नई दिल्ली
विश्व यकृत दिवस के अवसर पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रयासों की सराहना करते हुए तेल का सेवन कम करने और मोटापे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने जैसे छोटे कदम उठाने का आह्वान किया तथा फिट और स्वस्थ भारत के निर्माण पर बल दिया.
हर साल विश्व यकृत दिवस मनाया जाता है जिसके तहत यकृत स्वास्थ्य और बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाता है. इस वर्ष का इस दिवस का ध्येय वाक्य है:‘भोजन ही औषधि है.’
मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,‘‘विश्व यकृत दिवस को उपयुक्त खानपान एवं स्वस्थ जीवन जीने के आह्वान के साथ मनाने का सराहनीय प्रयास. तेल का सेवन कम करने जैसे छोटे कदम भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं. आइए, हम सब मिलकर मोटापे के बारे में जागरूकता बढ़ाकर एक स्वस्थ और तंदुरुस्त भारत का निर्माण करें.’’
प्रधानमंत्री केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा के उस पोस्ट का जवाब दे रहे थे कि जिसमें लोगों से खाद्य तेल के सेवन में कम से कम 10 प्रतिशत की कमी लाने तथा स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का संकल्प लेने की अपील की गयी थी. पहले भी, मोदी ने मोटापे को रोकने के लिए यही आह्वान किया था.
नड्डा ने यह भी कहा, ‘‘आइए मोटापे और हमारे समाज पर इसके बढ़ते प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने का संकल्प लें. साथ मिलकर हम ऐसे भविष्य की दिशा में काम करें जहां स्वस्थ जीवन शैली आदर्श हो तथा उसकी शुरुआत हम अपने खानपान से करें.’’
उन्होंने कहा कि जब भोजन को दवा के रूप में लिया जाता है तो छोटे-छोटे बदलाव बड़े परिणाम ला सकते हैं.