बांग्लादेश में पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की मौजूदगी से चिंतित हूं: जनरल उपेंद्र द्विवेदी, सेना प्रमुख

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 19-02-2025
Upendra Dwivedi
Upendra Dwivedi

 

नई दिल्ली. भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि वह भारत के चिकन नेक क्षेत्र के करीब बांग्लादेश के इलाकों में पाकिस्तानी सेना और आईएसआई अधिकारियों की मौजूदगी से चिंतित हैं.

एक खास बातचीत में जनरल द्विवेदी ने कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत विरोधी तत्व उस धरती का इस्तेमाल भारत में आतंकवादियों को भेजने के लिए न कर पाएं.

हाल ही में, पाकिस्तानी सेना और आईएसआई अधिकारियों ने बांग्लादेश में चिकन नेक के पास भारतीय सीमा के पास बेहद संवेदनशील इलाकों का दौरा किया. जब उनसे पूछा गया कि क्या वह इस बारे में चिंतित हैं, तो सीओएएस ने सकारात्मक जवाब दिया.

जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘‘मैंने आतंकवाद के केंद्र शब्द का इस्तेमाल एक खास देश (पाकिस्तान) के लिए किया था. अब अगर वे देशवासी किसी दूसरी जगह जाते हैं और वह हमारा पड़ोसी है, तो जहां तक मेरा सवाल है, मुझे इस बारे में चिंतित होना चाहिए. उन्हें उस धरती का इस्तेमाल भारत में आतंकवादी भेजने के लिए नहीं करना चाहिए. यही बात है.’’

जनरल द्विवेदी ने कहा कि प्रशासन के साथ संबंधों को तभी परिभाषित किया जा सकता है, जब वहां निर्वाचित सरकार हो. उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक दूसरे सेटअप का सवाल है कि प्रशासन कैसा है, मेरा रुख यह है कि जब हमारे पास निर्वाचित सरकार होगी, तब हम कह सकते हैं कि हमारे संबंध कैसे होने चाहिए.’’

द्विवेदी ने कहा कि हालांकि, बांग्लादेश के साथ सैन्य संबंध बहुत मजबूत हैं. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जहां तक सैन्य संबंधों का सवाल है, तो यह बहुत मजबूत है. और हम जब चाहें नोट्स का आदान-प्रदान करने में सक्षम हैं. और यही हम कर रहे हैं.’’

जब जनरल द्विवेदी से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान अभी भी यह समझ पाया है कि कश्मीर भारतीय क्षेत्र का हिस्सा है, तो द्विवेदी ने मजाकिया अंदाज में फिल्म गाइड का उदाहरण दिया, जिसमें एक पागल आदमी कहता है, ‘‘जब तक बारिश नहीं होगी, मैं खाना नहीं खाऊंगा.’’

द्विवेदी ने कहा, ‘‘देखिए, वे अपनी ही बातों में फंस गए हैं. देव आनंद जी की एक फिल्म है, मुझे लगता है कि नारायण जी ने यह किताब लिखी है. आपको याद है, जब देवानंद जी पिछले दिनों साधु बने थे? एक पागल आदमी ने जाकर घोषणा कर दी थी कि जब तक बारिश नहीं होगी, तब तक मैं भोजन नहीं करूंगा. अब पाकिस्तान की सेना ने एक बार कहा कि हमें यह करना ही होगा. अब उनके पास इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है. इसलिए वे इसे जारी रखेंगे, देखिए कश्मीर, यह बिंदु नंबर एक है. दूसरी बात यह है कि अगर आप रॉबर्ट कापलान द्वारा लिखी गई पुस्तक रिवेंज ऑफ जियोग्राफी पढ़ेंगे, तो सिंधु के दोनों किनारे, क्या वे एक हो सकते हैं? यह एक बड़ा सवाल है, जिसे आपको देखना होगा.’’

द्विवेदी ने आगे कहा कि पाकिस्तान का एजेंडा केवल कश्मीर तक सीमित नहीं है, और वे केवल भारत विरोधी रुख को बढ़ावा दे रहे हैं. इसलिए, जहां तक उनका सवाल है, भारत का विचार उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. यह केवल कश्मीर तक सीमित नहीं है. इसलिए पाकिस्तान को एक साथ रखने के लिए, आपके पास एक साझा एजेंडा होना चाहिए जो आपको एक साथ रख सके. क्या भाषा वही है? क्या लोग वही हैं? क्या वही है? केवल भारत विरोधी रुख. इसलिए, वे हर समय कश्मीर का मुद्दा उठाते रहेंगे.