सऊदी अरब के ग्रैंड मस्जिद में अब तीर्थयात्रियों और आगंतुकों के अनुभव को उन्नत करने के लिए अत्याधुनिक एआई और रोबोटिक्स तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस नई पहल को लेकर महमहीम शेख डॉ. अब्दुलरहमान अल-सुदैस ने दुरया कंपनी और एसडब्ल्यूबी तकनीकी विकास कंपनी की सराहना की है, जिन्होंने मिलकर इन उन्नत सेवाओं का विकास किया. इस परियोजना ने केवल तीन महीनों में सफलता हासिल की है, जिससे यह साफ है कि तकनीकी क्षेत्र में सऊदी अरब की प्रतिबद्धता कितनी गहरी है.
एआई और रोबोटिक्स का उपयोग तीर्थयात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने में
ग्रैंड मस्जिद के मामलों के महासचिव शेख डॉ. अब्दुलरहमान अल-सुदैस ने इस प्रौद्योगिकी के लॉन्च के दौरान कहा, “हमारा उद्देश्य तीर्थयात्रियों और आगंतुकों को एक सहज, सम्मानजनक और धार्मिक रूप से सही अनुभव प्रदान करना है.
इसके लिए हम स्मार्ट रोबोटों और इलेक्ट्रॉनिक फतवा सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं. इस पहल के जरिए हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी सेवाएँ इस्लामी शरिया के अनुरूप और उच्चतम स्तर की हों.”
इस नए प्रोजेक्ट के तहत, रोबोट्स को मस्जिद में विशेष रूप से मार्गदर्शन और अनुष्ठान सहायता प्रदान करने के लिए तैनात किया गया है.
यह एक ऐसा स्मार्ट सिस्टम है, जो श्रद्धालुओं को उनके धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान सहारा प्रदान करता है, जैसे कि नमाज़ के समय में सही दिशा की जानकारी देना, अनुष्ठान संबंधित सुझाव और मार्गदर्शन देना, और इलेक्ट्रॉनिक रूप से शरिया से जुड़े फतवे प्रदान करना.
यह पहल क्यों महत्वपूर्ण है?
इस नई तकनीकी पहल का उद्देश्य केवल तीर्थयात्रियों को सेवाएँ प्रदान करना ही नहीं है, बल्कि यह सऊदी अरब के विजन 2030 के डिजिटल परिवर्तन कार्यक्रम का भी हिस्सा है. इस योजना का एक बड़ा उद्देश्य हरमैन शरीफैन के क्षेत्र में तकनीकी प्रगति और तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को प्राथमिकता देना है.
सऊदी अरब ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी तकनीकी क्षमता और डिजिटल बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय सुधार किया है. इस दिशा में नई रोबोटिक सेवाओं की शुरुआत, सऊदी अरब के महत्वाकांक्षी भविष्य को दर्शाती है, जहां धार्मिक स्थल परंपरा और आधुनिक तकनीक का मिलाजुला रूप होगा.
स्मार्ट रोबोटों की कार्यप्रणाली
यह स्मार्ट रोबोट्स विभिन्न भाषाओं में संवाद करने में सक्षम हैं, जिससे वे पूरी दुनिया से आए श्रद्धालुओं को सही मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं. इन रोबोट्स में एक उन्नत इंटरफेस और डाटा प्रोसेसिंग प्रणाली है, जो उन्हें धार्मिक और सांस्कृतिक संदर्भों में प्रभावी ढंग से मार्गदर्शन करने की क्षमता प्रदान करती है.
इसके अलावा, ये रोबोट्स धार्मिक ग्रंथों और इस्लामी सामान्य सहमति के अनुसार उचित फतवे देने के लिए भी डिज़ाइन किए गए हैं.
साथ ही, ये रोबोट्स कई महत्वपूर्ण कार्यों में मदद करते हैं:
- मार्गदर्शन: श्रद्धालुओं को मस्जिद में सही दिशा में प्रार्थना करने में मदद करना.
- सांस्कृतिक सामंजस्य: विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं में एकता और सहिष्णुता का संदेश फैलाना.
- ई-फतवा सेवा: श्रद्धालुओं को शरिया के अनुरूप डिजिटल फतवे प्रदान करना.
- स्मार्ट इंटरफेस: रोबोट्स का उपयोग श्रद्धालुओं द्वारा अन्य सहायता प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है, जैसे कि मस्जिद में सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करना.
डिजिटल परिवर्तन का हिस्सा
इस पहल का हिस्सा होने के कारण, यह पूरी तरह से सऊदी अरब के विजन 2030 योजना के तहत सऊदी अरब की डिजिटल विकास दृष्टिकोण को दर्शाता है. इसके माध्यम से सऊदी अरब अपनी धार्मिक स्थलों को और भी आधुनिक बना रहा है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक आरामदायक, सुविधाजनक और प्रौद्योगिकी आधारित अनुभव प्रदान करता है.
इसके अतिरिक्त, यह रोबोटिक्स और एआई का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों को एक नई दिशा देने में मदद करता है, जिससे प्रौद्योगिकी को पूजा के परंपरागत तरीकों में भी शामिल किया जा सकता है.
इनोवेशन और पारंपरिकता का मिलाजुला रूप
सऊदी अरब की इस नई पहल से यह स्पष्ट होता है कि वह अपनी परंपराओं को बनाये रखते हुए आधुनिकता और प्रौद्योगिकी को किस प्रकार आत्मसात कर रहा है.
शेख डॉ. अल-सुदैस ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि हम भविष्य में इस्लामिक सेवाओं को और अधिक उन्नत बनाएं, साथ ही श्रद्धालुओं के अनुभव को नया रूप दें, ताकि हर कोई धार्मिक अनुष्ठान करने में अधिक जुड़ा हुआ महसूस कर सके.”
सऊदी अरब के डिजिटल भविष्य की ओर
ग्रैंड मस्जिद में एआई और रोबोटिक्स सेवाओं की शुरुआत सऊदी अरब के डिजिटल भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है.
यह न केवल श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए एक नई तकनीकी दिशा प्रदान करता है, बल्कि यह सऊदी अरब के वैश्विक स्तर पर तकनीकी प्रगति और डिजिटल दृष्टिकोण को भी मजबूत करता है.
आने वाले समय में, इस प्रकार की नई पहलें अन्य धार्मिक स्थलों पर भी लागू की जा सकती हैं, जिससे पूरी दुनिया में मुस्लिम समुदाय को एक नई प्रौद्योगिकी-समर्थित सेवाओं का लाभ मिल सकेगा.