‘ईद-ए-मिलाद-उन-नबी’ का जुलूस गणेश विसर्जन के बाद

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 14-09-2024
'Eid-e-Milad-un-Nabi' procession after Ganesh immersion
'Eid-e-Milad-un-Nabi' procession after Ganesh immersion

 

फजल पठान

भारत एक उत्सवप्रिय देश है.धार्मिक विविधता के कारण यहां सभी धर्मों के त्योहार उत्साह से मनाए जाते हैं.कई बार तो दो धर्मों के त्योहार एक ही दिन पड़ जाते हैं.पिछले कुछ वर्षों से महाराष्ट्र में आषाढ़ी एकादशी और बकरी ईद एक साथ आ रही थीं.इसी तरह, पिछले साल की तरह इस साल भी अनंत चतुर्दशी (गणपति विसर्जन) और ‘ईद मिलाद-उन-नबी’ के त्योहार पास-पास पड़ रहे हैं.

महाराष्ट्र में ये दोनों त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं.इन दोनों त्योहारों की समानता यह है कि इन दिनों भव्य जुलूस निकाले जाते हैं.लेकिन, दोनों त्योहार पास-पास होने के कारण यह सवाल उठा है कि ये उत्सव कैसे मनाए जाएंगे.

आषाढ़ी के अवसर पर लगातार दो वर्षों तक महाराष्ट्र के मुस्लिम समुदाय ने बकरी ईद की कुर्बानी को आगे बढ़ाकर धार्मिक सौहार्द का उदाहरण प्रस्तुत किया था.और अब इस साल भी महाराष्ट्र के मुस्लिम समुदाय ने प्रशंसनीय निर्णय लिया है.

इस्लाम धर्म के अंतिम पैगंबर, हज़रत मोहम्मद की जयंती के उपलक्ष्य में मुस्लिम भाई ‘ईद ए मिलाद’ को उत्साहपूर्वक मनाते हैं.उस दिन जुलूस निकाला जाता है.लेकिन, गणेश विसर्जन में किसी भी प्रकार की बाधा न हो, इसके लिए महाराष्ट्र की मुस्लिम संगठनों द्वारा ईद मिलाद-उन-नबी के जुलूस को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.

आइए जानते हैं कि महाराष्ट्र के किन-किन स्थानों पर अब तक जुलूस को आगे बढ़ाया गया है।

पुणे में 21 सितंबर को निकलेगा जुलूस

सामाजिक सौहार्द और 'भाईचारा' बनाए रखने के लिए 'ईद ए मिलाद' के अवसर पर निकाले जाने वाले जुलूस को 16 सितंबर की बजाय 21 सितंबर को निकालने का निर्णय पुणे के मुस्लिम समुदाय की हिलाल सिरत कमेटी ने लिया है.इस निर्णय की सर्वत्र सराहना हो रही है, और पुलिस ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है.

आगामी 16 सितंबर को मुस्लिम समुदाय ईद ए मिलाद-उन-नबी मना रहे हैं, जबकि 17 तारीख को अनंत चतुर्दशी के अवसर पर हिंदू गणपति विसर्जन जुलूस निकालेंगे.ऐसी स्थिति में, दोनों समुदायों के जुलूस एक ही समय में निकालना संभव नहीं है.शहर में शांति और एकता बनाए रखने के लिए पुलिस ने सिरत कमेटी से जुलूस को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था.

इसी संदर्भ में हाल ही में पुलिस सह-आयुक्त रंजनकुमार शर्मा के साथ हिलाल सिरत कमेटी के पदाधिकारियों की बैठक हुई.उस बैठक में कमेटी के अध्यक्ष मौलाना गुलाम अहमद कादरी और उपाध्यक्ष मौलाना निज़ामुद्दीन फखरुद्दीन उपस्थित थे.पुलिस के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए सिरत कमेटी ने ईद के अवसर पर निकाले जाने वाले जुलूस को आगे बढ़ा दिया है.अब यह जुलूस 16 की बजाय 21 सितंबर को निकाला जाएगा.

सिरत कमेटी के निर्णय के अनुसार, 21 सितंबर को जुलूस निकलेगा.इस बारे में बात करते हुए कमेटी के महासचिव रफिउद्दीन शेख ने कहा, “सुबह 8 बजे नाना पेठ स्थित मन्नूशाह मस्जिद से यह जुलूस निकलेगा.यह जुलूस मौलाना गुलाम अहमद कादरी के नेतृत्व में शुरू होगा.इसके बाद जामा मस्जिद सिटी में दोपहर की नमाज के बाद प्रार्थना के साथ जुलूस समाप्त होगा.”

ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत सैयद मोईन मियाँ ने कहा, “हालांकि ईद-ए-मिलाद 16 सितंबर को है, लेकिन शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए मुस्लिम समुदाय ने जुलूस को दो दिन बाद निकालने का निर्णय लिया है.16 सितंबर को पैगंबर की जयंती है.उस दिन घरों में और मस्जिदों में सभी कार्यक्रम होंगे.लेकिन ईद-ए-मिलाद का जुलूस 21 सितंबर को निकाला जाएगा.”

मुंबई में 18 तारीख को निकलेगा जुलूस

मुंबई में खिलाफत कमेटी की ओर से इस संदर्भ में बैठक आयोजित की गई थी.इस बैठक में मुस्लिम उलेमा (धर्मगुरु) और विभिन्न दलों के सदस्य उपस्थित थे। इस बैठक में भी जुलूस को आगे बढ़ाने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया.बैठक के बाद AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व विधायक वारिस पठान ने राज्य सरकार से एक दिन की छुट्टी घोषित करने की मांग की है.वारिस पठान ने इस संदर्भ में ट्वीट कर जानकारी दी.

वारिस पठान ने जानकारी देते हुए लिखा, "खिलाफत कमेटी की ईद-ए-मिलाद के जुलूस के संबंध में धर्मगुरु और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की उपस्थिति में बैठक हुई.गणपति विसर्जन और ईद-ए-मिलाद के जुलूस एक ही समय पर आने के कारण, अब ईद-ए-मिलाद का जुलूस 18 सितंबर को निकाला जाएगा."

धुले में 19 तारीख को निकलेगा जुलूस

अनंत चतुर्दशी और ईद-ए-मिलाद एक बार फिर एक साथ आने के कारण, धुले शहर में शांति समिति की बैठक जिला नियोजन सभागृह में आयोजित की गई.इस बैठक में त्योहारों की पृष्ठभूमि में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए ईद-ए-मिलाद के दिन होने वाले जुलूस को एक या दो दिन बाद निकालने की मांग धुले जिला प्रशासन की ओर से सिरत कमेटी के सदस्यों और उपस्थित मुस्लिम भाइयों से की गई.

इस पर, उपस्थित मुस्लिम समुदाय ने प्रशासन से चर्चा कर धुले शहर में ईद-ए-मिलाद का जुलूस गुरुवार, 19 सितंबर को निकालने का निर्णय लिया.इसके साथ ही, इस जुलूस में डीजे का उपयोग न करने का भी निर्णय लिया गया.समाज में भाईचारा बनाए रखने के लिए मुस्लिम समाज हमेशा तैयार है, यह भावना इस समय नजर आई.इस निर्णय का जिलाधिकारी जितेंद्र पापलकर और उनकी टीम ने स्वागत किया.

पिंपलगांव बसवंत में इस साल जुलूस नहीं निकलेगा

नाशिक जिले के पिंपलगांव शहर में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के साथ मिलकर रहते हैं.यहां के समाज के लोग अपनी क्रियाओं के माध्यम से हिंदू-मुस्लिम एकता का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं.गणपति विसर्जन जुलूस में किसी भी प्रकार की बाधा न आए, इसलिए मुस्लिम समुदाय ने ईद का जुलूस और विसर्जन जुलूस एक ही दिन न निकालने का निर्णय लिया है.पिंपलगांव बसवंत के मुस्लिम जमात ट्रस्ट ने इस निर्णय के संदर्भ में एक ज्ञापन भी पिंपलगांव पुलिस स्टेशन में दिया है.

बेलगाम में 22 सितंबर को निकलेगा जुलूस

अनंत चतुर्दशी और ईद ए मिलाद एक ही दिन पड़ने के कारण पुलिस प्रशासन पर दबाव बढ़ने वाला था, लेकिन क्षेत्र में हिंदू-मुस्लिम राष्ट्रीय एकता बनी रहे, इसके लिए बेलगाम के मुस्लिम समुदाय ने 16 सितंबर की बजाय 22 सितंबर को जुलूस निकालने का निर्णय लिया है.

शहर के अंजुमन इस्लाम सभागृह में शुक्रवार को विभिन्न मुस्लिम संगठनों के प्रमुख, धर्मगुरु और मुस्लिम समुदाय के सदस्यों की बैठक में यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया.इसके लिए बेलगाम उत्तर के विधायक आसिफ राजू शेट ने विशेष पहल की थी.इस निर्णय के माध्यम से बेलगाम के मुस्लिम समुदाय ने धार्मिक सौहार्द का एक नया उदाहरण समाज के सामने प्रस्तुत किया है.

इस बैठक में सिरत कमेटी, अंजुमन इस्लाम के साथ-साथ विधायक आसिफ शेट, मुफ्ती मंजूर अहमद रिज़वी, हाफिज नजीरूरुल्ला खादरी, सरदार अहमद मुस्ताक नईम अहमद सहित कई धर्मगुरु, मुस्लिम समुदाय के प्रमुख लोग और मुस्लिम भाई बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

नाशिक में भी जुलूस के समय में बदलाव

गणेश विसर्जन की पृष्ठभूमि में पैगंबर जयंती के अवसर पर निकलने वाले जुलूस के संबंध में पिछले कुछ दिनों से नाशिक शहर के उलेमा और पुलिस प्रशासन के बीच चर्चा चल रही थी.आज खतीब-ए-नाशिक हाफिज हिसामुद्दीन अशरफी की अध्यक्षता में शहर के मुस्लिम समुदाय ने जुलूस के समय में बदलाव करते हुए हिंदू-मुस्लिम एकता का परिचय दिया है.

इस बारे में उन्होंने पुलिस और प्रशासन को निवेदन देते हुए ये जानकारी दी है.मुस्लिम समुदाय के इस निर्णय की पुलिस प्रशासन और आम लोग जमकर सरहाना कर रहे है. अब तक महाराष्ट्र में इन जगहों पर गणेश विसर्जन को मद्देनजर रखते हुए मिलाद-उन-नबी के जुलुस को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है.

अभी गणेशोत्सव खत्म होने में एक हफ्ते का समय बाकि है और आते कुछ दिनों में महाराष्ट्र के और इलाकों के मुस्लिम भी इसी तरह का फैसला लेने की उम्मीद जताई जा रही है.