लाम के पैग़म्बर स्वयं भाग लेते हैं. हिन्द यानी भारत. यानि भारत में जो धर्मयुद्ध लड़ा जाएगा.
स्पष्ट होना चाहिए कि भारत में ऐसा कोई युद्ध नहीं लड़ा गया जिसमें स्वयं पैगम्बर मुहम्मद ने भाग लिया हो. हालाँकि, मुसलमानों द्वारा कुछ हमले हुए हैं. ये सब इतिहास की बातें हैं, लेकिन अब फिर से मीडिया में भारत पर आक्रमण की अनावश्यक चर्चा चल रही है जो निरर्थक और उत्तेजक है.
एनसीपीसीआर ने सीपीसीआर की धारा 13 (1) (टीजे) के तहत दारुल उलूम के एक पुराने फतवे का स्वत: संज्ञान लिया है. इस मामले में आयोग ने सहारनपुर के डीएम-एसएसपी को नोटिस जारी कर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे. जिला प्रशासन ने दारुल उलूम से जवाब भी मांगा और दारुल उलूम ने जवाब भी दे दिया है. हालाँकि, दूसरी ओर, आयोग का कहना है कि इस तरह की सामग्री देश के खिलाफ नफरत भड़का सकती है.