फैजान खान /आगरा
उत्तर भारत के सबसे मशहूर जनकपुरी महोत्सव की राम बारात इस बार भी बेहद शानदार और अलग रही. रात को बारात तो प्रभु श्री राम की निकाली गई, पर इसमें सर्वधर्म सद्भाव समावेश देखने को मिला. लोग तारीफ किए बिना नहीं रहे.
इस बार रामबारात का जोरदार स्वागत मुस्लिमों की ओर से किया गया. यह नजारा देख लोगों के मुंह से अनायास निकला- असली भारत तो यही है.
आगरा में जनकपुरी महोत्सव के तहत रामबारात निकाली जाती है. इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. मगर, इसमें सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहती है, भगवान श्री राम की बारात.
ये बारात तब और भी ज्यादा खूबसूरत हो जाती है, जब इसमें सर्वधर्म के लोग शामिल हांकर इसे सद्भावना की बारात बना देते हैं. इसके अलावा राम बारात में एक और खास चीज देखने को मिली वो थी कि बारात तो श्री राम की थी, पर बारातियों का स्वागत करने वाले रहीम, सलीम, समी, अयूब, कादिर जैसे दर्जनों अल्लाह के बंदे शामिल रहे.
राम बारात का शुभारंभ मनकामेश्वर मंदिर से हुआ. इसके बाद रावतपाड़ा, जोहरी बाजार, छत्ता बाजार, कचहरी घाट, बेलनगंज, पथवारी, धूलियागंज, घटिया आजम खां, सेव का बाजार, फुलट्टी बाजार, किनारी बाजार होते हुए वापस मनकामेश्वर मंदिर समाप्त हुई.
इस दौरान सेव का बाजार में भारतीय मुस्लिम विकास परिषद और उत्तर प्रदेश सर्वदलीय मुस्लिम एक्शन कमेटी की ओर से राम बारात का शानदार स्वागत किया गया.
झांकियों के संचालकों का साफा बांधकर सम्मानित किया गया. इस बीच बारातियों पर गुलाब के फूलों की बारिश की गई. फिर चाय, मिठाई का दौर चला.
क्या कहते हैं मुस्लिम
भारतीय मुस्लिम विकास परिषद के अध्यक्ष समी आगाई ने कहा कि हम जिस मुल्क में रहते हैं, वहां की तासीर ही ऐसी है. लोग चाहे कितनी भी कोशिश कर लें हमें जुदा करने की, लेकिन हो नहीं सकते. रही
बात आगरा की तो जनकपुरी महोत्सव उत्तर भारत का सबसे बड़ा आयोजन है. भगवान राम की बारात का मुस्लिम बड़े दिल से स्वागत करते हैं. हम सभी एक साथ रहते हैं. एक दूसरे के धर्मिक आयोजनों का भी एतराम करना होगा.
उत्तर प्रदेश सर्वदलीय मुस्लिम एक्शन कमेटी के जिलाध्यक्ष सैयद इरफान सलीम ने कहा कि ताजनगरी को सुलहकुल की नगरी कहते हैं. यहां पर हिंदू-मुस्लिम सिख, ईसाई सभी आपस में बड़े ही भाईचारे के साथ रहते हैं.
हमने भगवान श्री राम की बारात का इस्तकबाल किया. इसमें बड़ी संख्या में मुस्लिमों ने शिरकत की. झांकियों के प्रमुखों को साफा बांधा तो बारातियों को मिठाई खिलाई. इससे सर्वधर्म की सबसे शानदार मिसाल और कोई नहीं हो सकती.
स्वागत करने वाले ये रहे
इसतकबाल करने वालों में सूफी बुंदन मियां, चौधरी सलाउद्दीन, इमामउद्दीन, इमरान, अयूब खान, आमिल खान, कामिल खान, सैयद इमरान, बबलू, अकील, आकिल आदि मौजूद रहे.