आयुर्वेदिक इलाज: फिर बढ़ रहा है लोगों का भरोसा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 05-10-2024
Ayurvedic treatment: People's trust is increasing again
Ayurvedic treatment: People's trust is increasing again

 

जावेद अख्तर

आयुर्वेदिक इलाज के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ रहा है.ज्यादातर लोग अब इस इलाज पर ध्यान दे रहे हैं.इसके लिए कई कारण हैं.पहली बात तो ये कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं. दूसरा ये कि इसमें हर बीमारी का इलाज है.इसका इलाज आपकी रसोई में भी मौजूद है. इसीलिए पहले लोग इस इलाज पर भरोसा करते थे.अब फिर से लोग आयुर्वेदिक इलाज की इस पद्धति पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.

सबसे बड़ी बात यह है कि आयुर्वेदिक उपचार का कलंक भी अब खुलने लगा है.पढ़ाई पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. लोगों की दिलचस्पी इसमें बढ़ रही है.वे इसमें अपना भविष्य देख रहे हैं. वहीं सरकार भी इलाज की इस पद्धति को बढ़ाने पर विशेष जोर दे रही है. बजट में पैसा दिया गया है.

 इतना ही नहीं, सरकार में आने के बाद ही इसके लिए आयुष मंत्रालय बनाया.आयुष मंत्रालय आयुर्वेद सहित उपचार की सभी प्राचीन पद्धतियों का एक संयोजन है.A आयुष है, इसी प्रकार Y योग है, U यूनानी है, S सिद्ध है और H होम्योपैथी है. इस प्रकार आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को मिलाकर न केवल इस पद्धति को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है,

इसके लिए धन भी दिया जा रहा है.उपचार के इन सभी तरीकों के बीच, आयुर्वेदिक उपचार आजकल आम हो रहा है.लोग इसके आदी हो रहे हैं.आजकल आयुर्वेद वेदों की धूम मची हुई है.वैसे तो आयुर्वेद का नाम सालों से चला आ रहा है,लेकिन हाल के वर्षों में इसे लाने में सरकार के साथ- बाबा रामदेव ने भी बड़ी भूमिका निभाई है.इसका सुधार लोगों के लिए है.बाबा रामदेव ने योग के साथ आयुर्वेद चिकित्सा को लोगों तक पहुंचाया.इसमें बाबा रामदेव की अहम भूमिका रही है.

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इस संबंध में आयुर्वेद के चिकित्सक डॉ. मुकेश कुमार यादव का क्या कहना है कि आयुर्वेद के प्रति लोगों की रुचि बढ़ रही है. उनका कहना है कि उनके यहां काफी मरीज आ रहे हैं. ज्यादातर लोग आयुर्वेदिक दवा लेना चाहते हैं.उनका कहना है कि हम लोगों को सबसे पहले बीमारी का पता चलता है.

जब इसका पता चलता है, तो यह जो कमी है उसे पूरा करने का प्रयास करता है.सबसे खास बात ये है कि आप इसका इलाज अपने घर से ही कर सकते हैं. आपकी पेंट्री में ढेर सारे आयुर्वेदिक उत्पाद उपलब्ध हैं.आयुर्वेद की कई दुकानें हैं जहां इसके लिए दवाइयां उपलब्ध हैं.वहाँ काफी पुरानी दुकानें भी हैं.

वर्षों से चला आ रहा है. एक और बड़ी बात यह है कि इस इलाज पद्धति का कोई साइड इफेक्ट नहीं है.उन्होंने इस बारे में खुलकर बात की.कहा कि देखा जाए तो आयुर्वेद इलाज का सबसे अच्छा तरीका है.पहले जब कोई उपचार पद्धति नहीं थी तो लोग आयुर्वेद का ही सहारा लेते थे.

उनका कहना है कि आयुर्वेद भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है. यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है - आयु और वेद.आयुर्वेद का अर्थ है जीवन का अध्ययन.उन्होंने कहा कि आयुर्वेद स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्राकृतिक दृष्टिकोण अपनाता है.

आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में तीन दोष हैं - वात, पित्त और कफ.रोग इन दोषों के असंतुलन के कारण होते हैं.आयुर्वेद आहार, जड़ी-बूटियों, मालिश, ध्यान, योग और आंतरिक सफाई जैसी विभिन्न तकनीकों का उपयोग करता है.आयुर्वेद के अनुसार, मन, शरीर, आत्मा और के बीच संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है पर्यावरण.आयुर्वेद के अनुसार रोगों से लड़ना नहीं, बल्कि उनसे बचना बेहतर है.

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आयुर्वेद को तारस्कंध या त्रिसूत्र भी कहा जाता है.पहले जब चिकित्सा पद्धति इतनी विकसित नहीं थी, उस समय उपचार की आयुर्वेदिक पद्धति का प्रयोग किया जाता था.सामाजिक कार्यकर्ता इम्तियाज भारतीय का कहना है कि वह बचपन से ही आयुर्वेदिक उपचार से अपना इलाज कर रहे हैं.उन्हें उन पर पूरा भरोसा है.

छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज के लिए रसोई में पर्याप्त सामान मौजूद है.उनका कहना है कि वे आज भी आयुर्वेदिक दवा ही लेते हैं. उन्होंने गैस की आयुर्वेदिक दवा दिखाते हुए कहा कि दवा की कीमत थोड़ी महंगी है,इसलिए हमें लगता है कि हर कोई इसे नहीं खरीद सकता. अगर दवा की कीमतें कम हो जाएं तो ज्यादातर लोगों को इसका फायदा मिल सकता है.

 जब उन्हें सर्दी खांसी होती थी तो घर की बड़ी महिला उससे राहत पाने के लिए कंगन बनवाती थीं.ये आयुर्वेद ही है. उन्होंने कहा कि उन्हें न तो होम्योपैथी पर भरोसा है,न ही एलोपैथी इलाज पर क्योंकि सभी जानते हैं कि एलोपैथी दवा के साइड इफेक्ट होते हैं.

अगर आप इस बीमारी की दवा लेते हैं तो आपको दूसरी बीमारी हो जाती है. इसी तरह होम्योपैथी में बीमारी के बारे में सुनकर ही दवा दे दी जाती है.अगर दवा लगा दी जाए तो ठीक है.नहीं लगाई जाए तो कोई दिक्कत नहीं है. इसीलिए हम आयुर्वेदिक इलाज पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं। और यह भी चाहेंगे कि लोग आयुर्वेद पर भरोसा करें.

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आयुर्वेद की 4 मूल बातें क्या हैं ?

आयुर्वेद के अनुसार, मानव शरीर चार मूल तत्वों से बना है - दोष, धातु, मल और अग्नि.आयुर्वेद में शरीर के इन मूल तत्वों का अत्यधिक महत्व है। इन्हें आयुर्वेदिक उपचार के 'सिद्धांत' या बुनियादी सिद्धांत कहा जाता है.