रमज़ान में जयपुर की गली-गली गुलज़ार: खाने के शौकीनों की जन्नत

Story by  फरहान इसराइली | Published by  [email protected] | Date 18-03-2025
Every street in Jaipur is full of food during Ramzan: A paradise for food lovers
Every street in Jaipur is full of food during Ramzan: A paradise for food lovers

 

  • रामगंज और घाटगेट बाजार बने खाने के शौकीनों की जन्नत
  • रमज़ान में जयपुर के व्यापारियों की बढ़ी कमाई

फरहान इसराइली /जयपुर

राजस्थान की गुलाबी नगरी जयपुर इन दिनों रमज़ान के मुक़द्दस महीने की रौनक से भरपूर है. शहर के पुराने इलाकों जैसे रामगंज, घाटगेट, बाबू का टीबा और चांदपोल बाजार, रमज़ान के माहौल से गुलज़ार हो गए हैं. सुबह की सहरी से लेकर शाम की इफ्तारी तक, जयपुर की गलियाँ और चौड़े बाजार एक अलग ही आलम में डूबे हुए हैं. यहाँ का भाईचारा, स्वादिष्ट खाना और त्यौहार का माहौल न सिर्फ़ स्थानीय लोगों को, बल्कि दूर-दूर से आने वाले सैलानियों को भी अपनी ओर खींच रहा है.

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रामगंज और घाटगेट में खाने का जादू

रमज़ान के महीनें में जयपुर के रामगंज और घाटगेट बाजार खाने के शौकीनों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं होते। यहाँ की गलियों में बिरयानी, निहारी, हलीम, कबाब और शीरमाल की खुशबू बिखरी होती है. इफ्तार के वक़्त स्टॉल्स और मशहूर ढाबों पर लंबी क़तारें लग जाती हैं.

होटल एमएम खान, जो 40 साल से जयपुर की शान बना हुआ है, यहाँ का सबसे पुराना और मशहूर ठिकाना है. यहाँ के चिकन चंगेज़ी, मटन निहारी और हलीम की तासीर लोगों की ज़ुबान पर चढ़ी हुई है. अली चिकन सेंटर का चिकन टिक्का और बोटी कबाब भी रोज़ेदारों को खूब लुभा रहे हैं. इसके अलावा होटल गरीब नवाज़, मदीना होटल, काबुल चिकन सज्जी, होटल मोहम्मदी और मौलाना हलवाई का खाना भी जायकेदार है.

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स्थानीय निवासियों की बातें

स्थानीय निवासी मोहम्मद अतीक बताते हैं कि रमज़ान में यहाँ का माहौल ही बदल जाता है. लोग इफ्तार और सहरी का आनंद लेने के लिए परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ आते हैं. आबिद अब्बासी के मुताबिक, इफ्तार की थाली में खजूर का होना लाज़िमी है, और इसके साथ शरबत, फल और गरमा-गरम पकवान इफ्तारी को और भी लज़ीज़ बना देते हैं.

मिठाई की दुकानों पर केसर वाली सेवइयाँ, मेवा सिवाइयाँ और फिरनी की ख़ास तैयारियाँ होती हैं. जौहरी बाज़ार की जामा मस्जिद के आसपास भी इफ्तार का ख़ास इंतज़ाम देखने को मिलता है, जहाँ लोग एक साथ बैठकर रोज़ा खोलते हैं.

शीरमाल और ईरानी जायकों का स्वाद

रमज़ान में जयपुर की गलियों में ईरानी शीरमाल रोटी की महक फैल जाती है. दूध, मेवे और केसर से बनी ये रोटियाँ इतनी लज़ीज़ होती हैं कि इन्हें बिना सालन के भी खाया जा सकता है. रामगंज और घाटगेट की दुकानों पर शीरमाल की भारी डिमांड रहती है.

मिठाइयों में मैंगो रबड़ी और गुलाब जामुन भी लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं. वहीं, मौलाना हलवाई जैसी 90 साल पुरानी दुकानें रमज़ान के दौरान ख़ास मिठाइयाँ तैयार करती हैं। सहरी का वक़्त सुबह तड़के 3-4 बजे तक होता है, जब लोग हल्का और पौष्टिक नाश्ता करते हैं.

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बाबू का टीबा: रमज़ान का दिल

जयपुर में रमज़ान की सबसे ज़्यादा रौनक बाबू का टीबा में देखने को मिल रही है. यह इलाका अपनी बिरयानी और हलीम के लिए मशहूर है. यहाँ की तंग गलियों में रातभर दुकानें खुली रहती हैं और लोग सहरी से लेकर इफ्तार तक यहाँ का स्वाद चखने आते हैं.

अमजद की बिरयानी और अलीजा बिरयानी यहाँ की पहचान बन चुकी हैं. स्थानीय व्यापारी आकिब खान कहते हैं, "बाबू का टीबा का हलीम और बिरयानी का स्वाद पूरे जयपुर में मशहूर है. रमज़ान में यहाँ का नज़ारा देखने लायक होता है."

सूखे मेवों की माँग भी बढ़ी

रमज़ान में सूखे मेवों की माँग भी आसमान छूने लगी है. खजूर, बादाम, पिस्ता और काजू की दुकानों पर भीड़ लगी रहती है. खजूर की कीमत 80 रुपये से लेकर 1500 रुपये प्रति किलो तक है, और सऊदी अरब, ईरान और यूएई से आए खजूर ख़ास तौर पर पसंद किए जा रहे हैं.

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रमज़ान में शॉपिंग का जोश

रमज़ान सिर्फ़ रोज़े और इबादत का महीना नहीं है, बल्कि ईद की तैयारियों का भी समय होता है. जयपुर के बाजारों में शॉपिंग की धूम मची है. महिलाएँ ईद के लिए जरी वाले कपड़े, लाख की चूड़ियाँ और रंग-बिरंगे परिधान खरीद रही हैं. दुकानदारों का कहना है कि इस महीने में उनकी बिक्री 30-40% तक बढ़ जाती है. रामगंज की सड़कों पर लगे स्टॉल्स पर ईद स्पेशल कपड़े और जूतियाँ भी खूब बिक रही हैं.

जयपुर की असली शान

जयपुर का रमज़ान केवल खाने और शॉपिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ का भाईचारा और दान की भावना इसे और ख़ास बनाती है. जामा मस्जिद में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग इफ्तार में शरीक होते हैं.

पुराने जयपुर की गलियों में मुफ्त इफ्तार कैंप लगते हैं, जहाँ हर रोज़ 200 से ज़्यादा लोग खाना खाते हैं. पुराने ढाबे जैसे एमएम खान होटल भी गरीबों के लिए मुफ्त खाना बाँटते हैं. रमज़ान के महीने में जयपुर के होटल, ढाबे और स्ट्रीट वेंडर्स का कारोबार 50% तक बढ़ जाता है, और छोटे दुकानदार रोज़ाना 10-15 हज़ार रुपये तक की कमाई कर रहे हैं. पुराने शहर के बाज़ारों में हर दिन 10-15 लाख रुपये का टर्नओवर हो रहा है.

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गुलाबी नगरी की रमज़ान की रौनक

जयपुर का रमज़ान सिर्फ़ रोज़ेदारों के लिए नहीं, बल्कि पर्यटकों और खाने के शौकीनों के लिए भी खास है. यहाँ का लज़ीज़ खाना, रंग-बिरंगे बाजार और आपसी मोहब्बत गुलाबी नगरी को दुनिया भर में मशहूर कर रहे हैं.

जयपुर का रमज़ान एक ऐसा समय होता है जब पूरा शहर एक अलग ही रौनक में डूब जाता है. मस्जिदों की रूहानी फिजा, बाजारों की हलचल और जायकों का मजा, रमज़ान को जयपुर में एक यादगार अनुभव बना देते हैं.