राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की मुसलमानों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने की कोशिश

Story by  फैजान खान | Published by  [email protected] | Date 03-10-2022
इंद्रेश कुमार एक उलेमा के साथ । फाइल फोटो
इंद्रेश कुमार एक उलेमा के साथ । फाइल फोटो

 

फैजान खान /आगरा

आरएसएस से जुड़ा राष्ट्रीय मुस्लिम मंच मुस्लिमों को भारत की संस्कृति के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाएगा. इसे लेकर बैठकों का दौर चालू है. पूरे देश में कार्यक्रम होने हैं. 

अकेले यूपी-उत्तराखंड में इसके लिए 15 से ज्यादा सम्मेलन होंगे. इसमें मुस्लिमों को बताया जाएगा कि आप इस्लाम को पूरी से मानें,पर भारत की प्राचीन संस्कृति को भी पहचानें. ये सारे कार्यक्रम आरएसएस नेता व मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के इंद्रेश कुमार के दिशा-निर्देश में होगा.
 
इस्लाम पर रहें कायम

 राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के  राष्ट्रीय संयोजक और यूपी-उत्तराखंड के प्रभारी इस्लाम अब्बास ने बताया कि मुस्लिम अपने इस्लाम और पांचों रुकून पर मजबूती से डटे रहें. इससे उन्हें कोई डिगा नहीं सकता. इसके साथ हर मुसलमान को अपने देश और पूर्वजों की संस्कृति का भी पता होना चाहिए.
 
पूर्व में उनके पूर्वज कौन थे, क्या संस्कृति थी, कैसे जीवन यापन करते थे ? इन बातों की जानकारी कराने के लिए मंच मुस्लिम के लिए चलो जड़ों की ओर कार्यक्रम चला रहा है. 
 
उन्होंने कहा कि इस्लाम और हमारे पैगंबर-ए-इस्लाम ने भी कहा है कि वतन से मोहब्बत ईमान का हिस्सा है. इसलिए जिस मुल्क में रहो वहां के हाकिम की इज्जत, कानून को मानो. हम भी लोगों को सिर्फ यही बताने की कोशिश कर रहे हैं.
 
अपने नबी की बात मानो, जिन्होंने ये बातें सैकड़ों साल पहले कहीं थी. हमारे नबी कहते थे कि मुझे हिंद यानी भारत से खुशबू आती है.
 
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चलो जड़ों की ओर क्या है ? 

इस्लाम अब्बास ने बताया कि जड़ों की ओर लौटने का अर्थ यह नहीं कि हम किसी का धर्म परिवर्तन करने जा रहे हैं. इसमें मुसलमानों को केवल इतना बताया जाएगा कि आप अपने दीन पर कायम रहें, पर भारत की संस्कृति को भी अपनाएं.
 
उन्होंने कहा कि भारत की हजारों साल पुरानी संस्कृति है. इस को भी पहचानना चाहिए. हमें यह पता होना चाहिए कि रामलीला का मंचन क्यों किया जाता है ? राम बारात क्यों निकाली जाती है ?
 
दीवाली और होली मनाने के पीछे की वजह क्या है ? जब हम अपनी पुरानी संस्कृति को पहचानेंगे तो हिंदू-मुस्लिम एकता और मजबूत होगी. 
 
हमें एक दूसरे के त्योहारों में शामिल होना चाहिए.इससे अपसी मुहब्बत और भाईचारा बढ़ता है. 
 
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उलमा और इतिहासकार शामिल होंगे कार्यक्रम में 

यूपी में शुरू हो रहे सम्मेलनों में सिर्फ राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के पदाधिकारी ही शामिल नहीं होंगे, उलमा और इतिहासकार भी मौजूद  रहेंगे. उलमा मजहबी बातें बताएंगे.
 
इतिहासकर प्राचीन काल से लेकर अब तक का इतिहास साझा करेंगे. बताएंगे कि भारत का प्राचीन इतिहास क्या था, क्या सभ्यता थी, कौन सी संस्कृति थी ? पहले के लोग कौन सा धर्म मानते थे. इन बातों को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा. 
 
राम बारात का स्वागत  भारत की संस्कृति

राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय संयोजक इस्लाम अब्बास ने कहा कि हाल में राम बारात का इस्तकबाल भारतीय मुस्लिम विकास परिषद के अध्यक्ष समी आगाई, उत्तर प्रदेश सर्वदलीय मुस्लिम एक्शन कमेटी के जिलाध्यक्ष सैयद इरफान सलीम, सूफी हाजी बुंदन मियां के साथ बड़ी संख्या में मुस्लिमों ने किया था.
 
हम भी इसी संस्कृति की बात कर रहे हैं. राम बारात का स्वागत करने से अच्छा संदेश जाएगा.
 
यूपी के इन शहरों में होंगे कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश के  आगरा, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, मुरादाबाद, मेरठ, आजमगढ़ सहित कई और जिलों में करीब 15 सम्मेलन आयोजित होंगे.
 
यूपी में पहला सम्मेलन 10 अक्टूबर को होगा, इसके बाद अन्य जिलों में होंगे. हर सम्मेलन में करीब 200-250 मुस्लिमों को बुलाकर समझाया जाएगा. इसके साथ नवंबर में दिल्ली में बड़ा सम्मेलन होगा, जिसमें भारत के हर कोने से मुस्लिम आएंगे. 
 
11 राष्ट्रीय संयोजकों को सौंपी जिम्मेदारी

राष्ट्रीय संयोजक और यूपी-उत्तराखंड प्रभारी इस्लाम अब्बास ने बताया यह कार्यक्रम पूरे देश में चलाया जाएगा. इसके लिए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के 11 संयोजकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. पूरे देश को 11 भागों में बांटकर टीमें काम कर रही हैं. 
 
इंद्रेश चलाते हैं इन संगठनों को 

 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, भारतीय ईसाई मंच, हिमालय परिवार, भारत तिब्बत सहयोग मंच और राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच जैसे कई संगठन चलाए जा रहे हैं.