भारत में शादी का सीजन: 48 लाख शादियों से 6 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 20-11-2024
Wedding season for all religions in India: 48 lakh weddings expected to generate Rs 6 lakh crore business pix AI
Wedding season for all religions in India: 48 lakh weddings expected to generate Rs 6 lakh crore business pix AI

 

आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली

भारत में इस समय शादी का सीजन पूरे जोश में है.खासकर वर्ष 2024 में शादियों का यह सीजन अब तक का सबसे उत्साहजनक साबित हो सकता है.देशभर में लगभग सभी धर्मों के लोग अपनी-अपनी शुभ तिथियों पर विवाह बंधन में बंध रहे हैं, और इस साल शादी के मौसम में कारोबार के सभी रिकॉर्ड टूटने की संभावना है.

 भारतीय उपभोक्ताओं का यह सालाना उत्सव न केवल पारंपरिक रूप से बड़े स्तर पर मनाया जाता है, बल्कि इसके साथ जुड़ी खरीदारी भी बहुत अधिक होती है.इस दौरान लोग अपने सामर्थ्यानुसार अधिक खर्च करते हैं, जिससे बाजार में जबर्दस्त रौनक देखने को मिलती है.

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सीजन की खासियत

भारत में शादी का सीजन खासतौर पर त्योहारों के बाद आता है, जब लोग खास मौके पर शॉपिंग के लिए अपनी हैसियत से अधिक खर्च करते हैं.इसके कारण शादी का मौसम भारतीय बाजारों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है.अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, इस साल 12 नवंबर से लेकर 16 दिसंबर तक चलने वाले शादी के सीजन में कुल 48 लाख शादियों से करीब 6 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है.

यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में लगभग 41 प्रतिशत अधिक है, जब 35 लाख शादियों के लिए 4.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था.इस साल के सीजन में शुभ तिथियों की संख्या भी बढ़ी है.पिछले साल 11 शुभ तिथियों के मुकाबले इस साल 18 शुभ तिथियां हैं, जो शादी के कारोबार को तेज करने की उम्मीदें पैदा करती हैं.खासकर दिल्ली में इस साल 4.5 लाख शादियों के दौरान करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना है.

कारोबार में विविधताएं और रुझान

CAIT के अनुसार, शादी के सीजन में होने वाले खर्च का वितरण विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं में किया जाता है.मुख्य रूप से आभूषण, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स और खाद्य सामग्री पर खर्च किया जाता है.आभूषण, जो पारंपरिक रूप से हर शादी का अहम हिस्सा होते हैं, कुल खर्च का लगभग 15 प्रतिशत लेते हैं, जबकि कपड़े पर 10 प्रतिशत खर्च होता है.इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरणों पर 5 प्रतिशत खर्च होने की संभावना है.

इसके अलावा, सूखे मेवे, मिठाइयां, उपहार आइटम और अन्य वस्तुओं पर भी अच्छा खासा खर्च होता है.इसके अलावा, शादी से जुड़ी सेवाओं में भी बड़ा खर्च होता है, जिनमें बैंक्वेट हॉल, होटल, इवेंट मैनेजमेंट, खानपान सेवाएं, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, संगीत, और प्रकाश व्यवस्था जैसी सेवाओं पर खर्च बढ़ता है.इन सभी खर्चों का एक बड़ा हिस्सा इन्विटेशन कार्ड्स, सजावट, यात्रा और अन्य लॉजिस्टिक सेवाओं पर भी खर्च होता है.

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समीकरण में बदलाव और उपभोक्ता व्यवहार

CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, "हमने उपभोक्ता के खरीदारी व्यवहार में बदलाव देखा है.अब लोग विदेशी सामान की बजाय भारतीय उत्पादों को अधिक पसंद कर रहे हैं.यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' मिशन की सफलता को दर्शाता है."

इस शादी के मौसम में प्रमुख रुझान

इस साल शादी के सीजन में कुछ नए और आधुनिक रुझान देखने को मिल रहे हैं.निजीकरण, स्थिरता, और इमर्सिव अनुभव जैसे पहलुओं पर खास ध्यान दिया जा रहा है.जोड़े अब बड़ी पारंपरिक शादियों की बजाय छोटे और व्यक्तिगत समारोहों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिसमें पर्यावरण के प्रति जागरूकता दिखाते हुए पुन: प्रयोज्य सजावट, डिजिटल आमंत्रण, और हरे-भरे स्थानों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

हाइब्रिड शादियाँ और इमर्सिव अनुभव

हाइब्रिड शादियाँ, जिसमें लाइव स्ट्रीमिंग और इंटरएक्टिव ऐप्स का उपयोग किया जा रहा है, मेहमानों को दुनियाभर में कहीं से भी शादी में शामिल होने का अवसर प्रदान कर रही हैं.इसके अलावा, कई शादियों में लाइव म्यूजिक, अनुभवात्मक फूड स्टेशन और अन्य इमर्सिव अनुभवों का आयोजन किया जा रहा है, जो शादी के समारोह को और भी यादगार और खास बना रहे हैं.

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डेस्टिनेशन वेडिंग्स की बढ़ती लोकप्रियता

डेस्टिनेशन वेडिंग्स का ट्रेंड भी इस बार खासा बढ़ा है, खासकर जब से कोविड-19 के बाद यात्रा प्रतिबंधों में ढील दी गई है.अब जोड़े न केवल अपनी शादी के दिन को खास बना रहे हैं, बल्कि उसे अपने परिवार और दोस्तों के लिए एक छुट्टी के रूप में भी बदल रहे हैं.विदेशों में शादी करने के रुझान में भी तेजी आई है, जहां शादी के साथ-साथ एक शानदार यात्रा का अनुभव भी जोड़ा जा रहा है.

उम्मीदें और भविष्य का परिदृश्य

CAIT के अनुसार, इस वर्ष का शादी का सीजन न केवल घरेलू बाजारों के लिए बड़ा अवसर साबित होगा, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा.इस दौरान होने वाली खरीदारी से छोटे और बड़े दोनों स्तर के व्यापारी लाभान्वित होंगे.शादी के इस सीजन का असर केवल बाजारों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसके जरिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे.

अंत में, इस साल के शादी सीजन में अपेक्षित कारोबार से यह साफ जाहिर होता है कि भारतीय उपभोक्ताओं का शादियों के दौरान खर्च करने का तरीका बदल चुका है.वे अब न केवल शादियों को पारंपरिक तरीके से मनाते हैं, बल्कि आधुनिकता, व्यक्तिगत टच और पर्यावरण के प्रति जागरूकता को भी अपने विशेष दिन का हिस्सा बना रहे हैं.