जबलपुर (मध्य प्रदेश)
हनुमान जयंती के पावन अवसर पर जबलपुर स्थित प्रसिद्ध पचमठा मंदिर में एक भव्य ‘महा थाली’ का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के 56 पारंपरिक व्यंजनों को एक साथ परोसा गया. इस विशेष थाली में 5,000 किलोग्राम के विशाल लड्डू की भी व्यवस्था की गई, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा.
यह आयोजन मंदिर की रजत जयंती के उपलक्ष्य में हनुमान मंदिर सेवा समिति और महिला मंडल द्वारा तीन दिवसीय विशेष समारोह के रूप में किया जा रहा है.
इस 'महा थाली' का उद्देश्य भारत की "विविधता में एकता" की भावना को प्रकट करना है. इसमें देश के हर कोने से लोकप्रिय व्यंजन एकत्र किए गए हैं – कश्मीर से सूखे मेवे, गुजरात से फाफड़ा-जलेबी और ढोकला, उत्तर प्रदेश से लइया, बनारसी पान, लस्सी और बेल शरबत, और बिहार की पारंपरिक लिट्टी-चोखा को भी विशेष स्थान दिया गया है.
जगद्गुरु राघव देवाचार्य ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “हनुमान जी की शक्ति हमें अपनी पहचान की याद दिलाती है. जैसे उन्होंने भगवान राम के साथ चलकर अपना उद्देश्य पाया, वैसे ही हम भी हनुमान जी की आत्मा से जुड़कर अपनी हिंदू संस्कृति और पहचान को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं.”
तैयारी में जुटी श्रद्धालु श्रद्धा ने बताया, “इस थाली में हर व्यंजन को देश के किसी न किसी कोने से विशेष रूप से मंगवाया गया है.यह थाली वास्तव में भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का जीवंत उदाहरण है.”
गौरतलब है कि हनुमान जयंती, चैत्र महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जिसे चैत्र पूर्णिमा भी कहा जाता है. यह दिन भगवान हनुमान के जन्म का प्रतीक है. इस अवसर पर देश-विदेश के लाखों भक्त उपवास रखते हैं, मंदिरों में पूजा करते हैं और संकटमोचन के नाम का जाप कर आध्यात्मिक शांति की कामना करते हैं.