सोल
दक्षिण कोरिया में पेरेंटल लीव लेने वालों की संख्या में साल 2023 में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई. आंकड़ों के मुताबिक इसकी मुख्य वजह बिखरते परिवार एक बड़ी वजह है.
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के माने तो स्टैस्टिक्स कोरिया द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल कुल 195,986 श्रमिकों ने अपने बच्चों की देखभाल के लिए काम से छुट्टी ली या लेना शुरू कर दिया, जो एक साल पहले (2022) की तुलना में 3 प्रतिशत कम है.
एजेंसी द्वारा 2010 में आंकड़ों का संकलन शुरू करने के बाद से यह पहली वार्षिक गिरावट है. आंकड़ों में लगातार वृद्धि देखी गई थी, जिसकी वजह कुछ सरकारी पहल थी.
दक्षिण कोरियाई कानून के तहत 8 वर्ष या उससे कम आयु के बच्चों, या प्राथमिक विद्यालय की दूसरी कक्षा या उससे नीचे के बच्चों के माता-पिता एक वर्ष तक के मातृत्व या पितृत्व अवकाश के लिए पात्र हैं.
देश में लम्बे समय से चली आ रही गिरते जन्म दर की समस्या से निपटने के लिए सरकार उन रोजगार बीमा ग्राहकों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जो पैतृक अवकाश लेते हैं.
आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वर्ष पैतृक अवकाश लेने वाले सभी कर्मचारियों में 75.3 प्रतिशत महिलाएं थी, तथा मातृत्व अवकाश लेने वाली महिलाओं की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 1.4 प्रतिशत की कमी आई.
माता-पिता की छुट्टी लेने वाले पुरुष कर्मचारियों की संख्या में पिछले साल की तुलना में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह 50,455 हो गई है. यह गिरावट तब आई है, जब कई वर्षों की क्रमिक वृद्धि के बाद 2022 में यह आंकड़ा पहली बार 50,000 के आंकड़े को पार कर गया.
आयु के आधार पर मातृत्व अवकाश लेने वाली सभी माताओं में सबसे अधिक 30-34 वर्ष की आयु की महिलाएं थी, जिनकी संख्या 41.3 प्रतिशत थी तथा दूसरे स्थान पर 35-39 वर्ष की आयु की महिलाएं थी, जिनकी संख्या 33.5 प्रतिशत थी.
पुरुष श्रमिकों में 35-39 वर्ष की आयु के लोगों का हिस्सा सबसे अधिक 38.2 प्रतिशत था, जिसके बाद 40 वर्ष की आयु के लोगों का हिस्सा 35.7 प्रतिशत था.
एजेंसी ने कहा कि अवकाश लेने वाले माता-पिता की औसत आयु में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है, जो विवाह और बच्चे के जन्म में देरी की प्रवृत्ति को दर्शाती है.
छुट्टी लेने वाले पुरुष कर्मचारियों में से 70 प्रतिशत 300 या उससे ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनियों से जुड़े थे. कामकाजी माताओं के लिए यह अनुपात 58.2 प्रतिशत था.
आंकड़ों के अनुसार माताओं में सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण क्षेत्र में काम करने वाली माताओं की हिस्सेदारी सबसे अधिक 19.4 प्रतिशत है, जिसके बाद सार्वजनिक प्रशासन और रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली माताओं की हिस्सेदारी 14.6 प्रतिशत और शिक्षा सेवा क्षेत्र में काम करने वाली माताओं की हिस्सेदारी 11.8 प्रतिशत है.