आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली
जैसे-जैसे सर्दी का मौसम आता है, मानव शरीर कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है.ठंडा और शुष्क मौसम हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है.इस मौसम में आमतौर पर सांस संबंधी समस्याएं अधिक होती हैं.
श्वसन संबंधी रोगों से संबंधित वायरस ठंडे और शुष्क मौसम में अधिक फैलते हैं.इसके अलावा सर्दियों में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी भी बढ़ जाती है जिसके कारण पूरे मौसम में सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती हैं.
इससे विटामिन डी की कमी हो सकती है और विटामिन डी की कमी से इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है.सर्दियों में लोग ज्यादातर घर के अंदर ही रहते हैं जिससे कीटाणु आसानी से फैलते हैं.ये सभी कारक, जीवनशैली और आहार में बदलाव के साथ मिलकर, मौसमी फ्लू, जोड़ों के दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं.आइए आपको ठंड से होने वाली कुछ बीमारियों के बारे में बताते हैं.
बुखार और फ्लू
सर्दी और फ्लू के वायरस ठंडी और शुष्क हवा में अधिक फैलते हैं, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.कम धूप भी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली की संवेदनशीलता बढ़ जाती है.फ्लू का टीका लगवाना, अपने हाथ धोना और गर्म वातावरण में रहना सर्दियों में सर्दी और फ्लू से बचाने में मदद कर सकता है.
जलवायु अवसाद
जैसे-जैसे दिन के दौरान सूरज की तीव्रता कम होती जाती है, कई लोग मौसमी अवसाद, एसएडी (मौसम-प्रेरित अवसाद) से पीड़ित हो जाते हैं.यह एक विशिष्ट प्रकार का अवसाद है जिसे हाइपोक्सिया भी कहा जा सकता है.
यह विशेष स्थिति सेरोटोनिन के स्तर को प्रभावित करती है और सर्कैडियन लय को बाधित करती है.धूप में अधिक समय बिताकर ऐसी स्थिति से निपटा जा सकता है.
अस्थमा और एलर्जी की शिकायत
शुष्क और ठंडे मौसम के कारण ठंडी हवा और ठंड अस्थमा को बढ़ा सकती है और श्वसन संबंधी एलर्जी को बदतर बना सकती है.ह्यूमिडिफायर का उपयोग करने और बाहर जाते समय नाक को स्कार्फ से ढकने से सांस लेने में मदद मिल सकती है.
शुष्क त्वचा और एक्जिमा
ठंडी और शुष्क हवा त्वचा की नमी छीन लेती है, जिससे अक्सर सूखापन, खुजली और एक्जिमा हो जाता है.ऐसे में गाढ़े मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करने से त्वचा में नमी आएगी.शरीर को हाइड्रेटेड रखने से त्वचा को नमी बनाए रखने में भी मदद मिल सकती है.
हृदय संबंधी समस्याएं
ठंडा तापमान रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है.ऐसे में हृदय को शरीर के विभिन्न हिस्सों तक रक्त पहुंचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है.इस स्थिति से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.दिल का दौरा पड़ने का खतरा विशेष रूप से उन लोगों में अधिक होता है जिन्हें पहले से ही हृदय रोग है.गर्म कपड़े पहनने और ठंड में अचानक दौड़ने से बचने से दिल की समस्याओं को कम किया जा सकता है.