मिलिए हैदराबाद के 18 महीने के अहान से जिसने पेंटिंग में जीते हैं कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार
आवाज द वाॅयस /हैदराबाद
यह कल्पना से परे है कि कोई अल्पउम्र का बच्चा, जो अपने पैरों पर ठीक से खड़ा भी नहीं हो सकता, उसने पेंटिंग में कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार बटोर लिए हों. मगर यह सोलह आने सच है. यह कमाल कर दिखाया है हैदराबाद के 18 महीने के कलाकार अहान साई गौरीशेट्टी ने जिसने इस कमसिनी में चार अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, दो राष्ट्रीय पुरस्कार और कई अन्य पुरस्कार जीत लिए हैं.
वह बच्चा जो अभी दो साल का भी नहीं है, उसने 50 समकालीन वाटर पेंटिंग बनाने के लिए 43 तकनीकों का उपयोग किया है. कलाकार के कारनामे वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स दर्ज हो चुका है.
अहान की मां स्नेहा ने कहा कि उन्होंने उसे बहुत कम उम्र में पेंटिंग से परिचित कराया था. तब पता चला कि उसे पेंटिंग में अधिक रुचि है.बताती हैं, अहान के अलावा, मेरे परिवार में तीन अन्य बच्चे हैं जो पेंटिंग करते हैं. इस प्रकार हर सप्ताहांत हमारे घर में एक कला सत्र चलता है. चूंकि वह बहुत छोटा है, इसलिए हमने उसे कई अलग-अलग गतिविधियों से परिचित कराया. हमने देखा कि अहान की रुचि कला में अधिक है.
उन्होंने कहा कि चूंकि अहान इस उम्र में ब्रश को संभालने में सक्षम नहीं है, इसलिए उसे वाटर पेंटिंग जैसे अन्य कला रूपों से परिचित कराया गया.अहान ने अपनी कलाकृति में 43 तकनीकों का इस्तेमाल किया और 17 महीने की उम्र में, वह 50 समकालीन पेंटिंग करने में सक्षम हो गया.
माता-पिता के रूप में, यहां तक कि हम भी उसके काम पर आश्चर्यचकित रह गए. हम माता-पिता के रूप में उसकी कलाकृति-निर्माण में शामिल नहीं हैं. यहां तक कि उसका मार्गदर्शन भी नहीं करते. हम उसे सिर्फ रंग देते हैं और उसे रंगों के साथ अन्वेषण करने और खेलने देते हैं. हमें इस बात की चिंता नहीं होती कि उसका आउटपुट कैसा होगा. हालांकि, हमारे आश्चर्य के लिए सभी पेंटिंग बहुत अच्छी तरह से बाहर आती हैं.
अहान की मां ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे की कृतियों को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी जमा कराया और उनसे तुरंत मंजूरी मिल गई. उनके कार्यों को कुछ कला दीर्घाओं और क्यूरेटरों को भी प्रस्तुत किया गया.
साथ ही, वह चार अंतरराष्ट्रीय और दो राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी हासिल करने में सक्षम हुआ.
हमारे पास उसके लिए कोई योजना नहीं है, क्योंकि वह अभी सिर्फ 18 महीने का है. यदि वह भविष्य में कला में रुचि रखता है, तो वह जारी रहेगा. अहान के पिता, गौरीशेट्टी अरुण साईं ने बताया कि उनके बेटे को केंद्र सरकार के सांस्कृतिक विभाग के साथ कई और कला-सांस्कृतिक समाजों द्वारा मान्यता दी गई है.
उनके मुताबिक,जब वह बहुत छोटा था, तो हमने उसे कई संवेदी गतिविधियों जैसे पेंटिंग, बनावट, विभिन्न सामग्रियों के साथ खेलना और अन्य से परिचित कराया, लेकिन, हमने पाया कि वह पेंटिंग में अधिक रुचि रखता ह. हमने सोचा कि हम इसे और भी आगे बढ़ाएंगे. जब वह लगभग 14 महीने का था, तो हमने उसे रंगों से खेलने दिया.
उन्होंने कहा, आमतौर पर, इस आयु वर्ग के बच्चे रंगों के इर्द-गिर्द छलकाते हैं, लेकिन इसके बजाय, अहान का ध्यान ड्राइंग और कला पर अधिक है. वह कभी भी कैनवास बोर्ड के बाहर पेंट नहीं गिराता. वह जो कुछ भी करता है, स्वाभाविक रूप से करता है.
इनपुट एएनआई