आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: भविष्य की टेक्नोलॉजी जो बदल देगी हर क्षेत्र का चेहरा

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 21-10-2024
Artificial Intelligence: The technology of the future that will change the face of every sector
Artificial Intelligence: The technology of the future that will change the face of every sector

 

इमरान खान / नई दिल्ली

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) – एक ऐसा शब्द जिसे आपने कई बार सुना होगा. खासकर जब आप इंस्टाग्राम और फेसबुक पर रील्स स्वाइप करते हैं या किसी विज्ञापन को गूगल पर सर्च करने के बाद उसे अपनी सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर देखते हैं. यह सब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से संभव होता है. अगर इसे 21वीं सदी का सबसे प्रमुख विषय कहा जाए तो इसमें कोई अचरज की बात नहीं.

भविष्य में हर क्षेत्र के छात्रों को AI पढ़ना पड़ेगा. आने वाले समय में AI के जरिए काम की गति बढ़ाने और समय बचाने की एक नई उपलब्धि हासिल होगी, जो हमारे दैनिक जीवन में एक क्रांति लेकर आएगी.आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इतिहास 1951 से जुड़ा है, लेकिन इसके बाद इसे आम जनता तक पहुंचने में कई दशक लग गए.

यह तकनीक धीरे-धीरे विकसित हुई और अब हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है. इस विषय को और बेहतर ढंग से समझने के लिए संवाददाता ने जमिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर मंसाफ आलम से बातचीत की, जिसमें उन्होंने AI के हेल्थ, शिक्षा, फाइनेंस और प्रशासनिक क्षेत्रों में संभावनाओं और चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास और देरी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की नींव 1951 में रखी गई थी, लेकिन इसे पूरी तरह से समझने और अपनाने में काफी समय लग गया. प्रोफेसर मंसाफ आलम का कहना है, "किसी भी टेक्नोलॉजी के विकास में समय लगता है. जब हम स्टूडेंट्स थे, तब हमें भी यह समझ में नहीं आता था कि हम AI क्यों पढ़ रहे हैं. लेकिन 2012 में सोशल मीडिया का विस्तार होने के साथ डाटा की मात्रा भी तेजी से बढ़ने लगी.

इसने AI के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाई. यह कहना गलत नहीं होगा कि 'जितना अधिक डाटा, उतना अधिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस.' AI का सीधा जुड़ाव डाटा से है. जब एक नवजात बच्चा अपने आसपास के शब्दों को सुनकर उन्हें सीखता है, तो AI भी डाटा को रिसीव कर उसे उपयोगी जानकारी में बदलता है. जितना अधिक डाटा उपलब्ध होगा, AI उतना ही सक्षम होगा."

नैरो AI और स्ट्रॉन्ग AI 

हालांकि वर्तमान में हम 'नैरो AI' का उपयोग कर रहे हैं, जिसमें चैट-जीपीटी और मशीन लर्निंग जैसे टूल्स शामिल हैं. निकट भविष्य में AI का और भी उन्नत रूप देखने को मिलेगा, जिसे 'स्ट्रॉन्ग AI' कहा जाएगा. यह AI मशीनों को सोचने और समझने की ताकत देगा, और यह एक बड़ी क्रांति का संकेत होगा.


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AI के माध्यम से इंडस्ट्रीज को होने वाले लाभ

हर इंडस्ट्री मुनाफे की तलाश में रहती है. AI के माध्यम से उन्हें काफी फायदा हो रहा है. प्रोफेसर मंसाफ आलम ने बताया, "जब औद्योगिकरण हुआ था, तब लोगों को नौकरियां मिलीं. कंप्यूटर के आने से भी नौकरियों में बढ़ोतरी हुई.

हर कंपनी आपस में जुड़ गई. लेकिन AI के मामले में ऐसा नहीं है. AI के आने के बाद इंसानों की जगह मशीनों ने ले ली, जिससे कई नौकरियां खत्म होने का खतरा है. भविष्य में कंपनियां एक बार AI पर निवेश करके लंबे समय तक मुनाफा कमा सकेंगी."

AI के आने से सिर्फ स्पेशलिस्ट ही इंडस्ट्री में काम कर सकेंगे, और वे भी AI की मदद से. यह समय की मांग है. अब हर व्यक्ति को AI के साथ काम करना सीखना होगा. अन्यथा वे पीछे छूट जाएंगे.

शिक्षा क्षेत्र में AI का प्रभाव

शिक्षा के क्षेत्र में भी AI एक बड़ा बदलाव ला सकता है. पहले शिक्षक चौक और ब्लैकबोर्ड से पढ़ाया करते थे, अब वे कंप्यूटर का उपयोग कर रहे हैं. इससे शिक्षकों का कार्यक्षेत्र भी बदल गया है. पहले शिक्षक सिर्फ जानकारी प्रदान करते थे, अब वे 'ज्ञान सुविधाकर्ता' बन गए हैं.

प्रोफेसर आलम के अनुसार, "आज के समय में छात्रों के पास बहुत से टूल्स हैं, जैसे यूट्यूब, इंटरनेट आदि, जिनसे वे पढ़ सकते हैं। ऐसे में शिक्षकों को न केवल ज्ञान देना होगा, बल्कि 'स्मार्ट कंटेंट' भी प्रदान करना होगा ताकि वे प्रभावी रूप से अपने छात्रों को सिखा सकें."

AI की मदद से हर स्कूल, कॉलेज और संस्थान अपनी कक्षाओं को हमेशा के लिए लाइव कर सकते हैं. इससे छात्र कभी भी और कहीं से भी पढ़ सकते हैं. AI के जरिए 24*7 लाइव टीचिंग संभव हो सकती है. इसलिए अब शिक्षकों को अपने विषय के साथ-साथ AI भी सीखना होगा, ताकि वे अपने छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर सकें.


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जमिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर मंसाफ आलम


स्वास्थ्य क्षेत्र में AI की भूमिका

AI स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी क्रांति ला सकता है. कोरोना महामारी के दौरान, जब डॉक्टर मरीजों से सीधे नहीं मिल पा रहे थे, तब वैज्ञानिकों ने सोचा कि क्यों न मशीनों को ही सोचने और इलाज करने की शक्ति दी जाए. इसी विचार से 'वर्चुअल हॉस्पिटल्स' का जन्म हुआ, जहां रोबोट्स मरीजों का ऑपरेशन करते हैं और दवाइयां प्रिस्क्राइब करते हैं.

प्रोफेसर आलम का मानना है, "AI की मदद से हम नई बीमारियों की पहचान कर सकते हैं. उनके उपचार का तरीका भी खोज सकते हैं. आज के समय में चिकित्सा क्षेत्र में जितनी भी प्रगति हुई है, उसका बड़ा हिस्सा टेक्नोलॉजी की देन है. पहले X-ray की रिपोर्ट आने में एक सप्ताह का समय लगता था, लेकिन अब एक घंटे में रिपोर्ट मिल जाती है. AI से इलाज न केवल तेज़ होगा, बल्कि सस्ता भी होगा, हमें अधिक लोगों की जरूरत नहीं होगी."

साइबर क्राइम और AI

AI के तेजी से विकास के साथ साइबर अपराधों का खतरा भी बढ़ रहा है. आज के समय में फेक न्यूज़, डीपफेक और अन्य साइबर क्राइम्स का सामना करने के लिए AI महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. प्रोफेसर आलम का कहना है, "हर तकनीक के फायदे के साथ नुकसान भी होते हैं.

AI की मदद से हम फेक न्यूज़ को फिल्टर कर सकते हैं, जैसा कि कई कंपनियां कर रही हैं. इसके लिए सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे . साइबर कानून को और मजबूत करना होगा."साइबर अपराधों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर एक यूनिवर्सल लॉ बनाने की जरूरत है, ताकि तुरंत कार्रवाई की जा सके.

हैकर्स, जिन्हें कभी अपराधी माना जाता था, आज विभिन्न देशों के साथ मिलकर साइबर क्राइम्स से निपटने में मदद कर रहे हैं. हमें जरूरत है कि हम इस मुद्दे पर गंभीरता से सोचें और साइबर सुरक्षा को और मजबूत करें.

AI के माध्यम से सभी क्षेत्रों में प्रगति

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसी तकनीक है, जो न केवल हमारे जीवन को सरल बनाएगी,हर क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी. चाहे वह स्वास्थ्य हो, शिक्षा हो, फाइनेंस हो या प्रशासन, AI के माध्यम से सभी क्षेत्रों में प्रगति होगी. हालांकि इसके साथ साइबर सुरक्षा और नौकरियों के नुकसान जैसी चुनौतियां भी सामने आएंगी, लेकिन सही दिशा में काम करके इनका समाधान निकाला जा सकता है.