मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली
नफरत, हिंसा और मतभेद को खत्म करने के लिए सभी को एक मंच पर आना चाहिए, जिससे हिंदू और मुसलमानों के बीच प्यार पैदा होगा और देश भारत विश्व गुरु बनेगा. मुसलमानों पर दाग है जिसे देश की कुछ पार्टियों ने लगाया है, जो मुसलमानों को गद्दार और कायर मानते हैं. यही कारण है कि वे पार्टियां मुसलमानों को केवल वोट बैंक की राजनीति के लायक ही समझती हैं.
इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि मुसलमान समझें कि वे वस्तु नहीं हैं, वे राष्ट्रवादी हैं. ये बातें आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने आकाशवाणी भवन के रिंग सभागार में प्रोफेसर शाहिद अख्तर और डॉ. केशव पटेल द्वारा लिखित पुस्तक भारतीय मुस्लिम एकता का आधार: देशभक्ति के विमोचन के मौके पर कहीं.
पुस्तक के बारे में इंद्रेश कुमार ने कहा कि मौजूदा वक्त में इस किताब की अहमियत ज्यादा है और यह पुस्तक मुसलमानों को और अधिक देशभक्त बनाएगी.
भारतीय मुसलमान राष्ट्रवादी हैं
आरएसएस के संपर्क प्रमुख राम लाल ने पुस्तक की वकालत की और सभी से इसे पढ़ने का आग्रह किया. राम लाल ने कहा कि 1947 से पहले कुछ भ्रम था लेकिन आजादी के बाद यह समझ बनी कि भारतीय मुसलमान कौन हैं. भारतीय मुसलमान राष्ट्रवादी थे, हैं और हमेशा रहेंगे. क्योंकि जो मुसलमान भारतीय नहीं थे वे 1947 में पाकिस्तान चले गये, जो लोग भारत में हैं वे पूर्णतः भारतीय हैं.
भारत को विश्वगुरु बनाना है....
किताब के बारे में बोलते हुए ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के चीफ मौलाना उमीर इलियासी ने कहा कि मतभेद खत्म करने के लिए आपसी संवाद बहुत जरूरी है. हमारी पूजा पद्धतियां भिन्न हो सकती हैं लेकिन हम सभी भारतीय हैं.उन्होंने कहा कि अगर भारत को विश्वगुरु बनना है तो हम सभी हिंदू-मुसलमानों को एक साथ आगे आकर देश की समरसता को बढ़ाना होगा.
अगले 25 साल बेहद महत्वपूर्ण: अर्जुन मुंडा
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने अपने वीडियो संदेश में पुस्तक को समय की जरूरत बताया और इसे सार्वजनिक करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि लोगों को इस पुस्तक का अध्ययन करना चाहिए ताकि देश की एकता और अखंडता बनी रहे और देश का मान ऊंचा रहे. देश धर्म और पंथ से परे है.
विभाजन और अलगाव की नहीं....
परमार्थ निकेतन आश्रम के स्वामी चदानंद सरस्वती ने एक वीडियो संदेश में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की पुस्तक का स्वागत किया और कहा कि हमारी राष्ट्रीयता ही हमारी पहचान है. हमारे खून का रंग एक है, हमारी मिट्टी एक है, हम एक थे, एक हैं और एक रहेंगे। जरूरत सद्भाव की है, विभाजन और अलगाव की नहीं. दिलों को जोड़ना होगा. एकता, अखंडता और संप्रभुता को बढ़ाना होगा.
ये किताब नई राह देगी
किताब के लेखक प्रोफेसर शाहिद अख्तर ने कहा कि यह एक ऐसी किताब है जो आने वाले दिनों में भारतीय मुसलमानों को एक नई राह देगी. उन्होंने आगे कहा कि देश के अंदर मुसलमानों को एक वोट के तौर पर देखा जा रहा है, इतना ही नहीं बीजेपी और आरएसएस के डर से दूरियां पैदा हो रही हैं.
इस अवसर पर आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, स्वामी सदानंद जी महाराज ने वीडियो संदेश में पुस्तक के लेखक को बधाई और शुभकामनाएं दीं.इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों के हाथों मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की वेबसाइट का भी शुभारंभ किया गया.
मौके पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य सैयदा शहजादी, ख्वाजा गरीब नवाज के सज्जादा नशीन सैयद जैनुल आबेदीन, सिराजुद्दीन कुरेशी समेत अन्य अतिथि मौजूद रहे.