समाज की धड़कन: 'आवाज़ द वॉयस' की पत्रकारिता से बनता है एक बेहतर भारत

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-01-2025
The heartbeat of society: 'Awaaz the Voice' journalism creates a better India
The heartbeat of society: 'Awaaz the Voice' journalism creates a better India

 

डॉ. शबाना रिज़वी

पत्रकारिता समाज और राष्ट्र के बीच एक पुल का कार्य करती है.यह हमें न केवल विश्व से, बल्कि अपने देश और समाज से भी जोड़ने का काम करती है.पत्रकारिता का यह महत्त्वपूर्ण माध्यम हमें यह दिखाता है कि हम किस तरह से दुनिया को देख रहे हैं, और इसके द्वारा हम अपने विचार और सूचनाओं को साझा कर सकते हैं.

 पहले के समय की बात करें तो समाचार तक पहुँचने में समय लगता था.समाचार प्राप्त करना मुश्किल था, लेकिन अब इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के कारण खबरें कुछ ही सेकंड में पूरी दुनिया में फैल जाती हैं.हालांकि, इसका नकारात्मक पहलू यह है कि इन खबरों की सच्चाई और सत्यता की पहचान करना एक जटिल प्रक्रिया बन चुकी है.

ऐसे में, आज के समय में जहां मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं ऐसे मीडिया प्लेटफार्म का होना जो सच और हकीकत को प्रस्तुत करता है, बेहद सराहनीय है."आवाज़ द वॉयस" उन विश्वसनीय मीडिया प्लेटफार्म में से एक है जिस पर पाठक भरोसा कर सकते हैं.इसने चार वर्षों में अपने सकारात्मक और सत्य पत्रकारिता के माध्यम से अपने पाठकों के बीच एक मजबूत स्थान स्थापित किया है.

"आवाज़ द वॉयस"ने पत्रकारिता के माध्यम से समाज में जागरूकता, सद्भावना और विविधता की भावना को बढ़ावा दिया है.इस प्लेटफार्म ने न केवल समाज को सही दिशा में जानकारी दी है, बल्कि उसने उर्दू पत्रकारिता में एक नई धारा भी बनाई है.हाल ही में, उर्दू पत्रकारिता ने दो सौ साल का सफर पूरा किया है.

उर्दू पत्रकारिता का आयाम बहुत व्यापक है, लेकिन अब तक इसके कई पहलुओं पर उचित ध्यान नहीं दिया गया था."आवाज़ द वॉयस" ने अपनी रचनात्मक पत्रकारिता के माध्यम से इन पहलुओं को उजागर किया और उर्दू पत्रकारिता में एक नया जीवन फूंका.

सीमांत विषयों को मुख्यधारा में लाना

पिछले कुछ दशकों में पत्रकारिता का रूप बदल चुका है.अब यह केवल राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि "आवाज़ द वॉयस" ने इसे एक मानवतावादी दृष्टिकोण से जोड़ने का काम किया है.इस प्लेटफार्म ने अपनी स्थापना के बाद से रचनात्मक और सकारात्मक पत्रकारिता को बढ़ावा दिया है.

इसने समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों और अल्पसंख्यकों के मुद्दों को उठाया है और इनसे संबंधित बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है."आवाज़ द वॉयस" का उद्देश्य केवल समस्याओं की पहचान करना नहीं, बल्कि उनके समाधान पर भी जोर देना है। इसके द्वारा प्रस्तुत लेख और विश्लेषण समाज के उन पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं जो अक्सर उपेक्षित रहते हैं.

गंगा-जमनी सभ्यता का प्रोत्साहन

"आवाज़ द वॉयस"ने भारतीय समाज की गंगा-जमनी सभ्यता को बढ़ावा देने के लिए अपनी पत्रकारिता नीति के केंद्र में सांस्कृतिक सद्भाव और सर्वधर्म संवाद को रखा है.यह मंच न केवल समाचार प्रस्तुत करता है, बल्कि विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और समाजों के बीच संवाद स्थापित करने का प्रयास करता है.इसके लेख और रिपोर्ट भारत की सांस्कृतिक विविधता को उजागर करते हैं और विभिन्न धर्मों के बीच प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलाते हैं.यह मंच सामाजिक सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करने के लिए एक प्रेरणा बन चुका है.

पाठकों पर प्रभाव और लोकप्रियता

"आवाज़ द वॉयस"ने अपने सकारात्मक दृष्टिकोण और रचनात्मक विचारों से पाठकों के बीच गहरी पहचान बनाई है.यह मंच न केवल सामाजिक मुद्दों को उजागर करता है, बल्कि पाठकों को इन मुद्दों पर सोचने और संवाद करने के लिए प्रेरित करता है.इसके लेखों ने समाज में जागरूकता का संचार किया है, और सोशल मीडिया पर भी इसकी लोकप्रियता बढ़ी है.पाठक न केवल इसके लेखों को पढ़ते हैं, बल्कि उन्हें शेयर और कमेंट भी करते हैं, जिससे इसकी वैश्विक पहुंच और प्रभाव को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है.

सकारात्मक पत्रकारिता की मिसाल

"आवाज़ द वॉयस"ने अपनी चार साल की यात्रा में यह साबित कर दिया है कि अगर उद्देश्य नेक हों, संकल्प मजबूत हो और दृष्टिकोण रचनात्मक हो, तो कम समय में भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की जा सकती हैं.आज के भारत में जब मीडिया की अधिकतर हिस्से में नफरत और सांप्रदायिकता फैलाने की प्रवृत्ति दिखाई दे रही है, "आवाज़ द वॉयस" एक उज्जवल उदाहरण बनकर सामने आया है.यह मंच प्रेम, भाईचारे और सद्भावना का संदेश फैलाकर पत्रकारिता को उसकी मूल मानवीय भावना से जोड़ रहा है.

नवीनता, मेहनत और मानवता से जुड़े रहने की उम्मीद

"आवाज़ द वॉयस"ने उर्दू पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी छोटी सी यात्रा में वह स्थान हासिल किया है जो कुछ ही मंचों को प्राप्त होता है.इसके सकारात्मक सोच और रचनात्मक दृष्टिकोण ने उर्दू पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है.भविष्य में यह मंच नवाचार, कड़ी मेहनत और मानवता के मूल्य को ध्यान में रखते हुए पत्रकारिता के नए मानक स्थापित करेगा और समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में काम करेगा.

आखिरकार, "आवाज़ द वॉयस"ने उर्दू पत्रकारिता के लिए एक नई मिसाल कायम की है और यह उम्मीद की जाती है कि भविष्य में यह मंच सामाजिक सौहार्द और एकता को बढ़ावा देते हुए पत्रकारिता में नए मानकों को स्थापित करेगा.

( लेखिका पत्रिकारिता पर कई किताबें लिख चुकी हैं )