फरहान इजरायली/ भीलवाड़ा
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के सालरमाला गांव में एक शादी ने न केवल स्थानीय क्षेत्र, बल्कि पूरे प्रदेश में सामाजिक समरसता और भाईचारे की एक अनूठी मिसाल पेश की है.यह शादी दुर्गा कंवर और शंकर सिंह राव की बेटियों की थी, जिसमें एक मुस्लिम परिवार ने ऐसा कदम उठाया कि हर कोई हैरान रह गया.निंबाहेड़ा के जाकिर हुसैन रंगरेज, जो कि दुर्गा कंवर की मुंह बोली बहन के भाई हैं, ने अपनी बहन की बेटियों की शादी में हिंदू रीति-रिवाज से भात (मायरा) भरा, जो एक सांप्रदायिक सौहार्द का बेहतरीन उदाहरण बना.
यह शादी उस समय और भी खास बन गई जब जाकिर हुसैन और उनका परिवार ढोल-नगाड़ों के साथ सजी-धजी शादी में पहुंचे.मुस्लिम परिवार के सदस्यों ने न केवल भात भरने की परंपरा निभाई, बल्कि इसमें पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ भाग लिया.जाकिर हुसैन के परिवार के सदस्य हाजी हनीफ मोहम्मद, गुलाम नबी, शेरु मोहम्मद, पीरु मोहम्मद, आशिक हुसैन, बिस्मिल खान, फारूक डायर समेत अन्य लोग भी इस अवसर पर शामिल हुए और पूरे हर्षोल्लास के साथ भात की रस्म निभाई.
दुर्गा कंवर और शंकर सिंह राव के परिवार ने मुस्लिम परिवार का स्वागत बहुत ही गर्मजोशी से किया.पुष्पवर्षा और माला पहनाकर उनका अभिनंदन किया गया, जिससे समाज में एकता और भाईचारे का संदेश साफ तौर पर गया.
इस सामाजिक समरसता की अनोखी पहल ने यह साबित किया कि धर्म और जाति से ऊपर इंसानियत और भाईचारे की भावना सबसे महत्वपूर्ण होती है.
यह रिश्ता 20 साल पुराना है, जब दुर्गा कंवर ने जाकिर हुसैन को राखी बांधकर उसे अपना भाई माना था.दुर्गा कंवर के माता-पिता का निधन हो गया था.तब जाकिर हुसैन ने उनका सहारा बनकर परिवार में एक विशेष स्थान प्राप्त किया.
उन्होंने वचन लिया था कि यदि कभी दुर्गा कंवर के घर कोई लड़की की शादी होगी, तो वह निश्चित रूप से भात भरने आएंगे.इस रिश्ते ने वक्त के साथ और भी मजबूत रूप लिया.
जब दुर्गा कंवर की बेटी की शादी का निमंत्रण भेजा गया, तो इसमें विशेष रूप से यह संदेश भी दिया गया कि जाकिर हुसैन और उनका परिवार भात लेकर आएंगे.
इस अनूठे रिश्ते का सबूत देने के लिए निंबाहेड़ा से मुस्लिम परिवार ढोल-नगाड़ों के साथ शादी समारोह में पहुंचे और वहां मौजूद हर किसी को एकता और भाईचारे का संदेश दिया.
इस खास मौके पर मोड़ का निंबाड़ा के ठा. विजेंद्र सिंह, हाजी मोहम्मद हनीफ, जाकिर हुसैन, गुलाम नबी, शेर मोहम्मद, पीरु मोहम्मद, आशिक हुसैन, सरपंच प्रतिनिधि भगवान माली, रमजान मोहम्मद, रियाज मोहम्मद समेत कई अन्य प्रमुख लोग भी उपस्थित थे, जिन्होंने इस भाईचारे की मिसाल को देखा और समर्थन किया.
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया कि हम सभी एक ही मानवता के हिस्से हैं और सांप्रदायिक भेदभाव से ऊपर उठकर हम सब भाई-भाई हैं.यह शादी एक जीवित उदाहरण है कि समाज में धर्म, जाति और सांप्रदायिक मतभेदों को साइड रखकर हमें प्रेम और भाईचारे के साथ एकजुट होना चाहिए.