AI सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव से समाज को बदल देगी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 28-10-2024
AI will change society with positive and negative impacts
AI will change society with positive and negative impacts

 

महफूज आलम/पटना

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI )वर्तमान युग की सबसे बड़ी तकनीक है जो समाज को पूरी तरह से बदल देगी.कहा जाता है कि प्रौद्योगिकी का विकास सुविधा प्रदान करने के साथ मानव जीवन के विकास में एक मील का पत्थर है.आधुनिक युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता मशीन है जो बिल्कुल मानव मस्तिष्क की तरह काम करती है.कठिन कार्यों को सरल बनाकर लोगों के सामने रखेगी.

इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव होंगे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम कर रहे शाहनवाज हुसैन ने आवाज द वॉयस से बात करते हुए ये विचार व्यक्त किए. शाहनवाज हुसैन आईआईटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं और फिलहाल चौथे साल के छात्र हैं.

शाहनवाज हुसैन के मुताबिक,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस,आर्टिफिशियल मशीन लर्निंग तकनीक है, जिसे आने वाले दिनों में सभी को अपनाना होगा.जो लोग इस तकनीक को नहीं अपनाएंगे वे पिछड़ जाएंगे.

एआई को इंसानों जितना बुद्धिमान बनाया जा रहा है

शाहनवाज हुसैन के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डेटा के आधार पर काम करता है. यानी इसमें जितना अच्छा डेटा फीड किया जाएगा, उसका प्रदर्शन उतना ही बेहतर होगा.आजकल कंप्यूटर को इंसानों जितना बुद्धिमान बनाया जा रहा है.

हर छोटी-बड़ी चीज़ यहां तक ​​कि हम इंसान के काम और अलग-अलग भाषाओं का डेटा भी कंप्यूटर को उपलब्ध करा रहे हैं.इस डेटा के आधार पर कंप्यूटर यह समझने लगा है कि इंसान कैसे काम करते हैं.उनकी ज़रूरतें क्या हैं.

इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जाता है. इसका मतलब यह है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को यह पता चल गया है कि कोई इंसान है और वह फलां काम करता है. एआई के पास पूर्ण इंटरनेट पहुंच है और उसके आधार पर यह अपनी प्रतिक्रिया और कार्य कार्रवाई तैयार करता है.

शाहनवाज हुसैन कहते हैं कि उदाहरण के तौर पर किसी को कुछ लिखना है और उन्हें इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं है,लेकिन वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से एक बेहतरीन आर्टिकल लिख सकते हैं.अपना काम आसानी से कर सकते हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अच्छे और बुरे लेख लिखना जानता है.

यह चेहरों को भी पढ़ता है.चेहरे को देखकर छात्रों या कर्मचारियों की उपस्थिति बनाता है.उन्होंने कहा कि भाषा प्रसंस्करण, छवि प्रसंस्करण और मशीन लर्निंग के साथ स्वास्थ्य, शिक्षा-वाणिज्य और कई अन्य क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता में लगातार सुधार हो रहा है.

 उन्होंने कहा कि आज यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता कि छह महीने बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में किस स्तर पर और कितनी बड़ी क्रांति आएगी. शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास की गति काफी तेज है.अब इसे जीवन के हर क्षेत्र में उपयोग करने का प्रयास किया जा रहा है.

समाज पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव

शाहनवाज हुसैन का कहना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता निस्संदेह समाज पर गहरा प्रभाव डालेगी.यह तकनीक समाज को बहुत कुछ बदल देगी.बहुत कुछ बदलना शुरू भी हो चुका है.कोडिंग हम जैसे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर बनाने वाले लोगों के लिए की जाती है.

अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस खुद ही कोडिंग करने लगा है. इसलिए यह कहना अनुचित नहीं है कि इंजीनियरिंग की नौकरियां भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता से प्रभावित होंगी.लेकिन यह भी एक सच्चाई है.कृत्रिम बुद्धिमत्ता की कमान ऐसे लोगों के हाथ में होनी चाहिए जो इसे बता सकें और इससे काम करा सकें.

मैं कहता हूं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करके हम अपना समय बचा सकते हैं, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि काम के लिए अभी भी मनुष्यों की आवश्यकता होगी.इसी तरह, कृत्रिम बुद्धिमत्ता नई नौकरियाँ पैदा करेगी.नौकरी के नए अवसर खुलेंगे.

यह सच है.मौजूदा प्रकार की नौकरियों में बदलाव हो सकता है.वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्सपर्ट, डेटा एनालिस्ट, रोबोटिक्स इंजीनियर की मांग बढ़ रही है.शाहनवाज हुसैन का कहना है कि जिस तरह से मोबाइल आने से समाज में बड़ा बदलाव आया, नौकरी के नए अवसर प्राप्त हुए, उसी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी बड़ा बदलाव लाएगा.

इसमें रोजगार के काफी अवसर मिलेंगे. यह बदलाव हर जगह देखने को मिलेगा. जिस तरह मोबाइल प्रौद्योगिकी ने जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार किया है, उसी तरह हम जो कुछ भी देखना चाहते हैं वह स्मार्टफोन पर तुरंत उपलब्ध है.मोबाइल टेक्नोलॉजी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, लोगों की जीवनशैली और ऑनलाइन कॉमर्स को जबरदस्त बढ़ावा दिया है. अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समाज में बड़ा बदलाव लाने जा रहा है.

कृत्रिम बुद्धिमत्ता का सकारात्मक पक्ष

शाहनवाज हुसैन का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस न केवल डेटा का विश्लेषण करके हमें बेहतर सामग्री प्रदान कर रहा है,कार्यालयों में लोग इसका उपयोग मेल, मीटिंग, अपने काम का विश्लेषण करने और योजनाएं बनाने के लिए कर रहे हैं.साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फ़ोटो बनाने और संपादित करने में अद्भुत काम कर रहा है.

पहले लोगों को फोटो बनाने के लिए उसके एक्सपर्ट के पास जाकर उसे डिजाइन करना पड़ता था.आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब उसे तुरंत बना रहा है.निस्संदेह, कृत्रिम बुद्धिमत्ता लोगों को नई चीजें सीखने का अवसर देगी,जो भविष्य की नौकरियों के लिए आवश्यक होंगी.

शाहनवाज हुसैन के मुताबिक,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से शिक्षा क्षेत्र में काफी फायदा होगा. छात्र और शिक्षण और अनुसंधान से जुड़े लोग कृत्रिम बुद्धिमत्ता से अपना ज्ञान बढ़ा रहे हैं.भविष्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता शिक्षा क्षेत्र को बहुत कुछ देने वाली है.2021के बाद AI ने समाज को बदलना शुरू कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप AI के कार्य और उपस्थिति की चर्चा हर जगह होने लगी है.

रोज़गार पर AIका प्रभाव

शाहनवाज हुसैन का कहना है, “किसी भी तकनीक के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव होते हैं.कृत्रिम बुद्धिमत्ता भी ऐसी ही है.यह एक सॉफ्टवेयर है.डेटा और एल्गोरिदम पर चलता है.डेटा जितना बेहतर होगा, परिणाम उतना ही अच्छा होगा.

चूंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल लोग करेंगे और एआई उन्हें कमांड देने और पूछने का काम करेगा, इसलिए कहा जा सकता है कि नौकरियां ज्यादा खतरे में नहीं हैं, लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीनी नौकरियों की जगह ले सकता है.

कई देशों में दैनिक कार्यों को कृत्रिम बुद्धि द्वारा करने का प्रयास किया जा रहा है.साथ ही, नियोजित लोगों की संख्या में कमी आ सकती है.किसी कार्य को करने के लिए कम लोग कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके अधिक काम कर पाएंगे.

सच्चाई यह है कि जो लोग कृत्रिम बुद्धिमत्ता का बेहतर उपयोग करते हैं, वे अपने सहकर्मियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेंगे , इस प्रकार नौकरी का जोखिम इस बात पर निर्भर करेगा कि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता को समझते हैं या नहीं.इसलिए मैं कहता हूं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता को अपनाना चाहिए और लोगों को भविष्य की चुनौतियों के लिए अभी से तैयार रहना चाहिए.

कृत्रिम बुद्धि के प्रतिकूल प्रभाव

निस्संदेह, कृत्रिम बुद्धिमत्ता कुछ क्षेत्रों में नौकरियों को प्रभावित करेगी. उदाहरण के लिए, डेटा विश्लेषण और ग्राहक सेवा में. एआई मानव कार्य करने के लिए अपने सॉफ़्टवेयर टूल का उपयोग करेगा.इसके अलावा, चूंकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता बड़ी मात्रा में डेटा एकत्र और संसाधित करती है, इसलिए यह निजी जानकारी की सुरक्षा की समस्या पैदा कर सकती है.

नकली फ़ोटो, नकली समाचार या प्रचार के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करने से नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.इसके लिए जरूरी है कि सरकार की ओर से एक उचित रणनीति बनाई जाए ताकि कोई भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दुरुपयोग न कर सके.या फिर एक ऐसा तंत्र विकसित किया जाए जो यह बताने में सक्षम हो कि क्या नकली है.

शाहनवाज हुसैन के मुताबिक,एआई के इस्तेमाल से लोगों की रचनात्मकता कम हो जाएगी, लेकिन जो लोग एआई का इस्तेमाल करेंगे उनकी रचनात्मकता जिंदा रहेगी.

एआई हर क्षेत्र में मौजूद होगा

एआई के मामले में भारत अभी भी पीछे है.कुछ कंपनियां इस संबंध में काम कर रही हैं. रोबोट अब खाना खा रहे हैं. एआई को रोबोट में डाला जाएगा.शानदार काम किया जाएगा.AI सब कुछ जानता है.उसके पास हर किसी का डेटा होता है.

एआई सॉफ्टवेयर है.रोबोट को हाथ और पैर दिए गए हैं.भविष्य में AI रोबोट आसानी से उपलब्ध होंगे.एक स्मार्ट घर बनाया जा रहा है. एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता रोबोट घर को चालू और बंद करने के साथ बच्चों पर नजर रखेगा.घर में बच्चा सो रहा है और आपने एआई से कहा कि अगर कोई हलचल हो तो हमें मैसेज करें.

आपको खुद को अपडेट करना होगा

शाहनवाज हुसैन कहते हैं कि कुल मिलाकर कह सकता हूं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर समाज को खुद को अपडेट करना होगा. जिस तरह पुरानी पीढ़ी के लोगों ने खुद को मोबाइल से अपडेट किया.उसे चलाना सीखा.

उसी तरह हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संबंध में भी खुद को अपडेट करना होगा.जो ऐसा नहीं करते, उन्हें बढ़ी हुई चिंता का अनुभव हो सकता है.जो लोग अशिक्षित हैं या जिनकी साक्षरता दर कम है, यदि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता को समझने और उसका उपयोग करने में पीछे रह जाते हैं तो उनके और भी पीछे छूट जाने की संभावना है.

शाहनवाज हुसैन कहते हैं, “मेरी शाखा कंप्यूटर साइंस है और मैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी काम कर रहा हूं, इसलिए मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि वर्तमान समय एआई का है, जिसका उपयोग न केवल शैक्षिक गुणवत्ता बल्कि स्वास्थ्य, व्यापार और हमारी अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है सुधार भी किया जा सकता है.

इसका मतलब यह नहीं है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग मनुष्य बुरे काम करने के लिए कर सकता है.AI सब कुछ जानता है, इसके पास वह सब कुछ करने के लिए पर्याप्त डेटा है जो आप करना चाहते हैं.जो चीजें नहीं की जानी चाहिए, लोग AI के साथ कर सकते हैं.

इस संबंध में सरकार को गंभीर होने की जरूरत है.समाज को जागरूक होने की जरूरत है ताकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का बेहतर इस्तेमाल किसी के करियर बनाने और अपने फायदे के लिए किया जा सके न कि नकारात्मक कार्यों के लिए.