फैजान खान/ आगरा
इस्लाम ने बेटी की शादी को जितना आसान बनाया, उतना ही मुसलमानों ने इसे बेहद खर्चीला कर दिया है. हालत ये हैं कि दहेज ने बेटियों की शादी की उम्र बढ़ा दी है. आगरा में हजारों गरीब बेटियां ऐसी हैं, जिनकी उम्र 40 से पार हो गई, पर अभी तक शादी नहीं हो पाई. बेबस मां-बाप जवान बेटियों को देखकर बस एक ही बात कहते हैं कि इनकी बेटियों का क्या करें. मगर अब ऐसी गरीब बेटियों की शादी कराने की जिम्मेदारी फूलों का ताजिया कमेटी ने ली है.
इस बार कमेटी ने फैसला करने के साथ ही एलान किया है कि मुहर्रम की सात से दस तारीख तक आने वाले चढ़ावे से हर साल गरीब बेटियों के हाथ पीले किए जाएंगे. साथ ही लावारिश लाशों को दफनाने और जरूरतमंदों की दवाइयों का इंतजाम किया जाएगा.
सबसे ज्यादा अकीदतमंद फूलों के ताजिया के
आगरा में करीब दो हजार से अधिक ताजिए रखे जाते हैं. इनमें सबसे प्रमुख ताजिया पाए चैकी स्थित कटरा दबकियान के इमामबाड़े में रखा जाने वाला फूलों का ताजिया है. ये मुगल दौर से रखा जा रहा है. इसे करीब 323 साल से लगातार रखा जा रहा है.
इस पर सबसे ज्यादा अकीदतमंद हाजिरी लगाने आते हैं. यही वजह है कि इस पर सबसे ज्यादा चढ़ावा भी आता है. इस नकदी के अलावा सोना और चांदी भी आता है. इन सबको मिलाकर करीब 15-20 लाख रुपये जमा होते हैं.
कमेटी ने क्या का एलान
-गरीब बेटियों की शादी की जाएगी.
-लावारिश लाशों को दफनाने का काम किया जाएगा.
-गरीबों के लिए दवाओं का इंतजाम किया जाएगा.
एतिहासिक फूलों का ताजिया कमेटी के अध्यक्ष हाजी शाहिद हुसैन ने बताया कि नई कमेटी का गठन किया गया है. नई कमेटी ने फैसला किया है कि ताजिया पर आने वाले चढ़ावे का पैसा गरीबों पर खर्च किया जाएगा. इसमें कमेटी सिर्फ उतना ही पैसा लेगी, जितना इंतजाम पर खर्च होता है. इस खर्च को कमेटी के बाकी सभी मैंबरों की रजामंदी से खर्च किया जाएगा.
गरीब बेटियों की शादी के लिए पूरा प्लान तैयार किया गया है.
आवेदन के बाद की जाएगी छानबीन
जो भी आवेदन आएगा, उसका वेरीफिकेशन कराया जाएगा. कहीं ऐसा तो नहीं कि इसका फायदा कोई और गैरजरूरतमंद न ले ले. कमेटी पूरी छानबीन के बाद शादी के लिए तय रकम या सामान मुहैया कराएगी.
बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय में उर्दू विभाग की अध्यक्ष डॉक्टर नसरीन बेगम ने बताया कि अगर कमेटी ने इस तरह से फैसला किया है तो बहुत अच्छा है. हमने शहर में एक सर्वे कराया था, जिसमें आंकड़े बहुत ही चैकाने वाले थे.
पूरे जिले में हजारों गरीब बेटियां हैं, जिनकी अभी तक शादी नहीं हो पाई है. ताजिया कमेटी का फैसला बहुत अच्छा है. ऐसे ही और भी तंजीम आगे आएं तो शहर में कोई भी गरीब बेटी बिना शादी के नहीं रह पाएगी.