रमज़ान 2025 : रोज़ा, मौसम और खान-पान

Story by  फिरदौस खान | Published by  [email protected] | Date 25-02-2025
Ramadan 2025: Fasting, weather and food
Ramadan 2025: Fasting, weather and food

 

-फ़िरदौस ख़ान 

रमज़ान का मुक़द्दस महीना शुरू होने वाला है. अगर शाबान का महीना 29 दिन का हुआ यानी शाबान की 29 तारीख़ के बाद शाम को चाँद दिखाई दिया, तो एक मार्च को पहला रोज़ा होगा, क्योंकि 28 फ़रवरी को शाबान की 29 तारीख़ है. अगर 28 फ़रवरी को चाँद नज़र नहीं आया, तो फिर शाबान का महीना 30 दिन का होगा. इस हिसाब से दो मार्च को पहला रोज़ा होगा.   
 
चूंकि रमज़ान का आगाज़ मार्च महीने में हो रहा है, तो रोज़े का वक़्त भी बढ़ता जाएगा. इन दिनों में दिन लगातार बड़े होते हैं और रातें छोटी होती जाती हैं. देश की राजधानी दिल्ली की रमज़ान की सहरी और इफ़्तार की फ़ेहरिस्त के मुताबिक़ पहली मार्च से रमज़ान शुरू हुआ, तो सहरी का वक़्त सुबह 5 बजकर 28 मिनट पर ख़त्म हो जाएगा और इफ़्तार शाम 6 बजकर 23 मिनट पर होगा.

इस हिसाब से यह रोज़ा 13 घंटे 55 मिनट का होगा. अगर दो मार्च को पहला रोज़ा हुआ, तो सहरी का वक़्त सुबह 5 बजकर 26 मिनट पर ख़त्म हो जाएगा और इफ़्तार शाम 6 बजकर 24 मिनट पर होगा. यह रोज़ा 13 घंटे 58 मिनट का होगा. 

रमज़ान का आख़िरी रोज़ा किस दिन होता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि रमज़ान किस दिन शुरू होगा और रमज़ान का महीना कितने दिन का होगा यानी 29 दिन का होगा या 30 दिन का.

इस्लामी साल में चाँद के महीने 29 या 30 दिन के होते हैं. यह पहले से तय नहीं होता कि मौजूदा महीना कितने दिन का है या अगला महीना कितने दिन का होगा. यह सब चाँद के दिखने या नहीं दिखने पर ही निर्भर होता है. 

अगर रमज़ान पहली मार्च से शुरू हुआ और रमज़ान का महीना 29 दिन का हुआ, तो 29 मार्च को आख़िरी रोज़ा होगा. इस हिसाब से सहरी का वक़्त सुबह 4 बजकर 54 मिनट पर ख़त्म हो जाएगा और इफ़्तार शाम 6 बजकर 40 मिनट पर होगा.

यह रोज़ा 14 घंटे 46 मिनट का होगा. अगर रमज़ान 30 दिन का हुआ, तो 30 मार्च को आख़िरी रोज़ा होगा. इस दिन सहरी का वक़्त सुबह 4 बजकर 53 मिनट पर ख़त्म हो जाएगा और इफ़्तार शाम 6 बजकर 40 मिनट पर होगा. यह रोज़ा 14 घंटे 46 मिनट का रहेगा.  

अगर रमज़ान दो मार्च से शुरू हुआ और रमज़ान 29 दिन का हुआ, तो 30 मार्च को आख़िरी रोज़ा होगा. इसका सहरी और इफ़्तार का वक़्त बता ही चुके हैं. अगर रमज़ान का महीना 30 दिन का हुआ, तो आख़िरी रोज़ा 31 मार्च का होगा.

इस दिन सहरी का वक़्त सुबह 4 बजकर 53 मिनट पर ख़त्म हो जाएगा और इफ़्तार शाम 6 बजकर 41 मिनट पर होगा. यह रोज़ा 14 घंटे 49 मिनट का रहेगा. इस हिसाब से पहला रोज़ा 13 घंटे 55 मिनट या 13 घंटे 58 मिनट का होगा.

इसी तरह आख़िरी रोज़ा 14 घंटे 46 मिनट या 14 घंटे 49 मिनट का होगा. क़ाबिले- ग़ौर है कि दिल्ली की अलग-अलग इलाक़े की मस्जिदों के सहरी और इफ़्तार के वक़्त में एक-दो मिनट का फ़र्क़ होता है.      

मौसम 

इस साल रमज़ान मार्च के शुरू के दिनों में आ रहा है. इसलिए रोज़ेदारों को पिछले साल के मुक़ाबले कुछ राहत मिलेगी. माहे-रमज़ान मार्च में शुरू होकर मार्च में ही मुकम्मल हो जाएगा, जबकि पिछले साल रमज़ान अप्रैल में मुकम्मल हुआ था.

मार्च गर्मी का महीना है और अप्रैल में मार्च से भी ज़्यादा गर्मी होती है. मौसम विभाग के अनुसार मार्च में दिल्ली का औसत तापमान 20°C से 33°C के बीच रहने की उम्मीद है.

दिल्ली में एक मार्च को औसत तापमान 20°C से 33°C के बीच रहेगा, जबकि 31 मार्च को औसत तापमान 24°C से 37°C के बीच रहने की संभावना है. इस दौरान हवायें भी चलती रहेंगी, जिससे धूप की शिद्दत का ज़्यादा अहसास नहीं होगा.

इस माह में कुछ दिन बादल छाये रहने और दो दिन बारिश होने की भी संभावना है. इससे भी मौसम कुछ सुहाना हो सकता है. 

खानपान 

रमज़ान में इफ़्तारी में मुख़तलिफ़ क़िस्म के शर्बत भी शामिल रहते हैं. मार्च में मौसम बदल रहा होता है. सर्दी के बाद गर्मी की शुरुआत होती है. इस बदलते हुए मौसम में सर्दी, ज़ुकाम और खांसी आदि की परेशानी होती ही है.

इसलिए ज़रूरी है कि अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए खान-पान तय किया जाए. मौसम के लिहाज़ से फ़िलहाल ठंडी चीज़ों से बचना ही बेहतर है. अगर शर्बत पीना ही है, तो उसमें बर्फ़ डालने से बचें.

अपनी सेहत के हिसाब से ही तली हुई चीज़ें खायें. रमज़ान में एकदम से खाने-पीने का वक़्त बदल जाता है, इससे भी शुरू में कुछ परेशानी हो जाती है. बुज़ुर्गों, मरीज़ों ख़ासकर शुगर के मरीज़ों को काफ़ी दिक़्क़त होती है.

इसलिए उनका ख़ास ख़्याल रखने की ज़रूरत है. बुजुर्गों के लिए हल्का खाना ही बेहतर होता है. रमज़ान में दिल के मरीज़ों का भी ज़्यादा ध्यान रखने की ज़रूरत है, क्योंकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ ऐसे मरीज़ों को तेल और ज़्यादा मसालों वाली चीज़ों से परहेज़ करने की सलाह देते हैं. बहरहाल, छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से बड़ी परेशानियों से बचा जा सकता है.