राय शाहनवाज़
पाकिस्तान में इन दिनों आर्थिक संकट और बढ़ते अपराधों ने लोगों की जिंदगी को पूरी तरह प्रभावित किया है. पाकिस्तान पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, हर पांच मिनट में देश में एक संगीन अपराध दर्ज किया जाता है. इस भयावह स्थिति ने आम जनता को डरा दिया है, खासकर पैसे वालों को, जो अब बारात जैसे खुशी के मौकों पर भी पूरी तरह सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं.
पहले जहां लोग लक्जरी गाड़ियों में शान से बारात निकालते थे, अब वही बारातें बुलेटप्रूफ और बमप्रूफ गाड़ियों में सुरक्षा गार्डों के साथ निकल रही हैं. इस नए चलन ने पाकिस्तान की शादियों में एक नया आयाम जोड़ दिया है.
पाकिस्तान में शादियों का सीजन चल रहा है, और हर साल इनमें कोई न कोई नया ट्रेंड जुड़ता है. बीते कुछ वर्षों में शादियों में एसयूवी गाड़ियों और सुरक्षा गार्डों का चलन बढ़ गया है. अब लोग केवल बड़े वाहनों का ही नहीं, बल्कि सुरक्षा गार्डों का भी किराया उठा रहे हैं ताकि उनकी बारात सुरक्षित और भव्य दिखे.
लाहौर के कलीम अंजुम ने हाल ही में अपने भाई की शादी में यह अनुभव किया. उन्होंने बताया कि किराये पर गाड़ियां लीं और साथ में सुरक्षा गार्ड भी. गार्डों की सतर्कता और सावधानी ने शादी के दौरान कई मौकों पर मदद की. उन्होंने कहा कि यह ट्रेंड अब गांवों में भी आम हो गया है, जहां लोग अपनी हैसियत के अनुसार गाड़ियां और गार्ड किराये पर लेते हैं.
लाहौर में 'किराये पर कार' का व्यवसाय तेजी से बदल रहा है. लतीफ भट्टी, जो इस व्यवसाय से जुड़े हैं, ने बताया कि अब सुरक्षा गार्डों और बुलेटप्रूफ गाड़ियों की मांग बढ़ गई है. पहले यह सुविधा केवल बड़ी कंपनियां लेती थीं. अब शादियों में इसका उपयोग आम हो गया है.
भट्टी बताते हैं कि एक बड़ी एसयूवी गाड़ी का किराया 40,000 से 60,000 रुपये प्रतिदिन है, जबकि सुरक्षा गार्ड का किराया 10,000 से 25,000 रुपये प्रतिदिन है. उन्होंने बताया कि अब उनके पास बुलेटप्रूफ और बमप्रूफ गाड़ियां भी उपलब्ध हैं.
यह व्यवसाय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, खासकर टिकटॉक पर भी काफी लोकप्रिय हो रहा है. कई कारोबारी बड़ी गाड़ियों और सुरक्षा गार्डों के पैकेज पेश कर रहे हैं, जो लोगों को आकर्षित कर रहे हैं.
अपराध और सोशल मीडिया का प्रभाव
चौधरी मुनीर, जो इसी व्यवसाय से जुड़े हैं, ने बताया कि शादियों में बड़े वाहनों और सुरक्षा गार्डों का उपयोग अब एक फैशन बन गया है. सोशल मीडिया पर लोग अपनी शादियों की तस्वीरें और वीडियो साझा करते हैं, जिससे दूसरों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है.
मुनीर ने आगे कहा कि उन्होंने इस चलन को समय रहते समझ लिया और अपने व्यवसाय को बढ़ाया. उन्होंने छोटी गाड़ियां बेचकर बड़ी गाड़ियों और सुरक्षा सेवाओं में निवेश किया. आज उनका व्यवसाय फल-फूल रहा है, जबकि छोटे कारोबारी संघर्ष कर रहे हैं.
सुरक्षा कंपनियां भी अब 'किराये पर कार' देने वाले व्यवसाय के साथ साझेदारी कर रही हैं. इन कंपनियों के गार्ड लाइसेंसी हथियारों से लैस होते हैं और ज्यादातर गार्ड सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी या सैन्यकर्मी होते हैं.
यह नया चलन दिखाता है कि पाकिस्तान में न केवल सुरक्षा के प्रति लोगों की चिंता बढ़ी है, बल्कि दिखावे की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है.
शादियों जैसे पवित्र आयोजनों में सुरक्षा गार्ड और बुलेटप्रूफ गाड़ियों का इस्तेमाल बढ़ते अपराधों और सामाजिक प्रतिस्पर्धा का नतीजा है.पाकिस्तान की बदलती संस्कृति और आर्थिक संकट के बीच यह चलन एक नई कहानी कहता है. यह स्पष्ट करता है कि सुरक्षा के लिए बढ़ती चिंताओं ने शादियों जैसे व्यक्तिगत आयोजनों को भी प्रभावित किया है.