नई दिल्ली. पिछले कुछ दिनों से देश में औरंगजेब पर विवाद को जबरदस्त तूल दिया गया. खासकर असदुद्दीन ओवैसी और अबू आजमी जैसे मुस्लिम नेताओं ने अपनी टिप्पणियों से विवाद को बढ़ावा दिया. ऐसे नेताओं को फिलहाल जफर सरेशवाला ने करारा जवाब दिया है. मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर जफर सरेशवाला ने सख्त लहजे में कहते हैं कि असदुद्दीन ओवैसी और अबू आजमी जैसे लोग मुस्लिम समाज के नेता नहीं हैं.
औरंगजेब की कब्र वाले विवाद पर जफर सरेशवाला कहते हैं - ‘‘औरंगजेब की कब्र से मुसलमानों को कोई फर्क नहीं पड़ता. इस्लाम में कब्र नष्ट हो जाते हैं अपने आप. बॉडी गलने के बाद, वहां किसी और की कब्र बनाने का प्रावधान भी है. पूर्व चालंसर का कहना है कि मुस्लिम समाज शिक्षा, व्यापार और रोजगार चाहता है.’’
औवैसी और अबू आजमी पर भड़कते हुए जफर सरेशवाला अपने बयान में कहते हैं - ‘‘कुछ नेता, जैसे ओवैसी और अबू आजमी मुस्लिम समाज के नेता नहीं हैं. ये अपनी सियासी रोटी चमकाने के लिए लोगों को भड़काते हैं. दोनों ही जगह कुछ एक ऐसे लोग हैं, जो विवादित बयान देकर मुस्लिम समाज को भड़काने का प्रयास करते हैं. ये मुसलमानों का मसला नहीं, ये राज्य सरकार और एएसआई का विषय है. इसमें मुसलमानों को नहीं पड़ना चाहिए. सरकार जब चाहे हटा दे कब्र, हमको कोई फर्क नहीं पड़ता.’’
जफर सरेशवाला कहते हैं कि बाबरी और औरंगजेब में फर्क है. बाबरी मस्जिद थी और ये कब्र है. पूर्व चांसलर का कहना है कि औरंगजेब सही था या गलत था, उसे अकादमिक दायरे में रहकर समझा जाना चाहिए. वहां इसकी चर्चा हो, जहां पढ़ाया जाए कि वो क्रूर था या नहीं, लेकिन इसको राजनीति मुद्दा नहीं बनाना चाहिए.